सरकारी वकील ने लगाई कानून की कीमत, 7 लाख!

शिकायतकर्ता को हुई सजा को माफ करने की एवज में मांगी थी रिश्वत

भीड़ ने छुड़ा लिया था, देर रात किया सरेंडर

प्वाइंटर्स

-5 लाख की पहली किश्त ले रहा था सरकारी वकील

-2 लाख रुपये की घूस बाद में दी जानी थी

-7 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी सरकारी वकील ने

-3 साल की सजा का केस रफा-दफा करने के नाम पर रिश्वत

देहरादून

मंगलवार को विजिलेंस की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सरकारी वकील अशोक उभान को पांच लाख की रिश्वत लेते कचहरी में उनके चैम्बर से गिरफ्तार किया। लेकिन घूस लेते पकड़े गए वकील के चैम्बर के पास मौजूद कुछ लोगों ने जबरदस्त हंगामा कर आरोपी वकील को वहां से छुड़ा लिया। हालांकि देर रात कोतवाली में आरोपी वकील ने सरेंडर कर दिया।

आगे की जिम्मेदारी लेने की कही थी बात

एडीजी अशोक कुमार ने बताया कि शिकायतकर्ता वेद प्रकाश गुप्ता ने 1 दिसंबर को शिकायत दर्ज कराई कि उस पर धोखाधड़ी के एक मामले में गलत जमानत कराने के आरोप में 3 साल की सजा हुई थी। जिसके बाद ऊपरी अदालत में केस को खत्म करने और आगे की जिम्मेदारी लेने की बात कहकर सरकारी वकील अशोक उभान ने 7 लाख रुपये की मांग की। विजिलेंस ने सरकारी वकील को ट्रेस करना शुरू कर दिया। और मंगलवार को शिकायतकर्ता पहली किश्त के रूप में 5 लाख रुपये देने वकील के चैम्बर में पहुंचा।

रकम के सभी नोट 2 हजार के

जैसे ही वकील 2 हजार के नए नोट गिनने लगे। विजिलेंस की टीम ने वकील को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन जैसे ही आसपास के लोगों को इस बात की सूचना मिली। उन्होंने वकील के चैम्बर को घेर कर हंगामा कर दिया। फिर आरोपी वकील को गेट से बाहर निकालकर वहां से कहीं और भेज दिया। एडीजी के मुताबिक मामले में सरकारी वकील पर रिश्वत लेने का मुकदमा दर्ज किया गया है, जबकि उसे छुड़ाने के मामले में अज्ञात लोगों पर भी सरकारी कार्य में बाधा व आरोपी को छुड़ाने के मामले में कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

बार एसोसिएशन उतरा बचाव में

विजिलेंस की टीम द्वारा सरकारी वकील को घूस लेते पकड़ने के बाद दून बार एसोसिएशन अपने साथी वकील के बचाव में उतर गया है। बार एसोसिएशन ने पूरे प्रकरण को वकीलों के खिलाफ साजिश बताया। जैसे ही सरकारी वकील के घूस लेने की सूचना साथी वकीलों को मिली। तुरंत सभी बार एसोसिएशन के सदस्यों के अलावा सभी वकीलों ने गिरफ्तारी का विरोध करना शुरू कर दिया और इस पूरे मामले को साजिश करार दिया।