जेल के अंदर हुई डॉ। योगेंद्र सचान की हत्या की सीबीआई जांच के आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने भी दे दिया है। अपने आदेश में कोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से कराये जाने की बात कही है। कोर्ट के निर्णय आने से एक दिन पहले प्रदेश सरकार की ओर से सीबीआई जांच की सिफारिश की गयी थी। दूसरी तरफ बड़े अधिकारियों की तरफ से कोशिश हो रही है कि सीबीआई एनआरएचएम में हुए घोटाले की जांच ना करे.
तो खुलेंगे कई बड़े राज
डॉ। सचान की जेल में हुई हत्या की सीबीआई से जांच कराये जाने के राज्य सरकार के अनुरोध के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश ने कई सफेदपोशों समेत कई अधिकारियों की नींद उड़ा दी है। सूत्रों की मानें तो मामले की सीबीआई इंक्वायरी के फैसले के बाद न सिर्फ फैमिली वेलफेयर डिपार्टमेंट से जुड़े लोग परेशान हैं बल्कि घटना में फेरबदल की कोशिश करने वाले अधिकारियों के होश उड़े हैं। हाईकोर्ट में सुनवाई के दिन तक सीबीआई जांच का विरोध कर रही प्रदेश सरकार ने कोर्ट का फैसला आने से कुछ घंटे पहले ही सचान की जेल में हुई मौत जांच अचानक सीबीआई को सौंपने का आदेश दे दिया था।
अफसरों में बेचैनी
हाईकोर्ट द्वारा जांच सीबीआई को सौंपे जाने के फैसले के बाद सूबे के अफसरों में बेचैनी बढ़ गयी है। गुरुवार की सुबह लखनऊ रेंज के आईजी सुबेश कुमार सीबीआई दफ्तर पहुंचे। उन्होंने सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर जावीद अहमद के साथ मुलाकात की। वहीं आला अफसरों की बैठकों का दौर भी गुरुवार की शाम तक चलता रहा। सूत्रों की मानें तो पुलिस अफसरों की ओर से यह कोशिश की जा रही है कि सीबीआई द्वारा एनआरएचएम में करप्शन की जांच न की जाए। इसी मंशा के तहत पुलिस ने एनआरएचएम में हुए घोटाले का आरोप पत्र भी आज दाखिल कर दिया जिसे कोर्ट ने वापस कर दिया.
फंस जाएंगे कई अधिकारी
जानकारों का मानना है कि सीबीआई द्वारा जांच शुरु किये जाते ही कई सफेदपोश भी जांच की जद में आ जाएंगे। ऐसे में पिछले पांच साल के दौरान हुए एनआरएचएम में हुए घोटाले का जिन्न भी सामने आ जाएगा। जिसमें न सिर्फ कई अफसरों के रोल सामने आजाएंगे.
अभय सिंह को क्लीन चिट
यूपी पुलिस ने सीएमओ परिवार कल्याण डॉ। विनोद आर्या की हत्या के मामले में नामजद माफिया डॉन अभय सिंह को पुलिस ने क्लीन चिट दे दी है। ऐसे में अब यह साफ हो गया है कि यूपी पुलिस का पिछला खुलासा फर्जी था। एसीजेएम की कोर्ट में खुद पुलिस की ओर से इस बात की सूचना दी गयी। मालूम हो कि डॉ। विनोद आर्या के मर्डर के मामले में पुलिस ने 12 दिसम्बर को अजय और विजय नाम के दो लोगों को अरेस्ट कर दावा किया था कि घटना का मास्टर माइंड फैजाबाद जेल में बंद अभय सिंह है। लेकिन दो अप्रेल को हुए दूसरे सीएमओ बीपी सिंह की हत्या के मामले में आरोपी आनंद तिवारी ने दोनों हत्याओं में शामिल होने की बात कुबूल की थी। जिसके बाद पुलिस ने अब अपनी विवेचना से अभय सिंह को बाहर कर दिया है। अभय सिंह के खिलाफ पुलिस को कोई सुबूत भी नहीं मिला था.घोटाले की तरफ ना मुड़े जांच
डॉ। सचान की हत्या के मामले में  High Court ने भी दिया CBI जांच का आदेश
CBI के नाम से घबराए बड़ों की कोशिश, NRHM में घोटाले की तरफ ना मुडऩे पाए जांच

जेल के अंदर हुई डॉ। योगेंद्र सचान की हत्या की सीबीआई जांच के आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने भी दे दिया है। अपने आदेश में कोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से कराये जाने की बात कही है। कोर्ट के निर्णय आने से एक दिन पहले प्रदेश सरकार की ओर से सीबीआई जांच की सिफारिश की गयी थी। दूसरी तरफ बड़े अधिकारियों की तरफ से कोशिश हो रही है कि सीबीआई एनआरएचएम में हुए घोटाले की जांच ना करे.
