-संस्कृत यूनिवर्सिटी के 32वें कन्वोकेशन में चीफ गेस्ट पद्मश्री डॉ। विजय भटकर ने व्यक्त किए विचार

-संस्कृत को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाए जाने की वकालत

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VARANASI:

'संस्कृत को प्रारंभिक कक्षाओं से पढ़ाया जाना चाहिए। संस्कृत विश्व की सभी भाषाओं की जननी है। इसे राष्ट्रभाषा का दर्जा प्राप्त होना चाहिए। यदि हम संस्कृत को कंप्यूटर की भाषा बनाएं तो केवल भारतीय ही नहीं, बल्कि एशिया की अनेक भाषाओं के उपयोग में भी सफलता मिल सकती है। ऐसे में संस्कृत व कंप्यूटर को जोड़ कर नया पाठ्यक्रम बनाने की जरूरत है.' कंप्यूटर साइंटिस्ट पद्मश्री डॉ। विजय पांडुरंग भटकर ने शुक्रवार को कन्वोकेशन में दीक्षांत भाषण में यह विचार रखा।

'क्रिमिनल्स के खिलाफ हो सख्ती'

इस अवसर पर यूपी गवर्नर राम नाईक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि देश की कानून व्यवस्था को सुधारने की जरूरत है। अपराधियों के खिलाफ केंद्र, राज्य व स्थानीय पुलिस-प्रशासन को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके लिए यूनिवर्सिटीज को ऑर्डर दिए जा चुके हैं। जनवरी के फ‌र्स्ट वीक में स्टेट की सभी यूनिवर्सिटीज के कुलपतियों व कुलसचिवों की मीटिंग बुलाई गई है।

SSU में होगी जर्नलिज्म की पढ़ाई

संस्कृत यूनिवर्सिटी में भी बहुत ही जल्द मास्टर इन जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन (एमजेएमसी) की पढ़ाई शुरू होगी। गवर्नर ने इसकी मंजूरी दे दी है। दीक्षांत समारोह के दौरान उन्होंने मीडिया को बताया कि जर्नलिज्म कोर्स चलाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई है।

वीसी ऑफिस का हुआ इनॉगरेशन

कन्वोकेशन के बाद गवर्नर राम नाईक ने सेंट्रल ऑफिस के पास बने वीसी ऑफिस का भी लोकार्पण किया। यूनिवर्सिटी के पुजारी पं। राजकुमार मिश्र ने भवन का विधिवत पूजन कराया।