- मानवाधिकार आयोग में कंप्लेन करने आया था आरटीआई एक्टिविस्ट मोहम्मद रिजवान

- दरभंगा से लेकर अब पटना में गैस एजेंसी के मनमाने रवैये के खिलाफ उठाएगा आवाज

- एक हजार करोड़ सलाना लूटा जा रहा है कंज्यूमर से

- ऑन लाइन गैस बुक किया, नॉ‌र्म्स पर चला तो एजेंसी ने गैस देने से किया इंकार

PATNA : गैस एजेंसी के मनमाने रवैये से आप भी खपा चल रहे हैं। सिलेंडर के लिए परेशान हैं। आपसे भी मनमाना पैसा लिया जा रहा है तो आप इसे इग्नोर न करें, क्योंकि भ्7 लाख गैस कंज्यूमर में से एक ने आवाज उठाई तो कई गैस एजेंसी की नींद उड़ गयी है। पटना से लेकर दिल्ली तक उसने हरेक को गैस एजेंसी में मच रही लूट की जानकारी दे रहा है। इस बीच उसे दरभंगा डिस्ट्रिक्ट में दाउद और उसके गिरोह से जोड़ने का भी लोगों ने इंतजाम कर दिया, लेकिन अपने घर की परेशानी और मां से लूटे जा रहे पैसे का जब उसने हिसाब लगाना शुरू किया तो उसे पूरे समाज और अब बिहार सहित पूरे देश के गैस कंज्यूमर की फिक्र सताने लगी है। फिलहाल वो दरभंगा डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच गैस के नाम पर ठगी के खेल को लेकर अवेयरनेस प्रोग्राम चला रहा है। इसके अलावा वो पटना के कई मुहल्ले में सर्वे भी किया और पाया कि यहां पर भी गैस की किल्लत दिखाकर लूट मचायी जा रही है।

कनेक्शन से लेकर होम डिलेवरी तक लूट

मो रिजवान ने बिहार में चलने वाली तमाम एजेंसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उसने बताया कि गैस कनेक्शन से लेकर सिलेंडर की डिलेवरी तक में पूरे स्टेट में लूट मचायी जा रही है। हर एजेंसी सिर्फ कुछेक रुपए की चोरी करके ही करोड़ों की कमाई कर लेते हैं। यह आसानी से दिखता भी है, जबकि कई जगहों पर लूट मची हुई है। रिजवान ने बताया कि बुकिंग के नाम पर गैस एजेंसी जबरन पैसा वसूली करती है। साथ ही कस्टमर को कोई सुविधा तक नहीं देती है। इंस्टॉलेशन के नाम पर लिया जाने वाला पचास रुपए की सुविधा नहीं देती है। होम डिलेवरी पूरे बिहार में सिर्फ पटना के पॉश एरिया में ही मिलती है, जबकि इन जगहों पर भी कस्टमर को एक स्पॉट पर गैस लेने के लिए बुलाया जाता है। होम डिलेवरी के नाम पर बिहार गवर्नमेंट क्भ्.70 रुपए प्रति सिलेंडर देती है।

मोदी से लेकर मांझी तक को किया कंप्लेन, मगर

पीएमओ, मिनिस्टर, होम सेक्रेटरी, सीएम, एसपी, डीएम सहित कई जगहों पर अपनी कंप्लेन लिखने के बाद मो रिजवान ने बताया कि अचानक से बिहार सरकार ने अवेयरनेस प्रोग्राम चलाया लेकिन वो भी फेसबुक पर चलाकर छोड़ दिया गया, जबकि लोगों के बीच अब तक न्यू कनेक्शन से लेकर होम डिलेवरी जैसे मसले पर कोई खास अवेयरनेस प्रोग्राम नहीं चलाया जाता है। इसके अलावा किसी भी एजेंसी ऑन लाइन अपनी डिटेल तक नहीं देती है। ताकि ऑन लाइन भी कंज्यूमर अपनी बातों और ग्रिवांस को रख पाए। रिजवान ने बताया कि आम लोगों के बीच अब अवेयरनेस फैलाना जरूरी है।

