- जीएसटी से छाई महंगाई, जेब पर पड़ रही भारी

- लगन की तिथियां कम होने से शहर में मची मारामारी

GORAKHPUR: शादियों के सीजन में खूब धूम तो मच रही है लेकिन इस बार शादियों पर महंगाई की मार पड़ी है। गुलाबी सर्दी में शहनाई बजवाने में लोगों के पसीने छूट रहे हैं। इस साल करीब सवा से डेढ़ गुने दाम बढ़ने से भुगतान के दौरान लोग हांफ जा रहे हैं। यह अलग बात है कि कम लगन होने से ज्यादातर मैरेज हॉल्स की बुकिंग के लिए मारामारी मची है। परछावन और द्वारपूजा के लिए बैंड बाजा खोजे नहीं मिल रहा है। शहर के मैरेज हाउस एसोसिएशन से जुड़े लोगों का कहना है कि उपभोक्ताओं को तय रेट के अनुसार जीएसटी का भुगतान भी करना पड़ा रहा है।

दो गुना खर्च, जीएसटी दे रहा दर्द

शहर में विवाह समारोह शुरू हो गए हैं। इस साल लगन की तिथियां कम होने से शादियों की धूम मची है। लगन वाले दिनों पर शहर में अफरा-तफरी मची हुई है। सड़कों पर बारात निकलने से जगह-जगह जाम की नौबत आ जा रही है तो मैरेज हॉल में बैंड बाजा का धूम धड़ाका आसपास रहने वालों को परेशान कर रहा है। मैरेज हॉल और बैंड बाजा के कामों से जुड़े लोगों का कहना है कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार सबकी कीमतें सवा से डेढ़ गुने तक बढ़ गई हैं। सामान्य जगहों पर 50 से 70 हजार रुपए का इजाफा हुआ है। वीआईपी शादियों में यह खर्च डेढ़ से दो लाख रुपए पहुंच गया है। इस दाम के साथ ही जीएसटी भी परेशान कर रहा है। तय रेट के अनुसार जीएसटी सहित पेमेंट करने में जेब कसमसा जा रही है।

टेंट और केटरिंग पर भी पड़ी मार

शादी को शानदार बनाने में टेंट की अहम भूमिका होती है। टेंट भी अब राजसी अंदाज में लगाए जाने लगे हैं। टेंट पर जीएसटी की दर 12 फीसद है। पहले की तुलना में अब इस पर प्रति लाख आठ हजार रुपए अधिक देने पड़ रहे हैं। केटरिंग में पहले कुल बुकिंग के 60 फीसदी पर 15 फीसद सर्विस चार्ज लगता था। अब पूरी कीमत पर 18 फीसदी जीएसटी लिया जा रहा है।

मैरेज हॉल भी हुए महंगे

मैरेज हॉल और लॉन की बुकिंग भी महंगी हो गई है। शहर के मैरेज हॉल अलग-अलग की तरह सुविधाएं मुहैया कराते हैं। कुछ मैरेज हॉल में एक मुश्त भुगतान के बाद टेंट, सजावट, केटरिंग और कमरों की सुविधाएं एक छत के नीचे मिल जाती हैं। कुछ जगहों पर सिर्फ मैरेज हॉल या लॉन दिया जाता है। इसमें केटरिंग, टेंट, फूलों और लाइट्स की सजावट ग्राहक को खुद करानी पड़ती है। जीएसटी लागू होने के पहले 15 प्रतिशत सर्विस टैक्स लेकर मैरेज हॉल ओनर बुकिंग करते थे। एक लाख रुपए पर तीन हजार रुपए अतिरिक्त देकर ग्राहक छुटकारा पा जाता था। लेकिन जीएसटी से यह रेट बढ़कर उपभोक्ता के लिए बोझ बन रहा है।

बैंड बाजा का भी रेट चढ़ा

शहर में शादी विवाह के लिए बैंड बाजा की बुकिंग जमकर हो रही है। इस साल शादियों का मुहूर्त कम है। इस वजह से लोगों ने छह माह पहले ही बुकिंग करा ली थी। बैंडबाजा के कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि इस साल सामान्य ढंग का बैंड बाजा कम से कम 21 हजार रुपए में बज रहा है। पिछले साल इसका रेट 16 से 18 हजार रुपए ही था। बैंड बाजा वाले भी रेट के अनुसार जीएसटी ले रहे हैं।

नगर निगम में रजिस्टर्ड मैरेज हॉल, लॉन- 146

पूरे इंतजाम के साथ मैरेज हाल की बुकिंग - सवा दो से ढाई लाख रुपए

सिर्फ मैरेज हॉल की बुकिंग का रेट - सवा लाख से डेढ़ लाख रुपए

शहर में बैंडबाजा की एक बुकिंग का रेट- 20 से 21 हजार रुपए

शहर में सुविधा के अनुसार मैरेज हाल में रेट का निर्धारण होता है।

वर्जन

मैरेज हॉल और ओनर्स सुविधा के अनुसार अपना रेट तय करते हैं। पिछले साल की अपेक्षा इस बार महंगाई थोड़ी बढ़ी है। जीएसटी की वजह से उपभोक्ताओं को अधिक रकम चुकानी पड़ रही है। शादी-विवाह के लिए मुहूर्त कम होने से पहले से ही लोगों ने बुकिंग करा ली थी।

- अजय कुमार श्रीवास्तव, मंत्री, गोरखपुर मैरेज हाउस एसोसिएशन

पिछले साल की अपेक्षा इस बार बैंड बाजा की बुकिंग तीन से पांच हजार रुपए ज्यादा पर की गई है। शहर में बैंडबाजा वालों का अलग-अलग रेट है। सामान्य तौर पर इस बार 20 से 22 हजार रुपए में बैंडबाजा की बुकिंग हुई है। पिछले साल 15 हजार से लेकर 17 हजार रुपए तक में बुकिंग हो जाती थी।

- दिलीप कुमार, बैंड प्रोपराइटर