- महापौर ने एसएसपी से लिया था पर्सनल गनर

- तीन महीने से नहीं भरा महापौर ने गनर का पैसा

Meerut। नगर निगम महापौर के गनर का भुगतान नहीं करेगा। क्योंकि महापौर ने एसएसपी से पर्सनल गनर लिया था। महापौर को ही इसका भुगतान करना पड़ेगा। हालांकि महापौर ने गनर के भुगतान के लिए नगर निगम के पास फाइल भेजी है, लेकिन नगर निगम ने भुगतान करने से साफ इंकार कर दिया है।

यह हैं नियम

प्रोटोकॉल के आधार पर नगर निगम में महापौर का गनर देने का कोई नियम नहीं है। लेकिन फिर भी महापौर की मांग पर निगम गनर उपलब्ध कराता है। ऐसी स्थिति में भुगतान भी नगर निगम ही करता है। वहीं निगम के अधिकारियों की माने तो महापौर ने गनर के लिए निगम से कोई मांग नहीं की। इसीलिए इसका भुगतान भी निगम नहीं करेगा।

महापौर ने नगर निगम से गनर की मांग नहीं की थी। उन्होंने पर्सनल तौर में एसएसपी से गनर लिया है। लिहाजा इसका भुगतान स्वयं महापौर की करें। नगर निगम इसका भुगतान नहीं करेगा।

मनोज कुमार चौहान, नगर आयुक्त

मैंने कोई गनर की मांग नहीं की थी। निगम की ओर से अपने आप ही गनर उपलब्ध कराए गए हैं। निगम चाहे तो गनर अपने वापस बुला सकता है। इससे पहले भी महापौर को निगम की ओर से गनर उपलब्ध कराएं गए है।

सुनीता वर्मा, महापौर

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गनर की गुहार लगा रहे नेता जी

-गनर के लिए रोजाना मिल रहे करीब 150 आवेदन

- एलआईयू जांच के बाद ही दिया जाता है गनर

- एसएसपी ने आठ माह में 90 लोगों के गनर हटाए

- अभी तक 70 लोगों को नि:शुल्क गनर की सुविधा उपलब्ध

- 10, 25 या 50 प्रतिशत निजी व्यय पर मिलता है गनर

मनोज बेदी

मेरठ। गनर रखना स्टेटस सिंबल बन गया है। ऐसे में जिन्हें गनर की जरूरत है, उनके लिए मुश्किलें बढ़ जाती हैं।

गनर से रौब गालिब

अमूमन सत्ता में आने पर स्थानीय नेता सबसे ज्यादा गनर की मांग करते हैं। चूंकि भाजपा सत्ता में है, इसलिए उसके नेता गनर मांग रहे हैं। कई भाजपा नेताओं पर एक गनर है तो कुछ नेताओं के पास तीन-तीन गनर हैं। पहले सपा नेताओं ने काफी संख्या में गनर लेकर राजनीति चमकाई थी। सरकार बदलने पर उनके गनर वापस ले लिए गए।

जमा नहीं किए रुपये

आरआई महेंद्र पाल ने महापौर सुनीता वर्मा की सुरक्षा में लगा गनर वापस ले लिया है। उन्हें 10 प्रतिशत के निजी व्यय पर गनर दिया गया था। जब से वह महापौर बनी हैं, उन्होंने एक भी रुपये जमा नहीं कराया है।

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जिसे भी गनर उपलब्ध कराए जाते हैं, उनकी पहले एलआईयू जांच होती है। इसके बाद ही सुरक्षा उपलब्ध कराई जाती है।

महेंद्र पाल, आरआई, पुलिस लाइन