इविवि और कॉलेजेस में शिक्षक भर्ती का मामला, सीएमपी शाषी निकाय के सदस्यों ने खोला मोर्चा, एक सदस्य का इस्तीफा

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और उससे जुड़े डिग्री कॉलेजेस में बिना रिटेन एग्जाम के डायरेक्ट इंटरव्यू के जरिये हो रही भर्ती पर नित नये आरोपों का दौर शुरू हो गया है। सीएमपी डिग्री कॉलेज में शिक्षक भर्ती का लिफाफा खुलने के चौबीस घंटे के भीतर ही कॉलेज के शाषी निकाय के कई सदस्यों ने मोर्चा खोल दिया है। कॉलेज में 31 सहायक प्रोफेसरों में ज्यादातर का चयन जुगाड़ के दम पर करवा लेने का आरोप लगा है। शाषी निकाय के चेयरमैन और कुलपति को पत्र लिखकर साफ कहा गया है कि शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े के लिये प्रिंसिपल ने अपनी नियुक्ति पांच साल के लिये नियमों को दरकिनार करके करवा ली।

शिक्षित बेरोजगारों के हित दरकिनार

शाषी निकाय के सदस्य और इलाहाबाद हाईकोर्ट के एडवोकेट आरके सिन्हा ने शिकायती पत्र में कहा है कि दबे कुचले और गरीब शिक्षित बेरोजगारों के हितों को दरकिनार कर गलत लोगों का चयन किया गया। उन्होंने संवैधानिक आवाज और नैतिकता का हवाले देते हुये अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कहा है कि उनके अलावा अन्य सदस्य एडवोकेट दिलीप श्रीवास्तव और कॉमर्स डिपार्टमेंट के हेड डॉ। संतोष खरे ने भी लिखित आपत्ति प्रस्तुत की है। उन्होंने कहा है कि शिक्षक भर्ती का लिफाफा खोलने से पहले बैठक में विरोध किया तो निकाय के चेयरपर्सन और सदस्य एसडी कौटिल्य ने डांट कर चुप करा दिया। मामले में प्रिंसिपल डॉ। आनंद से बात करने की कोशिश की गई तो उनका कांटैक्ट नम्बर देर शाम तक नॉट रिचेबल बताता रहा।

चयनित अभ्यर्थियों के नाम पहले से तय थे। एक्सपर्ट कमेटी से इविवि के एक रेगुलर एप्वाइंट टीचर को निकालकर रिटायर टीचर्स को एक्सपर्ट के रूप में शामिल किया गया। स्क्रीनिंग की कोई क्राईटेरिया थी ही नहीं। समूची प्रक्रिया की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिये।

आरके सिन्हा, सदस्य शाषी निकाय

यह हैरत की बात है कि वीसी की अध्यक्षता में कार्य परिषद ने प्रिंसिपल को सेवा विस्तार दे दिया। भर्ती में आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी और हरिशचन्द्र रिसर्च इंस्टीट्यूट के क्वालीफाईड कैंडिडेट को छांटकर नॉन पीएचडी तक का एप्वाइंटमेंट कर दिया गया।

डॉ। संतोष खरे, प्रिंसिपल की पोस्ट के नेक्स्ट दावेदार और निकाय के सदस्य

आरके सिन्हा के पत्र में शामिल बिन्दु

- शाषी निकाय की 22 जुलाई को हुई बैठक में प्रस्ताव के विरूद्ध मेरी लिखित आपत्ति 17 अगस्त को मिनिट्स में समाहित नहीं किया गया

- 10 अक्टूबर को शाषी निकाय की बैठक में षड़यंत्र के तहत एक एजेंडा प्राचार्य द्वारा स्वयं ही पुन: नियुक्ति के लिये लाया गया

- विश्वविद्यालय द्वारा नामित सिर्फ एक ही सदस्य की उपस्थित में बिना कोरम पूरा हुये प्राचार्य डॉ। आनन्द को 65 वर्ष के बाद 05 वर्ष की पुन: नियुक्ति का अवैध प्रस्ताव पारित कर दिया गया

- प्राचार्य की पुन: नियुक्ति के विरूद्ध यूजीसी द्वारा अधिसूचनायें/भारत का राजपत्र 11 जुलाई 2016 को जारी किया जा चुका है

- इससे पूर्व हमीदिया ग‌र्ल्स डिग्री कॉलेज की प्राचार्य डॉ। रेहाना तारिक को रिटायरमेंट के बाद पुन: नियुक्ति का क्लेम विवि कार्य परिषद द्वारा खारिज किया जा चुका है

शिक्षक भर्ती को लेकर लग रहे आरोप

- इविवि और कॉलेजेस की भर्ती में पहले से फिक्स हैं चयनित अभ्यर्थियों के नाम

ज्यादातर शिक्षकों के रिश्तेदार या उनके रिसर्च स्कॉलर्स हैं शामिल

- अभी तक की नियुक्ति और आगे की नियुक्ति में पैसे और पावर का गेम खेला जा रहा है

चयन से पहले ही कैम्पस और हास्टल्स में चयनित होने वाले अभ्यर्थियों और एक्सपर्ट्स के नाम जुबान पर आ जा रहे हैं

चयन की पारदर्शिता और गोपनियता हो चुकी हैं भंग

ऐन वक्त पर विजिटर नॉमिनी की तबियत खराब

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने आननफानन में शिक्षक भर्ती के साक्षात्कार को स्थगित कर दिया है। अपरिहार्य कारणों से जो साक्षात्कार स्थगित किये गये हैं। उनमें प्रोफेसर के लिये बॉयोकेमेस्ट्री का साक्षात्कार 14 नवम्बर एवं असिस्टेंट प्रोफेसर के लिये इंडियन डायसपोरा का साक्षात्कार 15 नवम्बर को होना था। सीएमपी डिग्री कॉलेज के घटनाक्रम के बाद अचानक इविवि के साक्षात्कार स्थगित होने को लेकर तरह तरह की चर्चायें तेज हैं। हालांकि रिक्रुटमेंट सेल के डायरेक्टर प्रोफेसर अनुपम दीक्षित ने बताया कि साक्षात्कार स्थगित होने की वजह विजिटर नामिनी का अचानक तबियत खराब हो जाना है।