RANCHI: आदिवासी महिला सुषमा बड़ाईक के यौन शोषण के आरोपी झारखंड कैडर के आईपीएस पीएस नटराजन की बर्खास्तगी को कैग कोर्ट ने रद कर दिया है। कोर्ट के मुताबिक, पीएस नटराजन की बर्खास्तगी गैर संवैधानिक है। सोमवार को कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सेवा से बर्खास्त पीएस नटराजन मामले में यह बड़ा फैसला सुनाया है, जिससे झारखंड सरकार को बड़ा झटका लगा है।

ख्ब् मार्च, ख्0क्ख् को हुए थे बर्खास्त

राज्य सरकार ने केंद्र सरकार व यूपीएससी से नटराजन की सेवा समाप्ति की अनुसंशा की थी। इसके बाद राष्ट्रपति के आदेश से यौन शोषण के आरोपी आईपीएस पीएस नटराजन को ख्ब् मार्च ख्0क्ख् को बर्खास्त कर दिया गया। इस वजह से उन्हें पेंशन एवं ग्रेच्युटी का लाभ नहीं मिल रहा था।

क्या है मामला

वर्ष ख्00भ् में तत्कालीन आईजी पीएस नटराजन एक आदिवासी महिला सुषमा बड़ाईक का यौन शोषण करते स्टिंग ऑपरेशन में पकड़े गए थे। यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में रहा था। इसके बाद सरकार ने आईजी को निलंबित कर दिया था। सुषमा बड़ाईक न्याय के लिए दर-दर भटक रही थी। इसी क्रम में उसे लेडी डॉन बनाकर गुमला जेल में भी बंद कर दिया गया था।

ख्0क्ख् मई में होने वाले थे रिटायर

नटराजन वर्ष ख्0क्ख् मई में रिटायर होने वाले थे। यौन शोषण मामले में तत्कालीन डीजीपी नेयाज अहमद ने वर्ष ख्0क्0 में जांच रिपोर्ट गृह विभाग को सौंप दी थी। इसके बाद विभाग ने नटराजन से अंतिम सफाई मांगी थी। केंद्र की अनुमति मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने सुषमा बड़ाईक यौन शोषण के आरोप में निलंबित आइपीएस अधिकारी पीएस नटराजन को बर्खास्त करने की अधिसूचना जारी करने का आदेश दे दिया था।

डीजीपी की क्या थी जांच रिपोर्ट

तत्कालीन डीजीपी नेयाज अहमद ने रिपोर्ट में लिखा था कि नटराजन ने पद का दुरुपयोग कर सुषमा का लगातार यौन शोषण किया। साथ ही मामले में सह अभियुक्त मधुप्रिया गांगुली को फरार होने के लिए प्रेरित भी किया। बिना किसी सूचना के तत्कालीन आईजी एक साल से अधिक समय तक फरार रहे। इसे घोर अनुशासनहीनता माना गया है। इसी आधार पर केंद्र ने भी अपना निर्णय लिया और बर्खास्तगी पर मुहर लगा दी।

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डीआईजी परवेज हयात के दुष्कर्म मामले की जांच कर रहे थे नटराजन

सुषमा बड़ाईक ने ख्00भ् में पलामू के तत्कालीन डीआईजी परवेज हयात पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उस मामले की जांच रांची के तत्कालीन आईजी पीएस नटराजन को सौंपी गई थी। लेकिन नटराजन ने भी डरा धमकाकर उसका यौन शोषण किया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा स्टिंग ऑपरेशन में नटराजन का भंडाफोड़ हुआ था। कथित बलात्कार की घटना के तीन वर्ष बाद नई दिल्ली में कुछ बड़े पुलिस अधिकारियों की पहल पर सुषमा का बयान दर्ज कराया गया था। बयान के मुताबिक, बलात्कार की घटना वर्ष ख्00ख् में हुई थी। इसी बयान के आधार पर वर्ष ख्00भ् में ही लोअर बाजार थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसके बाद ही नटराजन को निलंबित किया गया था। जबकि परवेज हयात पर लगे आरोप खत्म कर दिए गए। कांड अंकित किए जाने के करीब छह वर्ष के बाद नटराजन को बर्खास्त किया गया था।