>RANCHI:ख्9 जुलाई को ईद के दिन रांची जिले के चान्हो ब्लॉक के सिलागाई में जमीन विवाद को लेकर दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। इसमें आदिवासी और मुस्लिम समुदाय के फ्भ् लोगों सहित क्ख् पुलिस कर्मी भी घायल हो गए थे। इस हिंसा में एक ग्रामीण दशरथ उरांव की मौत भी हो गई थी। इस घटना के बाद आसपास के माहौल में दहशत कायम हो गया था। गांव छोड़कर लोग भाग गए थे, तीन दिनों तक पुलिस गांव में कैंप करती रही। पूरे गांव में कफ्र्यू लगा दिया गया था। कई दिनों तक लोग दहशत के माहौल में रहे। पूरे साल ख्0क्ब् की यह सबसे बडी घटना थी इसका असर रांची के अलावा आसपास के दूसरे जिलों में भी देखने को मिला था।

तीन दिन लगा रहा कफ्र्यू

सिलागाई की घटना को लेकर पूरे चान्हो ब्लॉक में लोग डरे-सहमे थे। गांव में कफ्र्यू लगा दिया गया था। इस घटना के दूसरे दिन ही दूसरे समाज के लोगों द्वारा भी मारपीट की गई थी। गांव में राज्य के नेता भी पहुंचने लगे थे घटना पर खू ब राजनीति भी हुई थी। बाद में प्रशासन और गांव वाले के बीच समझौता कराकर इसे शांत किया गया। साल ख्0क्ब् की यह बडी घटना रही।

व्यवसायी पवन अग्रवाल की हत्या का गम

क्8 सितंबर को रांची के एक बडे बिजनेसमैन पवन अग्रवाल की घर के पास ही अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। क्रिमिनल्स ने उन्हें तीन गोलियां मारी थी। उस दिन नार्थ मार्केट रोड अपर बजार स्थित अपने शॉप से पवन अग्रवाल अपना काम खत्म कर रात को ईस्ट जेल रोड के गुरुकृपा स्थित अपने घर आ रहे थे। जैसे ही वे घर के पास पहुंचे, गेट के पास पहले से मौजूद बाइक सवार ने गोली मार दी और भाग गए। गोली की आवाज सुनते ही परिजन बाहर आए और आनन-फानन में पवन अग्रवाल को सेंटेविटा अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। यह इस साल की एक बड़ी आपराधिक घटना थी।

पीपी ट्रेडर्स के ऑनर थे

पवन अग्रवाल की हत्या से व्यवसायी वर्ग दहशत में आ गया था। पवन अग्रवाल नार्थ मार्केट अपर बजार स्थित पीपी ट्रेडर्स के मालिक थे। उनका पशु आहार का बिजनेस था। उनके दो बेटे और तीन बेटियां हैं। परिवारवालों ने पवन अग्रवाल की हत्या के लिए किसी पर शक जाहिर नहीं किया है।