- डॉ। शकुंलता मिश्रा पुर्नवास यूनिवर्सिटी का दूसरा दीक्षांत समारोह आयोजित

- कुल 67 स्टूडेंट्स को दिया गया मेडल, 241 को प्रदान हुई डिग्री

LUCKNOW: आज के समय में दिव्यांग होना कोई अभिशाप नहीं है। अब उनको सही मार्गदर्शन और थोड़े सहयोग की जरूरत है। वे भी एक आम इंसान की तरह अपना काम कर सकते हैं। यह बात डॉ। शकुंलता मिश्रा पुर्नवास यूनिवर्सिटी में आयोजित दूसरे दीक्षांत समारोह के अवसर पर बतौर चीफ गेस्ट सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कही। एसएमयू के दूसरे दीक्षांत समारोह में कुल 67 मेधावियों को मेडल प्रदान किए गए। जिसमें सर्वाधिक 44 मेडल छात्राओं को दिए गए। समारोह की राज्यपाल राम नाईक ने अध्यक्षता की। वहीं, मंच पर विकलांग कल्याण विभाग के मंत्री साहेब सिंह सैनी, लखनऊ यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो। एसबी निमसे, इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच के न्यायाधीश एसएन शुक्ला, सचिव दिव्यांग विभाग अनिल कुमार सागर व वीसी प्रो। निशीथ राय मौजूद थे।

सबसे ज्यादा मेडल छात्राओं को

इस बार भी छात्राओं ने मेरिट सूची में अपना दबदबा बनाया है वहीं, छात्रों को केवल 23 मेडल ही मिले। दीक्षांत समारोह में 241 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गई। इस बार दीक्षांत समारोह नए परिधान में आयोजित किया गया था।

जया को सबसे ज्यादा मेडल

बीएड की जया सिंह को सबसे ज्यादा 4 मेडल दिए गए। उन्हें मुख्यमंत्री सिल्वर मेडल, कुलाध्यक्ष ब्रांज मेडल, संस्कृति गोल्ड मेडल समेत बीएड में सर्वाधिक मॉ‌र्क्स पाने का गोल्ड मेडल भी दिया जाएगा। एमए हिंदी की ज्योति को तीन मेडल मिले हैं। एमएड की साक्षी और एमबीए की मुक्ता को भी तीन-तीन मेडल मिले।

लड़कों को किया सजग

दीक्षांत समारोह में अपने भाषण के दौरान राज्यपाल रामनाईक ने छात्रों को अब और सजग होने की बात कहीं। उन्होंने कहा कि अभी तक मैंने राज्य के 22 यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल हुआ हुं। उन सभी में जितने मेडल प्रदान किए गए उन सभी में छात्राओं ने हर बार छात्रों को काफी पीछे छोड़ दिया है। ऐसा ही अगर चलता रहा तो वह समय दूर नहीं जब छात्राएं हर जगह छात्रों से आगे होंगी।

एक से अधिक मेडल पाने वाले स्टूडेंट्स

नाम कोर्स मेडल संख्या

जया सिंह बीएड 4 मेडल (2 गोल्ड 1 सिल्वर 1 ब्रांज )

कु। ज्योति एमए हिंदी 3 मेडल (3 गोल्ड )

साक्षी श्रीवास्तव एमएड 3 मेडल (2 गोल्ड 1 सिल्वर )

मुक्ता यादव एमबीए 3 मेडल (3 गोल्ड )

राय विक्रम सिंह बीए 2 मेडल (1 गोल्ड 1 सिल्वर )

शिवानी सिंह बीए 2 मेडल (1 सिल्वर 1 ब्रांज )

शिवेंद्र विक्रम सिंह बीएड 2 मेडल (1 सिल्वर 1 ब्रांज )

निधी यादव एमबीए 2 मेडल (2 सिल्वर )

राम सूरत यादव एमए 2 मेडल (2 गोल्ड )

प्रीति वर्मा एमए शकुंतला मिश्रा स्मृति गोल्ड मेडल

रमनदीप सिंह बीए शकुंतला मिश्रा स्मृति गोल्ड मेडल

बॉक्स बॉक्स

मेडल विवाद की होगी जांच

वहीं दूसरी ओर दीक्षांत समारोह से पहले मेडल सूची में बदलाव की शिकायत राज्यभवन पहुंचने का मामला गरम हो गया है। खुद राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में सभी के सामने इस मामले के जांच के आदेश दिए और कहा कि अगर स्टूडेंट की ओर से लगाए गए आरोप सही है तो उसके साथ न्याय किया जाएगा। इस मामले जो भी आरोपी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होंगी।

सोचने पर किया मजबूर

जस्टिस दीपक मिश्रा जब अपने दीक्षांत भाषण के लिए बोलने जा रहे थे, उनके स्वागत करते समय वीसी प्रो। निशीथ राय ने सभी लोगों से खड़े होकर ताली बजाकर उनका स्वागत करने के कहा। इसके बाद जब जस्टिस दीपक मिश्रा अपना भाषण खत्म कर लिए उन्होंने वीसी प्रो। राय की थोड़ी क्लास भी लगा दी। उन्होंने कहा कि रामायण काल में एक ऋषि अष्टावर्क थे। एक बार जब वे राजा जनक के राज्य में पहुंचे तो देखा की उनकी सवारी निकल रही थी। ऐसे में सभी लोगों को सड़क किनारे खड़ा कर दिया गया था। इस पर उन्होंने राजा जनक से आपत्ति जाहिर की। उन्होंने सबसे पहले ट्रैफिक नियम के बारे में राजा जनक को बताया कि सड़क पर चलने का सबसे पहला अधिकार आंख से न देखने वाले का होता है, इसके बाद जिनको सुनाई नहीं देता उनका हक होता है, तीसरा बोझा ढोने वाले का और सबसे अंत में राजा का नंबर आता है क्योंकि वह सबका पालक होता है। न्यायाधीश दीपक ने इसके बाद कहा कि कुछ ऐसा ही इस यूनिवर्सिटी में है यहां पर सबसे महत्वूपर्ण यहां के दिव्यांग स्टूडेंट्स हैं, उन्हें खड़ा कर मेरा स्वागत कराना सही नहीं है।