- ताज महोत्सव में शिल्पियों का पिछले साल के मुकाबले आधा रह गया बिजनेस

- लोगों के फीके रूझान से टेंशन में आ गए हैं देश के कोने-कोने से आए शिल्पी

आगरा। प्रॉफिट कमाने की आशा में ताज महोत्सव में देश के कोने-कोने से आए शिल्पी इस बार माथा पकड़कर बैठे हैं। इस बार ताज महोत्सव में लोगों की काफी कम संख्या रही। ऐसे में शिल्पियों का बिजनेस भी परवान नहीं चढ़ सका। कई शिल्पियों का कहना है कि पिछली बार के अपेक्षा इस बार आधा बिजनेस भी नहीं हो पाया है।

पहली बार आने वालों पर पड़ा गलत इम्प्रेशन

इस बार शिल्पग्राम में ताज ओरिएंटेशन सेंटर का निर्माण कार्य भी चल रहा है जिसके चलते ताज महोत्सव के आयोजन के लिए जगह भी नहीं मिल पाई। महोत्सव में स्टॉल्स की संख्या भी कम रही। ताज महोत्सव में देश के अलग-अलग हिस्सों से कई शिल्पी पहली बार आए थे। लेकिन कम संख्या के कारण पहली बार में ही उनका पहला इम्प्रेशन गलत पड़ गया। कुछ शिल्पियों का कहना है कि वे अब ताज महोत्सव में नही आ पाएंगे।

मौसम की मार और लेट शुरू होना पड़ा भारी

इस बार ताज महोत्सव का चुनाव के कारण समय से लेट शुरू हो पाया। ऐसे में गर्मी भी ज्यादा हो गई वहीं विद्यार्थियों का परीक्षाओं का सीजन भी शुरू हो गया। महोत्सव में भीड़ कम रही। वहीं इस बार सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में आयोजन समिति कोई बड़ा कलाकार भी नहीं बुला सकी जो भीड़ को आकर्षित कर सके। उपनिदेशक पर्यटन दिनेश कुमार ने बताया कि ताज महोत्सव समय से लेट शुरू हो पाया जिससे मौसम भी अनुकूल नहीं रहा।