रिजवान के साथ ऐसा क्या हुआ कि

दरअसल दरभंगा के जाले स्थित रिजवान के घर पर मिलने वाली होम डिलेवरी पर भ्90 रुपए लिया जाता था। इसके बाद पक्का बिल भी नहीं मिलता था। ऑन लाइन बुकिंग करने पर उसे सर्विस प्रोवाइड नहीं करवाया जाता था। हारकर रिजवान ने जब कंप्लेन किया तो एजेंसी ने फ्री में होम डिलेवरी देने के लिए तैयार हुआ, लेकिन यह मामला यहीं नहीं रुका, उसने ऑन लाइन गैस कनेक्शन लेना चाहा तो फिर परेशानी झेलनी आनी शुरू हो गई।

चूल्हा नहीं लेने पर बखेरा खड़ा किया

रिजवान ने नया गैस कनेक्शन की ऑन लाइन बुकिंग की और जब टाइम पर डिलेवरी नहीं मिली तो उसने इसका विरोध किया, कंप्लेन की तो मामला तूल पकड़ लिया। इसके बाद एजेंसी मालिक ने एसडीओ के पास कंप्लेन कर दिया और इसको दाउद और उसका गुर्गा तक बता दिया लेकिन अब तक गैस कनेक्शन प्रोवाइड नहीं करवाया। रिजवान ने बताया कि वो इस मामले में थाना, एडमिनिस्ट्रेशन से जितनी बार भी आरटीआई डाला तो कोई जवाब नहीं दिया गया।

बिहार में कितनी गैस की खपत पता नहीं

जानकारी हो कि वेबसाइट पर इसका अपडेट तक नहीं है कि कितनी गैस महीने में और सालाना खर्च की जाती है। कितने को क्ख् सिलेंडर मिल रहे हैं और कितनों को उससे अधिक लेना पड़ता है। यही नहीं गैस गोदाम में सिलेंडर कितनी है। इसकी भी सही-सही जानकारी नहीं दी जाती है। गैस की कालाबाजारी को रोकने और हर कस्टमर को गैस की सुविधा मुहैया कराने के लिए यह जरूरी है। कंज्यूमर को इसकी जानकारी जरूर होनी चाहिए।

पब्लिक अवेयरनेस रहे

सिलेंडर - क्ब्भ्0 रुपए

रेगुलेटर - क्भ्0 रुपए

भरा सिलेंडर - ब्ब्ब् रुपए

इंस्टॉलेशन चार्ज - भ्0 रुपए

ब्लू बुक - भ्0 रुपए

गैस चूल्हा बाहर से लेने पर - ख्भ्0 रुपए

गैस चूल्हा के लिए दवाब नहीं दे सकते हैं।

न्यू कनेक्शन के लिए हर जगह चूल्हा लेना ही पड़ता है।

होम डिलेवरी करने पर - ब्ब्ब् रुपए

होम डिलेवरी नहीं करने पर - ब्ख्9 रुपए

क्या कहता है एक्ट

मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम आरटीआई एक्ट ख्00भ् सेक्शन ब् (ख्) ब् (फ्) के मुताबिक एजेंसी के बाद पूरा डिस्प्ले होना चाहिए। उसमें उसका कांटैक्ट नंबर, मेल आईडी, गोदाम का नंबर व एरिया, गोदाम में गैस की संख्या, गोदाम का पूरा अपडेट दिखाना होगा, लेकिन ऐसा कहीं भी नहीं दिखता है।

मेरी मां पढ़ी लिखी नहीं है। पापा कोलकाता के प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। मैंने आवाज उठाई तो अब जान पर बन आयी है। क्या आवाज उठाना गलत है। मुझे दाउद कहा गया। यह कहीं से ठीक नहीं है। मैं दवाब में अब नहीं आऊंगा, पब्लिक की आवाज बनकर गैस एजेंसी के काले कारनामे का चिट्टा खोल दूंगा।

- मो रिजवान, आरटीआई एक्टिविस्ट

कई जगहों से आरटीआई का जवाब नहीं दिया गया है। गैस एजेंसी की कालाबाजारी के खिलाफ फ‌र्स्ट अपील में जाने की तैयारी चल रही है। किसी भी तरह से गैस की कालाबाजारी को चलने नहीं दिया जाएगा।

- शिव प्रकाश राय, आरटीआई एक्टिविस्ट