काशी विद्यापीठ के 37वें कन्वोकेशन में 47 के गले सजा गोल्ड मेडल

-सन् 2020 तक भारत सबसे बड़ा युवा देश

-भारत में ग्लोकल की दिशा में हो रहा वर्क- प्रो। आशुतोष

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भारत का इतिहास अंग्रेजों व मुगलों ने लिखा है। जबकि भारतीय इतिहास बहुत पुराना है। भारत के गौरवशाली इतिहास को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है। इन गलतियों को दूर करने के लिए व्यापक अध्ययन कर भारतीय इतिहास को फिर से लिखने की आवश्यकता है, ताकि देश का गौरवशाली इतिहास दुनिया के सामने आ सके। मंगलवार को गवर्नर व चांसलर राम नाईक ने यह बात महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कन्वोकेशन में कहा। वह यूनिवर्सिटी के 37वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सन् 2020 तक भारत सबसे बड़ा युवा देश बन जाएगा। ऐसे में यदि युवा शक्ति कमजोर होगी तो देश कमजोर होगा। विदेशों में लोग भारतीय प्रतिभा का लोहा मान रहे हैं। इसके बाद भी हमें आगे बढ़ने और कुछ नया करने का हौसला बनाए रखना होगा। तभी खुद, सोसाइटी व देश का भला होगा।

दिन में देखें सपने

चांसलर ने कहा कि स्टूडेंट्स को विद्यापीठ ने उड़ान भरने की ताकत दे दी है। अब आप को खुले आसमान में उड़ान भरना है। जहां हर पल कड़े कॉम्पटीशन का सामना करना होगा। कहा कि विद्यापीठ की गौरवशाली परंपरा रही है। इस गौरवशाली परम्परा को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी आपके कंधे पर है। उन्होंने गोल्ड मेडलिस्ट की लिस्ट मे 60 परसेंट ग‌र्ल्स की संख्या देख कहा कि बॉयज को कड़ी मेहनत करना चाहिए। इस मौके उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम की बात याद दिलाते हुए कहा कि स्टूडेंट्स सपने दिन में देखें और इन सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें।

ग्लोकल पर हो रहा काम

कन्वोकेशन के चीफ गेस्ट नैनो टेक्नोलॉजी के फेमस साइंटिस्ट व साइंस एंड टेक्नोलाजी डिपार्टमेंट, भारत सरकार के सेक्रेट्री प्रो। आशुतोष शर्मा ने कहा कि भारत में ग्लोबल व लोकल को जोड़कर 'ग्लोकल' की दिशा में काम चल रहा है। इसके तहत पांच लाख स्कूली स्टूडेंट्स से विचार मिलें हैं। जिन्हें सुरक्षित किया जा गया है। इसमें कक्षा छह से 12वीं तक के बच्चे शामिल हैं। इनमें से कई को पेटेंट कराया जाएगा। कहा कि हमेशा असंभव करने की सोचें। असफलता की चिंता छोड़ उन सब्जेक्ट्स पर रिसर्च करें जिनपर अब तक वर्क नहीं हुआ है। जितना जोखिम उठाएंगे उतना ही आप सुरक्षित होंगे। हमेशा पॉजीटिव रहिए, स्वप्नदर्शी व भविष्यद्रष्टा बनिए। हाई रिस्क, हाई गेन। प्रो। आशुतोष ने कहा कि तकनीकी आत्म निर्भरता की प्राप्ति, कमजोर वर्ग के जीवन स्तर में तेज व वास्तविक सुधार तथा पिछड़े क्षेत्रों का डेवलपमेंट हमारी तात्कालिक आवश्यकता है।

47 स्टूडेंट्स को मिले 48 गोल्ड मेडल

समारोह में चांसलर ने 47 टॉपर्स को 48 गोल्ड मेडल प्रदान किए। इसके अलावा 78 को पीएचडी व 98 हजार 565 को यूजी व पीजी की डिग्री प्रदान की गई। 'स्मारिका' का भी विमोचन हुआ। इससे पहले गवर्नर ने मानविकी संकाय स्थित इलाहाबाद बैंक के सामने बने भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के रीजनल ऑफिस का लोकार्पण किया। समारोह में काशी राज परिवार के डॉ। अनंत नारायण सिंह, विद्यापीठ के संस्थापक राष्ट्ररत्‍‌न शिवप्रसाद गुप्त के वंशज अम्बरीष कुमार गुप्त, अरूण कुमार गुप्त, अम्बुज कुमार गुप्त, डॉ। भगवान दास के वंशज समीरकांत सहित संस्कृत यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो। यदुनाथ दुबे, मेयर राम गोपाल मोहले, शहर दक्षिणी के एमएलए श्यामदेव राय चौधरी व शहर उत्तरी के एमएलए रविंद्र जायसवाल उपस्थित थे। संचालन डॉ। बंशीधर पांडेय व धन्यवाद ज्ञापन रजिस्ट्रार ओमप्रकाश ने किया।