-कई और अफसरों पर भी गिर सकती है गाज

देहरादून: ऊर्जा निगम के एक एक्जीक्यूटिव इंजीनियर को 55 लाख रुपये से ज्यादा की वित्तीय अनियमितता के मामले में सस्पेंड किया गया है। ये कार्रवाई निगम के एमडी एसएस यादव ने की है। आरोपी ईई का नाम राकेश कुमार है। राकेश कुमार को निदेशक मानव संसाधन कार्यालय से अटैच कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक वित्तीय अनियमितता के मामलों में कई और अफसरों पर भी जल्द गाज गिर सकती है।

मामला डेढ़ साल पुराना

बताया गया है कि वित्तीय अनियमितता का ये मामला फरवरी 2015 का है। उस वक्त आरोपी ईई राकेश कुमार सिडकुल में इसी पद पर तैनात थे। आइटीसी (इंडियन टोबैको कंपनी) ने बिजली बिल बकाये की रकम 55 लाख रुपये से ज्यादा का ड्राफ्ट ईई दफ्तर में जमा कराया था। आरोप है कि ईई ने आइटीसी को पूरी रकम की रिसीविंग दे दी, लेकिन रिसीविंग की दूसरी और तीसरी प्रति पर सिर्फ 7191 रुपये ही दर्ज किए। शेष धनराशि दो अन्य औद्योगिक इकाइयों के बिजली बिल में समायोजित कर दी गई। मामला तब खुला, जब आइटीसी ने देखा कि खाते से पैसा पूरा कटा है, लेकिन बिजली बिल सिर्फ 7191 रुपये ही जमा हुआ। कंपनी ने उच्चाधिकारियों से इसकी शिकायत की। इसके बाद प्रबंध निदेशक ने राकेश कुमार को रुड़की कार्यालय से संबद्ध कर दिया और प्रकरण पर जांच बैठा दी गई।

वर्जन

मामले की विभागीय जांच कराई गई और एक कंपनी से ऑडिट भी कराया गया। इसमें वित्तीय अनियमितता के आरोप सिद्ध हुए हैं। इसी आधार पर कार्रवाई की गई है।

पीसी ध्यानी, डायरेक्टर, एचआर, यूपीसीएल