तो खुलेंगे कई बड़े राज
डॉ। सचान की जेल में हुई हत्या की सीबीआई से जांच कराये जाने के राज्य सरकार के अनुरोध के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश ने कई सफेदपोशों समेत कई अधिकारियों की नींद उड़ा दी है। सूत्रों की मानें तो मामले की सीबीआई इंक्वायरी के फैसले के बाद न सिर्फ फैमिली वेलफेयर डिपार्टमेंट से जुड़े लोग परेशान हैं बल्कि घटना में फेरबदल की कोशिश करने वाले अधिकारियों के होश उड़े हैं। हाईकोर्ट में सुनवाई के दिन तक सीबीआई जांच का विरोध कर रही प्रदेश सरकार ने कोर्ट का फैसला आने से कुछ घंटे पहले ही सचान की जेल में हुई मौत जांच अचानक सीबीआई को सौंपने का आदेश दे दिया था।
अफसरों में बेचैनी
हाईकोर्ट द्वारा जांच सीबीआई को सौंपे जाने के फैसले के बाद सूबे के अफसरों में बेचैनी बढ़ गयी है। गुरुवार की सुबह लखनऊ रेंज के आईजी सुबेश कुमार सीबीआई दफ्तर पहुंचे। उन्होंने सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर जावीद अहमद के साथ मुलाकात की। वहीं आला अफसरों की बैठकों का दौर भी गुरुवार की शाम तक चलता रहा। सूत्रों की मानें तो पुलिस अफसरों की ओर से यह कोशिश की जा रही है कि सीबीआई द्वारा एनआरएचएम में करप्शन की जांच न की जाए। इसी मंशा के तहत पुलिस ने एनआरएचएम में हुए घोटाले का आरोप पत्र भी आज दाखिल कर दिया जिसे कोर्ट ने वापस कर दिया.
फंस जाएंगे कई अधिकारी
जानकारों का मानना है कि सीबीआई द्वारा जांच शुरु किये जाते ही कई सफेदपोश भी जांच की जद में आ जाएंगे। ऐसे में पिछले पांच साल के दौरान हुए एनआरएचएम में हुए घोटाले का जिन्न भी सामने आ जाएगा। जिसमें न सिर्फ कई अफसरों के रोल सामने आजाएंगे.
अभय सिंह को क्लीन चिट
यूपी पुलिस ने सीएमओ परिवार कल्याण डॉ। विनोद आर्या की हत्या के मामले में नामजद माफिया डॉन अभय सिंह को पुलिस ने क्लीन चिट दे दी है। ऐसे में अब यह साफ हो गया है कि यूपी पुलिस का पिछला खुलासा फर्जी था। एसीजेएम की कोर्ट में खुद पुलिस की ओर से इस बात की सूचना दी गयी। मालूम हो कि डॉ। विनोद आर्या के मर्डर के मामले में पुलिस ने 12 दिसम्बर को अजय और विजय नाम के दो लोगों को अरेस्ट कर दावा किया था कि घटना का मास्टर माइंड फैजाबाद जेल में बंद अभय सिंह है। लेकिन दो अप्रेल को हुए दूसरे सीएमओ बीपी सिंह की हत्या के मामले में आरोपी आनंद तिवारी ने दोनों हत्याओं में शामिल होने की बात कुबूल की थी। जिसके बाद पुलिस ने अब अपनी विवेचना से अभय सिंह को बाहर कर दिया है। अभय सिंह के खिलाफ पुलिस को कोई सुबूत भी नहीं मिला था.