यह बात वर्ष 1952 की है। नवंबर के महीने में पर्थ में खेले जा रहे प्रथम श्रेणी मैच में क्लेयरमांट व माउंट लाउली की टीमें आमने सामने थीं। क्रीज पर बल्लेबाजी कर रहे थे वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया टीम के कप्तान वैली लैंगडन। वह बॉलर की गेंद को समझ नहीं पाए जो सीधे जाकर विकेट पर लगी। बेल्स उछलीं लेकिन निकलकर बाहर नहीं गिरी। जब देखा गया तो किसी ने वह च्वुइंग गम से चिपकी नजर आईं।

 

 जब च्‍वुइंग गम ने बल्‍लेबाज को आउट होने से बचाया


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किसी ने टूटे स्टंप को जोड़ने के लिए च्वुइंग गम लगा दी थी। बेल्स उसी में फंसकर रह गईं। अंपायर ने सोच समझकर कर उन्हें नॉट आउट करार दे दिया। इस तरह च्वुइंग गम के चलते लैंगडन आउट होने से बच गए। हालांकि क्रीज पर लंबे समय तक टिकने की बजाय वह क्लीन बोल्ड होकर पवेलियन लौटे। इस बार शायद उन्हें च्वुइंग गम की मदद नहीं मिली।


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