2014 से 700 लोगों को दिला दिया फायदा

एसटीएफ ने चार आरोपियों को किया गिरफ्तार, सरगना फरार

Meerut। सीसीएस यूनीवर्सिटी से संबद्ध मेडिकल कॉलेजों के करीब 700 मुन्नाभाई एमबीबीएस बन गए। एसटीएफ के एएसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि यूनीवर्सिटी के कर्मचारियों की मिलीभगत से यह गोरखधंधा 2014 से चल रहा था।

मुख्य आरोपी फरार

सीसीएसयू के गोपनीय विभाग में असली कॉपी बदलकर दूसरी कॉपी पहुंचाने का खेल चल रहा था। एसटीएफ ने शनिवार को 4 आरोपियों को पकड़ा। जिसमें से एक दलाल कविराज और यूनीवर्सिटी के तीन कर्मचारी कपिल, पवन और संदीप हैं। मुख्य आरोपी नदीम अभी फरार है।

ऐसे होता था खेल

एसटीएफ को जानकारी मिली कि यूनिवर्सिटी का एक कर्मचारी संदीप 10 हजार रूपये लेकर एक खाली कॉपी दलाल कविराज को देता था। कविराज इस कॉपी को स्टूडेंट को देकर 65-75 हजार रुपये लेता था। स्टूडेंट घर पर बैठकर इस कॉपी को लिखता, जिसे कविराज दोबारा संदीप के माध्यम से गोपनीय विभाग में तैनात कर्मचारी पवन और कपिल को सौंप देता था। दोनों 35-65 हजार रुपये में कॉपी बदलने का काम करते थे। साथ ही दोनों मूल कॉपी के मुखपृष्ठ को नकली कॉपी पर पंच कर देते थे। आरोपियों ने बताया कि वे एक स्टूडेंट से एक कॉपी का डेढ़ से 2 लाख रुपये वसूलते थे।

एसआईटी करेगा जांच

बकौल दलाल कविराज वह 2014 से कॉपियां बदलने के इस खेल में सक्रिय है। उसके मुताबिक हर साल करीब 150-200 मेडिकल स्टूडेंट्स की कॉपियां बदलवाता था। ऐसे में अब तक करीब 700 मेडिकल स्टूडेंट्स कॉपियां बदलकर फेल से पास हुए हैं।

इस मामले में एएसपी का कहना है कि यूनीवर्सिटी को ऐसे सभी स्टूडेंट्स का रिकार्ड चेक कर उसे रद करना होगा। यदि यूनीवर्सिटी प्रशासन ने इस प्रकरण में संजीदगी नहीं बरती तो वह पूरे प्रकरण को स्पेशन इनवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) को सौंप देंगे।

ये हैं आरोपी

कविराज, जागृति विहार, मेरठ

कपिल, थाना ब्रह्मापुरी, मेरठ

पवन, सीसीएसयू कैंपस, मेरठ

संदीप, जयभीमनगर, मेरठ

ये बरामदगी

2-लिखी कॉपियां (एमबीबीएस)

4-मोबाइल फोन

3-आधार कार्ड

1-सीसीएसयू का आईकार्ड

1,05000-नकद

50-सीसीएसयू की खाली कॉपियां

सीसीएसयू में एमबीबीएस के छात्रों की कॉपियां बदलने का खुलासा हुआ है। यूनिवर्सिटी प्रशासन से प्रक्रिया में शामिल अन्य लोगों के नाम उजागर करने के लिए कहा गया है, एसटीएफ की धरपकड़ जारी है।

आलोक प्रियदर्शी, एएसपी, एसटीएफ

यूनिवर्सिटी ने बनाई गोपनीय जांच कमेटी

सीसीएसयू के तीन कर्मचारियों पर गिरी गाज, प्रभारी नदारद

पहले एमबीबीएस का पेपर आउट होना और फिर एमबीबीएस की उत्तर पुस्तिकाओं को बदलने के मामले में सीसीएसयू को अपनी साख बचानी मुश्किल हो रही है। इस बीच शनिवार को एसटीएफ ने सीसीएसयू के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर प्रेस वार्ता कर डाली।

कमेटी करेगी जांच

मामला खुलने पर आनन-फानन में वीसी ने एक बैठक की और गिरफ्तार कर्मचारी संदीप और कपिल की सेवा समाप्त करने के साथ ही वरिष्ठ सहायक पवन कुमार को निलंबित कर दिया। साथ ही वीसी ने देर शाम एक गोपनीय जांच कमेटी का निर्धारण कर जल्द से जल्द इस मामले की जांच पूरी करने का आदेश भी दे दिया।

प्रभारी रहे नदारद

सीसीएसयू के उत्तर पुस्तिका अनुभाग के प्रभारी सीपी सिंह देर शाम वीसी द्वारा आयोजित बैठक से भी नदारद रहे। इस मामले में प्रभारी सीपी सिंह की भी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।

मामला काफी गंभीर है। इसकी जांच के लिए कमेटी बना दी गई है। एसटीएफ ने सकारात्मक कदम उठाया, जिसके लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन उनका धन्यवाद करता है। आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एन। के। तनेजा, सीसीएसयू