महालेखा नियंत्रक फौद खोरी ने कहा है कि नुक़सान का आंकड़ा इससे भी कहीं अधिक हो सकता है क्योंकि उनके कार्यालय ने अभी अपनी जांच पूरी नहीं की है। खोरी का कहना था कि नौकरशाहों में से कम से कम दो हज़ार के ख़िलाफ़ आपराधिक और दीवानी मामले चलाए जा सकते हैं।

महालेखा नियंत्रक का कहना था कि भ्रष्टाचार के मामले मंत्रालयों से लेकर स्थानीय प्रशासन तक में मौजूद है। भ्रष्टाचार के ये मामले तब सामने आए हैं जब 2300 से अधिक सरकारी विभागों और निगमों में भ्रष्टाचार के मामले को लेकर छानबीन की गई।

जनमत संग्रह

ज़्यादातर वो लोग भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल पाए गए जिनके पास विकास के कामों जैसे राजधानी लीमा में बिजली की ट्रेन सेवा शूरू करवाने या नए स्टेडियम बनवाने की ज़िम्मेदारी थी। हालांकि नियंत्रक की ताज़ा घोषणा अधिकतर पेरूवासियों के लिए ताजुब्ब की बात नहीं है।

जनमत संग्रहों में भ्रष्टाचार को पूर्व राष्ट्रपति एलन गार्सिया के पांच साल के शासनकाल की सबसे बड़ी कमी बताया गया है।

नए राष्ट्रपति ओहयानटा ऊमाला ने भरोसा दिलाया है कि भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और देश की आर्थिक ख़ुशहाली का फ़ायदा सभी को हासिल होगा।

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