-पीजीआईटी का पहला और केसीएमटी का छटा गया दीक्षांत समारोह मना गया

-कॉन्वोकेशन के मौके पर 150 स्टूडेंट्स को डिग्री और 13 को दिया गोल्ड मेडल

>BAREILLY:

पीजीआईटी में सैटरडे को पीजीआईटी के पहले और केसीएमटी के छटे कॉन्वोकेशन के मौके पर स्टूडेंट्स को डिग्री और मेडल दिया गया। डिग्री और मेडल पाकर स्टूडेंट्स के चेहरे खिल उठे। सुल्तानपुर के सांसद वरुण गांधी ने सभी 150 स्टूडेंट्स को डिग्रियां दीं। वहीं 13 मेधावियों को गोल्ड मेडल पहनाया।

दीक्षांत समारोह की रही धूम

दीक्षांत समारोह की शुरुआत चीफ गेस्ट सुल्तानपुर के सांसद वरुण गांधी और विशिष्ट अतिथि यूपीटीयू के पूर्व वीसी प्रो। आरके खंडाल, कार्यकारी डायरेक्टर डॉ। विनय खंडेल, प्रेम प्रकाश गुप्ता, गिरधर गोपाल, डॉ। अमरेश कुमार, डॉ। एनएल शर्मा और डॉ। युवराज भटनागर ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके किया। इसके बाद एमबीए, एमसीए, बीऑर्क के स्टूडेंट्स को उनकी मेहनत का फल दिया गया

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इन्हें मिले गोल्ड मेडल

कॉन्वोकेशन में सुधीर कुमार, मीनल शर्मा, दिव्यांशी कक्कड़, प्रगति अग्रवाल, अरीबा परवेज, शिवांगी मिश्रा, शिप्रा सिंह, पिंकी खैयारात, गरवित मिश्रा, प्रियंका अग्रवाल, नयनम मेहरोत्रा, फरहीन बी, शिवांगी कंचन को गोल्ड मेडल दिया गया।

जाति-धर्म छोड़ दें करें सहयोग

सांसद वरुण गांधी के डायस पर आते ही स्टूडेंट्स ने भारत माता के जयकारे और तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। सांसद वरुण गांधी ने बिना किसी राजनीतिक पार्टी का नाम लिए। सूबे की सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि उप्र का नाम केवल ऊट-पटांग कामों में आता है। जाति-धर्म के नाम पर लोगों को बांटा जाता है, जो विकास में बाधा का कारण बनते हैं। उन्होंने कहा कि यूपी में अफ्रीका से ज्यादा कुपोषण के शिकार बच्चे हैं। इसी दौरान उन्होंने 'तेरे-मेरे घर शीशे के, तू भी सोच-मैं भी सोचूं, फिर तेरे हाथ में पत्थर-फिर मेरे हाथ में पत्थर तू भी सोच मैं भी सोचूं' शेर कहकर माहौल जोशीला बना दिया। उन्होंने कहा कि आर्थिक असमानता देश के लिए बहुत बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा विकास के विजन में नफरत के लिए कोई जगह नहीं है। इसलिए जाति, धर्म और समुदाय को छोड़कर देश के विकास में सहयोग दें। परिवर्तन की इस कड़ी में युवा को हिस्सा बनना पड़ेगा। क्रांति लानी पड़ेगी।

अच्छा इंसान बनने की मिली सीख

स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए उन्होंने अच्छा इंसान बनने की सीख दी। उन्होंने कहा भले ही उनके नाम के पीछे गांधी शब्द होने के कारण उन्हें दो बार सांसद बनने का मौका मिला हो। लेकिन जब वह पहली बार सांसद बने, तो उनकी मां ने उन्हें अच्छा इंसान बनने की सीख दी। उन्होंने कहा भारत जब तक विश्व गुरु नहीं बन सकता जब देश का कानून अमीर और गरीब के लिए एक समान नहीं हो जाता। उन्होंने कहा अमीर बैंकों से कर्जा लेने के बाद मौज मस्ती करते रहते हैं। वहीं गरीब कर्जा नहीं चुका पाने के चलते आत्माहत्या कर लेते हैं।

एक हजार युवाओं को मिलेगा रोजगार

पीलीभीत के एक हजार युवाओं को सांसद की पहल से रोजगार मिलेगा। उन्होंने बताया कि कोडल संस्था से संपर्क कर पीलीभीत में एक यूनिट स्थापित की जाएगी, जो युवाओं को छह माह का निशुल्क प्रशिक्षण देगी। इसके बाद युवक इंटरनेट पर टेंडर पाने के लिए बिट लगाएंगे।