- शाह नत्थन के घर में हुए विस्फोट के दौरान भाग निकला था सलीम पतला

- मौके से मिला था जीवित टाइम बम, पूछताछ में उजागर हुए थे आतंकी संगठनों से रिश्ते

Meerut:आतंकवादियों के कैंप से बम बनाने का प्रशिक्षण लेकर आए सलीम उर्फ पतला ने कोतवाली क्षेत्र के एक मकान में अन्य लोगों के साथ मिलकर बम बनाने की कोशिश की जिसमें विस्फोट होने पर दो सगे भाइयों की मौत हो गई थी। विस्फोट में पूरा मकान उड़ गया था। सलीम मौके से भाग निकला था और एक टाइम बम मिला था। उस वक्त पकड़े गए लोगों से ही खुलासा हुआ था कि बम बनाने वालों के आतंकी संगठन से रिश्ते हैं। घटना मेरठ के कोतवाली थाना क्षेत्र के शाह नत्थन मोहल्ले की है। आतंकी संगठन के कैंप में प्रशिक्षण लेकर लौटा सलीम उर्फ पतला ने यहां भी कई लोगों को अपने साथ जोड़ लिया था और उन्हें ऊंचे ख्वाब दिखाने शुरू किये थे। एटीएस की मानें तो वर्ष क्99ख् में शाह नत्थन स्थित सुल्तान उर्फ उस्मान के घर में विस्फोट हुआ था। जिसमें सुल्तान का पूरा घर ध्वस्त हो गया और उसके पुत्र फुरकान व खालिद मारे गए और टाइम बम मिला था। अन्य लोगों के साथ मौके से सलीम पतला भाग निकला था। तब पकड़े गए दो लोगों अजीमुद्दीन और अमीरुद्दीन ने उजागर किया था कि बम बनाने वाले लोग पाकिस्तान के आईएसआई के कैंप से ट्रेनिंग लेकर लौटे थे। एटीएस सूत्रों की मानें तो उस वक्त सलीम ने क्षेत्र के काफी युवाओं को अपने संग जोड़ लिया था।

हुई थी पतला के घर की कुर्की

पीएसी पर बम फेंकने के बाद सलीम और उसका परिवार को भाग निकला। ऐसे में उसे कोर्ट ने भगोड़ा साबित किया और उसके घर की कुर्की कर ली थी। तब से ही यहां इस्लामाबाद में उसके घर कोई नहीं रहता।

सीआरपीएफ कैंप पर हमले में भी आया था नाम

सलीम उर्फ पतला का नाम रामपुर में सीआरपीएफ बटालियन पर हुए हमले में भी आया था। यह माना गया था कि मेरठ में पीएसी पर बम फेंकने और रामपुर के सीआरपीएफ में हमले में माडस आपरेंडी एक ही तरह की रही। उस वक्त खुफिया एजेंसियों और पुलिस ने सलीम उर्फ पतला को पकड़ने के लिए खासी मशक्कत की थी, लेकिन हाथ नहीं आया और न ही उसका कोई पता चला।