ये तस्वीर बता रही है 2010 का वो समय, जब क्रिकेटर ग्रांट इलियट एक रात के लिए पूरी तरह से हीरो बन गए थे। ये वो समय था जब इन्होंने अपने सामने वाली टीम के बॉलर डेल स्टेन की ओर मदद के हाथ बढ़ाए थे। दरअसल बॉलिंग करते समय स्टेन के चोट लगी और वो जमीन पर गिर पड़े। फिर क्या था, इलियट ने बिना कुछ सोचे बैटिंग छोड़कर उनकी ओर मदद का हाथ बढ़ाया।
अपने क्रिकेट कॅरियर में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने जल्द ही टीम इंडिया से एक गहरा रिश्ता बना लिया था। उसके बाद वो लगातार जबरदस्त प्रदर्शन के साथ क्रिकेट फैन्स के दिलों पर राज करने लगे। देखते ही देखते वो समय भी आ गया जब इन्होंने फैसला कर लिया खेल के अपने सुनहरे दौर को वहीं फ्रीज कर देने का। ये था सचिन तेंदुलकर के 24 साल के कॅरियर का आखिरी दिन, जब उनके पिच पर जाने से पहले सैकड़ों फैन खड़े थे उनके दीदार के लिए।
इंडियन कैप्टन के रूप में सौरव गांगुली ने भी ग्राउंड पर कई यादगार लम्हें अपने फैन्स को दिए। 2002 में लंदन के लॉर्ड्स स्टेडियम में टीम इंडिया की जीत पर गांगुली ने अपनी शर्ट उतारकर खुशी का इजहार किया था।
1999 के वर्ल्ड कप में जब साउथ अफ्रीका की टीम लगातार जीत की ओर आगे बढ़ रही थी, तभी अचानक कुछ ऐसा हुआ कि पूरा मैच ऑस्ट्रेलिया के फेवर में मुड़ गया। ये था साउथ अफ्रीका के क्लूज़नर की महज एक गलती का नतीजा। इन्होंने अपनी गल्ती से अपने साथी बैट्समेन एलेन डोनाल्ड को रन आउट करा दिया था।
ये था 1948 का वो समय जब फील्ड पर थे सर डोनाल्ड ब्रैडमैन। अपने कॅरियर के बैटिंग एवरेज को 100 पर पूरा करने के लिए यहां सर डोनाल्ड को आखिर में महज 4 रनों की जरूरत थी। किस्मत का खेल कुछ ऐसा चला कि वही चार रन आखिर में पूरे न हो सके और उनका एवरेज यादगार आंकड़े 99.94 पर आकर टिक गया।
1992 वर्ल्ड कप में ये मैच था पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका की टीम के बीच। पाकिस्तान की ओर से इंजमाम-उल-हक थे मैदान पर। टीम ने 2 विकेट पर अब तक 135 रनों का स्कोर खड़ा कर लिया था। देखते ही देखते फील्डिंग के नजारे ने सबको चौंका दिया और मैच हो गया आखिर में साउथ अफ्रीका की टीम के नाम। टीम के क्रिकेटर जोन्टी रोड्स की एक डाइव ने पूरे के पूरे विकेट को उड़ा कर रख दिया।
1981 में पाकिस्तान टीम के ऑस्ट्रेलियाई दौरे में पाकिस्तानी बल्लेबाज जावेद मियांदाद और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज डेनिस लिली के बीच मारपीट की नौबत आ गई थी। हुआ कुछ यूं कि पर्थ टेस्ट मैच के दौरान लिली ने मियांदाद के खिलाफ अपील की। इस अपील को अंपायर ने ठुकरा दिया। दूसरी गेंद पर जब मियांदाद एक रन लेकर नॉन-स्ट्राइक पर आए, तब लिली ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इसके साथ ही उनके पैड पर पैर मारते हुए उन्होंने इशारा किया कि गेंद यहां लगी थी। इसके बाद मियांदाद बैट लेकर लिली को मारने दौड़े। अंपायर ने मामले की गंभीरता समझते हुए दोनों खिलाड़ियों के बीच-बचाव किया और हाथापाई होने से रोक ली।
1999 में आमने सामने हुए श्रीलंका के अर्जुन राणातुंगा और ऑस्ट्रेलिया के रॉस एमरसन। ये वो वक्त था जब रॉस ने मुथैया मुरलीधरन को उनकी बॉलिंग के कारण चकर कहकर बुलाया था। इस पर भड़के अर्जुन राणातुंगा ग्राउंड पर ही एमरसन पर भड़क गए। दोनों के बीच भड़के झगड़े को सुलझाने के लिए अम्पायर को बीच-बचाव करने के लिए आना पड़ा।
2011 का वर्ल्ड कप मैच। ये टीम इंडिया के लिए सबसे यादगार जीत का पल था। यादगार जीत इसलिए, क्योंकि यहां आखिरी ओवर में कुलसेखरा की बॉल पर महेंद्र सिंह धोनी ने छक्का मारकर टीम इंडिया को जीत दिलाई थी। ऐसा पहली बार हुआ था जब किसी ने आखिर में छक्का मारकर टीम को जिताया था।
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