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लाख 63 हजार 300 बच्चे हैं जिले के प्राथमिक विद्यालयों में

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हजार छह सौ बच्चे हैं जिले के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में

मार्केट में सबसे कम रेट के स्वेटर की कीमत है लगभग 300 रुपए

तब 200 रुपए में अच्छी क्वालिटी का स्वेटर कैसे कर रहे उपलब्ध

ALLAHABAD: परिषदीय स्कूलों में बच्चों को स्कूल यूनीफार्म का स्वेटर बंटने का इंतजार भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन अब स्वेटर की क्वालिटी को लेकर विवाद शुरू हो गया है। परिषदीय स्कूलों के स्टूडेंट्स को नि:शुल्क स्वेटर बांटने के लिए सरकार की ओर से दो सौ रुपए निर्धारित किए गए हैं, जबकि मार्केट में सबसे घटिया क्वालिटी के स्वेटर की कीमत भी 200 रुपए से अधिक है। अब सवाल ये खड़ा हुआ है कि ऐसे में गुणवत्ता पूर्ण स्वेटर की सप्लाई कैसे होगी? जानकारों की मानें तो 200 रुपए में अच्छी क्वालिटी का स्वेटर उपलब्ध कराना संभव नहीं है।

300 में भी अच्छा स्वेटर नहीं

मार्केट में स्वेटर की क्वालिटी जानने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने होलसेलर टंडन ऊन वाले के ओनर आनंद जी टंडन ऊर्फ पप्पन जी से बातचीत की। उन्होंने बताया कि स्वेटर की क्वालिटी उसमें यूज किए गए मैटेरियल के आधार पर निर्धारित होती है। नार्मल मैटेरियल में भी सबसे कम क्वालिटी के स्वेटर की कॉस्ट होल सेल में करीब 300 रुपए है। स्कूल यूनिफार्म के लिए भी गुणवत्तापूर्ण स्वेटर की कीमत 300 रुपए से अधिक है। 200 रुपए में स्वेटर की बात की जाए तो सिर्फ कामचलाऊ स्वेटर ही बन पाएगा।

स्वेटर की क्वालिटी उसके लेयर से बढ़ती है। सबसे खराब क्वालिटी के स्वेटर की कीमत भी 300 रुपए आती है। ऐसे स्वेटर पहनने या नहीं पहनने से कोई खास फर्क नहीं पड़ता है।

आनंद जी टंडन ऊर्फ पप्पन भैया

टंडन ऊन वाले

अगर इतने में स्वेटर उपलब्ध होता तो सरकार खुद ही बांट देती। 200 रुपए में स्वेटर मार्केट में मौजूद ही नहीं है। ऐसे में स्वेटर बांटने की व्यवस्था सिर्फ खानापूरी बन कर रह जाएगा।

देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव

जिलाध्यक्ष

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ

प्राथमिक शिक्षक संघ ने दिया ज्ञापन

सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों के बच्चों को स्वेटर उपलब्ध कराने के लिए सिर्फ दो सौ रुपये दिए जाने को कम बताते हुए उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने सोमवार डीएम को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में जिलाध्यक्ष देवेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा है कि 3 जनवरी के शासनादेश के अनुसार 200 रुपए प्रति स्टूडेंट्स के हिसाब से स्वेटर खरीदने का निर्देश मार्केट रेट से काफी कम है। इस मौके पर जिलाध्यक्ष देवेन्द्र श्रीवास्तव, जिला मंत्री चिंतामणि त्रिपाठी समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।