- पटाखा छोड़ने से पहले कई चीजों रखे ध्यान
- कई सावधानियां बचा सकती है संभावित अनहोनियां
Meerut : दीपावली खुशियों का त्योहार है। कोई अनहोनी पूरे त्योहार को खराब कर देती है। तो सावधानी बेहद जरूरी है। ये सावधानी सिर्फ पटाखे छोड़ने वालों के लिए नहीं है। ये उनके लिए भी जो पटाखे नहीं छोड़ते हैं। लेकिन पटाखे छोड़ने वाले लोगों को उन लोगों का खास ख्याल रखना चाहिए। हम आपको दीपावली के दिन यही बताने जा रहे हैं कि पटाखें छोड़े लेकिन थोड़ा ध्यान से।
इनकी तकलीफों का रखें ध्यान
जिस समय दीपावली पर आप पटाखों के तेज धमाकों को एंजॉय कर रहे होंगे, अपने नेबर के साथ उससे तेज आवाज वाले पटाखे फोड़ने में कॉम्पिटिशन लगा रहे होंगे, तब शायद कोई जानवर, कोई बुजुर्ग, कोई बीमार व्यक्ति या फिर छोटा सा बच्चा आपके आस पास नजर न आए। क्योंकि उस वक्त ये सब लोग अपने छुपने के लिए कोई कोना ढूंढ रहे होते है। हर धमाके पर कोई बच्चा रोकर या अपनी आंखे मूंद कर, कोई बुजुर्ग अपने कानों में उंगली डालकर और पालतू जानवर दयनीय आवाज निकालकर खुद को बचाने की कोशिश कर रहा होगा। दुख की बात ये है कि कभी-कभी हम उनकी परेशानी के कारण सोचने की जरूरत नहीं समझते। लेकिन अगर हम उनकी परेशानियों को समझने की कोशिश करें तो शायद इनकी भी तकलीफें दूर हो जाए। इसलिए दीपावली के मौके पर कुत्ते, बिल्ली जैसे पालतू जानवरों, बच्चों, बुजुर्गो व किसी बीमार का ख्याल रखना जरूरी है।
ऐसा करें
- अपने कुत्ते को आतिशबाजी शुरू होने से एक दिन पहले ही घूमने के लिए ले जाए। ताकि उसे हल्का फुल्का शोर सुनने की आदत हो जाए और वो डरे नहीं।
- आतिशबाजी चल रही हो तो इन्हें घर में रखिए। पटाखों के शोर को कम करने के लिए खिड़कियां बंद कर दीजिए और टीवी या रेडियों की आवाज भी थोड़ी तेज करके रखिए।
- अपने कुत्ते का ध्यान बटाने की कोशिश करिए। इसके अलावा कुत्तों को पेडिग्री या डेंटास्टिक्स जैसे ट्रीट दीजिए। धीरे-धीरे कान में रुई डालने की आदत डालिए।
- बुजुर्गो, बीमार, बच्चों के कान में रुई डालकर रखें।
- अस्थमा के मरीज को खासतौर पर पटाखों से दूर रखें।
सावधानी से करें कपड़ों का चुनाव
पटाखों की आतिशबाजी के बीच जरा सी भी चिंगारी से कपड़ों में आग लगने या जलने जैसी दुर्घटना हो सकती है। इसलिए दीपावली के दिन आप ढीले व सूती कपड़ों का चुनाव करें। रेशमी कपड़ों को बिल्कुल भी न पहने, क्योंकि रेशमी कपड़े आग जल्दी पकड़ते हैं। रेशमी व टाइट कपड़ों से जलने की ज्यादा संभावना रहती है। पटाखे जलाते समय पैरों में चप्पल की जगह जूते या बैली पहने, क्योंकि अगर जरा सी चिंगारी पैर पर पड़ जाती है तो घाव बन सकता है।
खुले इलाके में छोड़े पटाखे
दीपावली के इस त्योहार पर आपकी खुशियों को कोई नजर न लगें इसलिए किसी सेफ इलाके का चुनाव करें। पटाखे जलाते समय किसी खुले स्थान का ख्याल रखें। इसके अलावा यह भी ध्यान रखना होगा कि आप घर के अंदर पटाखे न जलाए। जहां पर आप पटाखे जला रहें है उसके सामने या आसपास कोई घर खुला न हो ताकि किसी तरह का नुकसान न हो सकें। आसपास कोई वाहन न हो और न ही किसी तरह के ऐसी चीज हो जिससे आग लगने की संभावना ज्यादा हो।
पहले से करें तैयारी
