- शब्दरूप सतसंगी और प्रतिभा भदौरिया को मिला प्रेसीडेंट मेडल

- डीईआई दीक्षांत समारोह में 2792 स्टूडेंट को प्रदान की गई उपाधियां

आगरा। दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट का 34 वां दीक्षांत समारोह शनिवार को सम्पन्न हुआ। समारोह में 2792 छात्र-छात्राओं को वर्ष 2015 में विभिन्न परीक्षाओं में सफलता के लिए उपाधियां प्रदान की गई। उपाधियां पाकर स्टूडेंट्स के चेहरे खुशी से खिल उठे।

इन स्टूडेंट को मिला ये सम्मान

डीईआई के दीक्षांत समारोह में 505 छात्र-छात्राओं को डिप्लोमा, 439 छात्र-छात्राओं को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। 86 स्टूडेंट्स को संस्थान के अध्यक्ष ने डायरेक्टर मेडल प्रदान किए। वहीं, स्नातकीय स्तर परीक्षाओं में सर्वोत्तम स्थान प्राप्त करने वाली शब्दरूप सतसंगी तथा सभी स्नातकोत्तरीय परीक्षाओं में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाली प्रतिभा भदौरिया को प्रेसीडेंट मेडल प्रदान किया गया। सर्वोत्तम विद्यार्थी का गौरव प्राप्त करने वाली छात्रा एस अनामिका को संस्थान के फाउन्डर्स मेडल से सुशोभित किया गया।

मुख्य अतिथि को दिया गार्ड ऑफ ऑनर

समारोह के मुख्य अतिथि, सचिव उच्चतर शिक्षा, मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार विनय शील ओबरॉय थे। कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर पर एनसीसी कैडेट्स ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। संस्थान के अध्यक्ष प्रेम कुमार ने समारोह की अध्यक्षता की। इसके बाद संस्थान के निदेशक प्रोफेसर पीके कालरा ने संस्थान की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।

आजादी के बाद आया शिक्षा में अभूतपूर्व बदलाव

मुख्य अतिथि ने बताया कि भारत की आजादी के बाद उच्च शिक्षा में अभूतपूर्व प्रगति एवं बदलाव आया है। इस परिप्रेक्ष्य में आज के समय में गुणवत्ता आधारित शिक्षा प्रणाली अत्यंत प्रासंगिक है। उन्होंने भारत सरकार की नई पहल नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क के संदर्भ में बताया कि भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों की रैंकिंग विश्वस्तर पर लाने के लिए एवं यहां की मूल्य आधारित शिक्षा को वैश्विक स्तर पर प्रसारित करने के लिए यह अत्यंत नवीन पहल है।

इन्हें मिला डिस्टिंगुइस्ट एल्युमिनाई अवार्ड

दीक्षांत भाषण के अंत में मुख्य अतिथि विनय शील ओबरॉय ने विश्वास व्यक्त किया कि दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के छात्र- छात्राओं द्वारा ग्रहण की गई उच्च शैक्षणिक योग्यता, मूल्य आधारित प्रशिक्षण एवं पवित्र संस्कार उनके जवीन की गुणवत्ता को बढ़ायेंगे तथा वे देश की प्रगति में सफल योगदान देने में पूर्णत सक्षम सिद्ध होंगे। वहीं, डीईआई का वर्ष 2015 का डिस्टिंगुइस्ट एल्युमिनाई अवार्ड डॉ। आरएस पारिख एवं बेहारी लाल को प्रदान किया गया।