-एसटीएफ ने गोरखपुर से सट्टेबाज को किया गिरफ्तार, कानपुर में बैठा बुकी करा रहा था सट्टेबाजी

-डब्बा बुकी तय करता था भाव, कई शहरों में कानपुर से ऑपरेट हो रहा करोड़ों का सट्टा, कंघीमोहाल से एक को उठाया

KANPUR: सट्टेबाजी में कानपुर के डब्बा संचालकों ने पूरे प्रदेश में अपने पैर पसार लिए हैं। इन पर एसटीएफ ने नजरें गड़ाते हुए गोरखपुर से सट्टेबाज को गिरफ्तार कर लाखों रुपए और मोबाइल फोन बरामद हुए। पूछताछ शुरू हुई तो पता चला कि यह नेटवर्क कानपुर से ही संचालित हो रहा था। कानपुर में बैठा डिब्बा बुकी चैपियंस ट्राफी में सट्टे का भाव तय करता था। उसके बाद गोरखपुर समेत दूसरे शहरों में अपने एजेंट के जरिए सट्टा खिलवाता था। गोरखपुर में एसटीएफ की कार्रवाई के बाद कर्नलगंज के कंघीमोहाल में भी सट्टेबाज को उठाए जाने की सूचना मिली। हालाकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है। मालूम हो कि 10 मई को ग्रीनपार्क में आईपीएल मैच के दौरान होटल लैंडमार्क में सट्टेबाजों को गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने कानपुर में चल रहे करोड़ों के डिब्बा सटटेबाजी का खुलासा किया था।

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कानपुर से चला गोरखपुर में सट्टा

गोरखपुर के कोतवाली क्षेत्र में पढ़ने वाले पुर्दिलपुर मोहल्ले में एसटीएफ ने दबिश देकर अजय यादव नाम के शख्स को गिरफ्तार किया। वह चैपियंस ट्राफी में इंडिया बांग्लादेश के बीच मैच में सट्टेबाजी कर रहा था। एसटीएफ ने मौके से फ्.ब्ब् लाख रुपए, क्ब् मोबाइल, लैपटॉप, नेट कनेक्टर, फ्म् बैंकों की चेकबुक,क्7 ब्लैंक चेक बरामद किए। अजय यादव से पूछताछ में पता चला कि कानपुर के डिब्बा बुकी संचालक अनीस से जुड़ा था जिसने उसे सट्टेबाजी के लिए फोन लाइनें उपलब्ध कराई थी। जिनके जरिए अनीस बोली लगवाता है। मैच खत्म होने के बाद दो दिनों तक गैंग के सदस्य लोगों से रकम वसूल कर मोटा हिस्सा अनीस को भेजते थे। अजय के खिलाफ एसटीएफ ने कोतवाली थाना में केस दर्ज कराया है।

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ख्फ्00 के भाव पर क्0 हजार

बुकी ने उपलब्ध कराया था फोन

अजय से पूछताछ में पता चला कि भारत और बांग्लादेश के बीच मैच का भाव क्8-ख्फ् का चल रहा था। अनीस ने यह भाव तय किया था। जिसके हिसाब से ही गोरखपुर में वह सट्टा खिलवा रहा था। यदि भारतीय टीम जाती तो इस पर लगाए गए सट्टे पर सट्टेबाजों को ख्फ् सौ रुपए के भाव पर क्0 हजार मिलता। अजय यादव के पास बड़ी संख्या में ब्लैंक चेकबुक बरामद हुई है।

अनीस की तलाश में छापेमारी

गोरखपुर में सट्टेबाज की गिरफ्तारी के बाद जिस डिब्बा बुकी अनीस का नाम सामने आया। उसकी तलाश में कानपुर में भी फ्राईडे रात को छापेमारी हुई। कंघीमोहाल में हुई इस छापेमारी में कुछ लोगों को उठाने की बात भी पता चली हालाकि बजरिया और कर्नलगंज दोनों थानों की पुलिस ने इससे इंकार किया।

करोड़ों का है डब्बे का धंधा

सट़्टेबाजी में डब्बा सिटी में कई जगहों पर चलता है। इसके तार कई शहरों में फैले हैं। ये डिब्बे सट्टे का भाव तय करते हैं। इनके जरिए ही सट्टा लगाया भी जाता है जोकि हजार से लेकर लाख और करोड़ तक की रकम का होता है। छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में मिले ब्लैंक चेक भी करोड़ों के इस खेल का पर्दाफाश करते हैं.एक अनुमान के मुताबिक डब्बे के जरिए सट्टेबाजी का यह धंधा क्00 करोड़ से ज्यादा का है।