पटाखे जलाने से पहले पूरी तरह से बचाव की तैयारी कर ले। पास में एक पानी की बाल्टी जरुर रखें, ताकि किसी तरह की दुर्घटना होने पर तुरंत बचाव कर सकें। इसके अलावा अपने फर्स्ट बॉक्स को भी तैयार रखें। फर्स्ट बॉक्स में कॉटन, पट्टी, एंटी बायटीक टेबलेट व ट्यूब सभी कुछ रखें। अगर कोई सांस का मरीज है तो उसकी सांस की दवाएं पास रखे। पटाखे जलाने से पहले ही घरों की खिड़कियां व दरवाजों को बंद कर दें।
जरूर पढ़े जरूरी बातें
पटाखे को जलाने से पहले पैकेट पर लिखे इंट्रक्शंस को जरूर पढ़े और उसे ही फॉलो करें। खासकर रॉकेट लिए। रॉकेट को छोड़ने के लिए रॉकेट लांचर का इस्तेमाल करें। न की बोतल का। वहीं फुलझड़ी के लिए जरूरी है कि वो हाथों से दूर रहे। पांच साल से कम उम्र के बच्चे को बिल्कुल भी फुलझड़ी न पकड़ाएं। हाथों में ग्लव्ज जरूर पहने। फुलझड़ी खत्म होने के बाद पानी से भरी हुई बालटी डाले।
इन बातों का भी रखें ध्यान
- पटाखों को अपनी जेब में रखने की बेवकूफी न करें।
- पटाखों को हाथों में लेकर या हवा में उछालकर न फेंके। ये क्रिमिनल ऑफेंस हैं।
- और पटाखों को जलाते समय एल्कॉहल बिल्कुल भी पिए।
- जहां भी बच्चे पटाखे जला रहे हों वहां कोई परिवार का कोई बड़ा जरूर हो।
- तेज हवा चल रही हो तो हवाई पटाखें बिल्कुल भी छोड़े।
पटाखे छोड़ते वक्त ऐसा करें
- किसी खुले मैदान और घर के बाहर पटाखे छोड़े।
- पटाखे ऑथराइज्ड और रेप्यूटेटिड दुकान से ही खरीदें।
- एक टाइम में एक ही पटाख जलाएं। बाकी को सुरक्षित स्थान पर रखें।
- हमेशा लंबी फुलझड़ी का इस्तेमाल करे। साथ ही अपने हाथ को पूरा सीधा रखें। कोहनी को बिल्कुल न मोड़े।
- पटाखे जलाने वाली जगह पर दो बालटी पानी जरूर रखें।
- अगर कोई ज्यादा जल जाता है तो जले हुए कपड़े उतार कर साफ बेडशीट से उसे लपेट दें।
- आंखों में जलन होने पर दस मिनट तक आखों को पानी में डुबोकर रखिए।
पटाखे छोड़ते वक्त ऐसा न करें
- पटाखों को अपने हाथों में लेकर बिल्कुल न छोड़े।
- पटाखों को मोड़कर बिल्कुल जलाएं।
- पटाखों को किसी कंटेनर पर न जलाएं।
- पटाखों को घरों में बिल्कुल भी ट्राई न करें।
- पटाखों के मिसफायर होने के बाद दोबारा कोशिश न करें।
- छोटे बच्चों के हाथों में पटाखे न दें।
- किसी आदमी के ऊपर पटाखा न फेंके।
- पटाखों को को अपने जेब न रखें।
- पटाखों को दिए और मोमबत्तियों के पास न रखें।
- पटाखों को जलाते वक्त सिंथेटिक कपड़े न पहने। पतले और सूती कपड़ों को पहनना बेहतर।
- पटाखों को जलाते समय खुले कपड़े बिल्कुल न पहनें।
- शरीर का कोई हिस्सा जलने पर बिना डॉक्टर से कंसर्न किए क्रिम और ऑयल न लगाएं।
वर्जन
पटाखों को जलाते वक्त फर्स्ट एड बॉक्स अपने साथ जरूर रखे। साथ पानी की व्यवस्था जरूर रखें। ताकि कोई भी अनहोनी पर बचा जा सके।
- डॉ। तनुराज सिरोही, फिजिशियन
पटाखों को को जलाते समय अगर कोई शरीर हिस्सा ज्यादा जल जाता है तो उसके कपड़े उतारकर किसी साफ बेडशीट लपेट दें। उसके बाद डॉक्टर से संपर्क करें।
- डॉ। विवेक जैन, स्किन स्पेशलिस्ट ----------
कमिश्नर और डीएम की लोगों से अपील
मंडल कमिश्नर आलोक सिन्हा और डीएम पंकज यादव ने मंडल और जनपद के सभी नागरिकों को दीपावली के पावन पर्व पर अपनी हार्दिक शुभकामनांए व्यक्त करते हुए कहा है कि यह दीपों और खुशियों का त्यौहार है। हम आपसे करते हैं कि यह त्यौहार आपसी भाईचारे एवं सौहार्द के साथ मनाएं। सभी नागरिकों की जीवन में सुख शान्ति एवं समृद्धि आए।