- माइग्रेशन के कारण बढ़ रही गरीबी और झुग्गी -झोपडि़यों की समस्या

- पीयू हिस्ट्री डिपार्टमेंट में माइग्रेशन पर सेमिनार आयोजित

PATNA : प्रवास आज के समय में केवल जीविकोपार्जन के कारण उत्पन्न हुई समस्या तक देखना गलत होगा। दरअसल यह नव उदारवाद के युग में एक जटिल समस्या के रूप में उभर गया है। नियंत्रण, अपराध, संचार और पूंजी इसके अवयव के रूप में कार्य करते हैं। एक समय था जब सिलिगुडी उत्तर बंगाल का एक प्राकृतिक सौंदर्य से भरा- पूरा स्थान के रूप में विख्यात था। लेकिन क्97क् के बाद से बदली परिस्थितियों ने बेहद खराब स्थिति उत्पन्न कर दी। विशेष तौर पर यहां बांग्लादेश के लोगों का प्रवास बहुत हुआ है। उक्त बातें पटना यूनिवर्सिटी के हिस्ट्री डिपार्टमेंट के पीजी डिपार्टमेंट में लेक्चर सीरीज-ब् के तहत फ्लूड फ्यूचर: माइग्रेंट लेबर एंड ट्रैफिक्ड लाइव इन मिलेनियल सिलिगुडी सब्जेक्ट पर स्पीकर एवं डॉ अतिग घोष (हेड विश्व भारती यूनिवर्सिटी) ने कहा। उन्होंने प्रवास की समस्या के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला।

सेक्स ट्रांजिट सेंटर बना सिलीगुड़ी

बीते कुछ वर्षो से सिलीगुड़ी जैसा शहर सेक्स ट्रेड का एक बड़ा ट्रांजिट प्वाइंट बनकर रह गया है। महिलाओं और कम उम्र की नाबालिग को सेक्स ट्रेड में भेजा जा रहा है। डॉ अतिग ने अंतरराष्ट्रीय मजदूर संघ के आंकड़ों के हवाले से बताया कि करीब क्ख् हजार की संख्या में ये नेपाल और नेपाल से भी यहां आ रहे हैं। यह बेहद चिंताजनक रूप से बढ़ रहा है। इसके अलावा बांग्लादेश के लोगों की इसमें अत्यधिक समस्या है।

झुग्गी-बस्ती की समस्या

इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय भाषण में इतिहास विभाग की पूर्व अध्यक्ष एवं संकाय डीन प्रो। भारती एस। कुमार ने सिलीगुड़ी को 'प्रवासी नगर' की संज्ञा दी। उन्होंने बताया कि सिलीगुड़ी की पांच लाख आबादी का एक तिहाई से अधिक भाग प्रवासियों का है। इनमें अधिकांश प्रवासी बांग्लादेश एवं नेपाल के हैं। उन्होंने आगे बताया कि यहंा प्रवास के लिए बिहार, नेपाल और बांग्लादेश से लोग मजदूरी करने के लिए लोग आते हैं। इससे यहां झुग्गी-बस्तियों की समस्या उत्पन्न हुई हैं। जिसमें मौलिक सुविधाओं का अभाव है।

लाभान्वित हुए छात्र

यह (माइग्रेशन) प्रवास पर आयोजित लेक्चर सीरीज-ब् था। जिसमें पीजी हिस्ट्री डिपार्टमेंट के सैंकड़ों छात्रों ने लेक्चर को सुना और प्रवास, विशेष तौर पर बिहार के संदर्भ में नए ट्रेंड के बारे में सवाल भी पूछे। सेमिनार का आयोजन हिस्ट्री डिपार्टमेंट और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, पटना के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था.संचालन विभाग की प्रोफेसर डेजी नारायण ने किया। स्वागत डिपार्टमेंट के हेड प्रो। अमरनाथ सिंह ने किया। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के पुष्पेंद्र, डॉ संजय पाल, प्रो। संतोष कुमार, पटना कालेज के प्रिंसिपल धर्मशिला प्रसाद, माया शंकर उपस्थित थे।