एक्सक्लूसिव

- मौरंग और बालू के खनन के लिए प्रशासन कई बार जारी कर रहा है ई-टेंडर

- डीएम का कहना है कि बारिश का मौसम आने की वजह से ठेकेदार नहीं डाल रहे ई-टेण्डर

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-6 महीने के अल्पकालिक समय के लिए खनन की परमीशन दी जाती है ई टेंडर में

-4 जगहों को कानपुर नगर सीमा में चिन्हित कर खनन के लिए टेंडर आमंत्रित किए थे

-11 मई को पहली बार हुए ई-टेंडर में किसी ठेकेदार ने पार्टिसिपेट नहीं किया

-26 मई को दोबारा हुए टेंडर, सिर्फ दो जगहों के लिए कुछ ठेकेदारों ने टेंडर डाले

-9 जून को फिर ई-टेंडर ओपन किए गए हैं, 19 जून को खोले जाएंगे

kanpur@inext.co.in

KANPUR : अवैध खनन के काले कारोबार को जिसने भी किया वह कुछ ही समय में राजा बन गया। कानून का शिकंजा कसने के बाद अब इस कारोबार को ठेकेदार भी नहीं मिल रहे हैं। यूपी सरकार ने खनन को लेकर नई पॉलिसी बनाई है, जिसके बाद ई-टेंडर की शुरुआत की गई। इसमें अल्पकालिक टेंडर के तहत 6 महीने के लिए खनन की परमीशन दी जाती है। इसके लिए कानपुर एडमिनिस्ट्रेशन ने कानपुर नगर की सीमा के अंदर खनन के लिए चार जगहों को चिन्हित कर खनन के लिए टेण्डर आमंत्रित किए थे, लेकिन तीन बार ई-टेंडर के जरिए टेण्डर आमंत्रित किए जाने के बाद भी कोई टेण्डर डालने नहीं आया। यही हाल जिला पंचायत नगर के द्वारा भी कार्यो के लिए ई-टेंडर ओपन किए गए, लेकिन वहां भी कोई ठेकेदार नहीं मिला।

CBI की कार्रवाई ने डराया

योगी सरकार बनने के पहले कानपुर नगर की सीमा में महाराजपुर, बिठूर, घाटमपुर और कटरी के इलाकों में जमकर अवैध खनन होता था। कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने पूरे सूबे सहित कानपुर और आसपास अवैध खनन करने वाले और खनन को स्टोर करने वालों पर जबरदस्त तरीके से कार्रवाई की, जिसके बाद अवैध खनन पर काफी हद तक लगाम लग गई। -----------------

बालू और मौरंग के लिए जारी किए ई-टेंडर

कानपुर एडमिनिस्ट्रिेशन ने नगर की सीमा में बालू और मौरंग के लिए चार जगहों के ई-टेंडर ओपन किए गए। जिसमें पहली बार 11 मई 2017 को ओपेन हुए ई-टेंडर में किसी ठेकेदार ने पार्टिसिपेट नहीं किया। इसके बाद 26 मई को फिर ई-टेंडर ओपन किया गया, जिसमें चार में से सिर्फ दो जगहों के लिए कुछ ठेकेदारों ने टेंडर डाले। इसके बाद तीसरी बार 9 जून को फिर ई-टेंडर ओपन किए गए हैं। इसके लिए मंडे यानि 19 जून को टेंडर खोले जाएंगे। इसके बाद ही पता चलेगा कि बाकी दो जगहों घाटमपुर और बिल्हौर में खनन के लिए ठेकेदार मिले या नहीं।

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शहर में नहीं मिल रही बालू

शहर के बिल्डिंग मैटिरियल कारोबारी की माने तो शहर में मौरंग तो फिर भी तीन गुना रेट पर मिल जा रही है, लेकिन बालू शहर में मिल ही नहीं रही है। इसकी वजह से चल रहे निर्माण कार्यो में भारी कमी आई है। शहर में बालू और मौरंग की इतनी किल्लत के बाद भी ठेकेदार खनन के लिए राजी नहीं हैं और ई-टेंडर में भाग नहीं ले रहे हैं। वहीं पिछले साल के मुकाबले मौरंग तीन गुना महंगी बिक रही है।

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चार जगहों के लिए थे ई-टेंडर

तहसील ग्राम मैटेरियल

सदर कटरी लुधवा खेड़ा(रानीघाट) बालू

घाटमपुर समुही मौरंग

बिल्हौर कटरी दुर्गापुर बालू

बिल्हौर कटरी सनौड़ा बालू

'मानसून के दौरान तीन महीने खनन नहीं कर सकते हैं। इस वजह से अब कोई भी ठेकेदार खनन के लिए ई-टेंडर में पार्टिसिपेट नहीं कर रहा है। चार में से सिर्फ घाटमपुर और बिल्हौर के लिए ई-टेंडर कॉल किए गए हैं.'

-सुरेंद्र सिंह, डीएम, कानपुर नगर।