पोस्टमार्टम में फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मौजूदगी पर घमासान

-परिजन नाराज, सीएम से मिलकर करेंगे शिकायत

-एसआईटी ने शुरू की जांच, रेस्टोरेंट की सीसीटीवी फुटेज कब्जे में

-मृतक के दोनों मोबाइल की तीन महीने की सीडीआर की भी पड़ताल

LUCKNOW : आईएएस अनुराग तिवारी की संदिग्ध हालात में मौत की गुत्थी सुलझने के बजाय समय के साथ उलझती जा रही है। अनुराग की मौत को हत्या बता रहे परिजनों ने पोस्टमार्टम के दौरान पैनल में शामिल न होने के बावजूद यूपी फॉरेंसिक लैब के फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मौजूदगी पर सवाल खड़े किये हैं। इससे नाराज परिजनों ने शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलकर करने की बात कही है। उधर, इस पूरे मामले की जांच के लिये बनी एसआईटी ने शुक्रवार को विधिवत ढंग से अपनी जांच शुरू कर दी है।

पैनल में नाम नहीं फिर क्यों रहे मौजूद

बीते बुधवार की सुबह हजरतगंज के मीराबाई मार्ग स्थित वीआईपी गेस्ट हाउस के सामने रोड पर आईएएस अनुराग तिवारी अचेत पड़े मिले थे। अनुराग का चेहरा खून से सना हुआ था और उनकी ठुड्डी पर कट का निशान मौजूद था। मौके पर पहुंची पुलिस ने सिविल हॉस्पिटल पहुंचाया। जहां उन्हें डेड डिक्लेयर कर दिया गया। जिसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया था। मामला आईएएस ऑफीसर से जुड़ा होने की वजह से पोस्टमार्टम के लिये चार डॉक्टर्स का पैनल बनाया गया। पैनल की अगुवाई फॉरेंसिक मेडिसिन के डॉक्टर अरुण कुमार वर्मा कर रहे थे। पर, बताया जाता है कि पोस्टमार्टम के दौरान यूपी फॉरेंसिक लैब के एक अन्य एक्सपर्ट भी मौजूद रहे। जबकि, पैनल में उनका नाम शामिल नहीं था। उनकी मौजूदगी ने सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर वे वहां पर किस हैसियत या फिर किसके आदेश पर मौजूद थे। परिजनों का आरोप है कि बिना वजह उनकी पोस्टमार्टम के दौरान मौजूदगी संदेह पैदा करती है। इसलिए वे उनकी शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलकर करेंगे।

एसआईटी ने शुरू की जांच

पूरे मामले की जांच के लिये गठित एसआईटी ने शुक्रवार को विधिवत ढंग से जांच शुरू कर दी। एसआईटी के प्रभारी सीओ हजरतगंज अवनीश कुमार मिश्र ने बताया कि मृतक अनुराग तिवारी के दोनों मोबाइल नंबरों की बीते तीन महीने की कॉल डिटेल रिपोर्ट को निकवाया गया है और उसकी पड़ताल की जा रही है। उन्होंने बताया कि जांच में पता चला है कि गुरुवार रात मृतक अनुराग खाना खाने के लिये हजरतगंज स्थित आर्यन रेस्टोरेंट गए थे। वे वहां पर रात 9 बजे से 10.30 बजे तक रहे। उनके साथ कौन-कौन मौजूद था, इसकी जांच के लिये रेस्टोरेंट की सीसीटीवी फुटेज को कब्जे में लिया गया है। इसके अलावा टीम ने गेस्टहाउस में नाइट ड्यूटी पर मौजूद चार कर्मचारियों सीनियर रिसेप्शनिस्ट आरिफ हुसैन, जूनियर असिस्टेंट जितेंद्र वर्मा, चपरासी कृष्णा चतुर्वेदी, राजनारायण, गेस्ट हाउस के बाहर चाय का ठेला लगाने वाले बहराइच निवासी सुनील कुमार, दूसरा चाय वाला गोंडा निवासी शेरू, खाने का होटल चलाने वाले जंगी और उसकी दुकान में काम करने वाले धकेलू से पूछताछ की है।

न जाते देखा न आते

सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में गेस्ट हाउस के कर्मचारियों ने बताया कि रात से लेकर सुबह तक उन्होंने आईएएस अनुराग तिवारी को न तो गेस्टहाउस के भीतर जाते देखा और न ही निकलते हुए ही उन्हें किसी ने देखा। टीम के सामने सवाल उठ खड़ा हुआ है कि रिसेप्सनिस्ट तो गेट के सामने मौजूद था फिर उसकी नजर अनुराग पर क्यों नहीं पड़ी।

जीडी में दर्ज की एलडीए वीसी से मिली जानकारी

सूत्रों ने बताया कि रात से ही अनुराग तिवारी के साथ मौजूद आईएएस ऑफीसर व वर्तमान में एलडीए वीसी के पद पर तैनात पीएन सिंह ने जो जानकारी पुलिस को दी है, उसे जीडी में दर्ज किया गया है। जल्द ही उनका बयान भी दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा रात को उनके संग मौजूद अनुराग के मित्रों के भी बयान लिये जाएंगे।

कर्नाटक गवर्नमेंट से मांगी जानकारी

एसआईटी प्रभारी अवनीश मिश्र ने बताया कि आईएएस अनुराग तिवारी की छुट्टी के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके लिये कनार्टक शासन को पत्र लिखकर पूछा गया है कि वे कब से कब तक छुट्टी पर थे।