-सीनियर सिटीजंस बन रहे क्रिमिनल्स का आसान शिकार

-पुलिसिया ढिलाई की भेंट चढ़ी सीनियर सिटीजंस के रजिस्ट्रेशन की कवायद

-एरिया में रहने वाले बुजुर्गो का पुलिस के पास नहीं है ब्योरा

pankaj.awashti@inext.co.in

LUCKNOW: बीते कुछ समय में राजधानी में सीनियर सिटीजंस के साथ करीब एक दर्जन से ज्यादा संगीन आपराधिक वारदातें हो चुकी हैं, जिनमें आधे से अधिक घटनाओं में तो बुजुर्गो को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। लखनऊ को सेफ कैपिटल बताने वाली पुलिस भी सीनियर सिटीजंस के साथ हो रही वारदातों पर रोक लगा पाने में नाकाम साबित हो रही है। वहीं, जिम्मेदार पुलिस ऑफिसर्स को सूझ नहीं रहा कि बुजुर्गो की जान पर आई आफत से कैसे निपटा जाए। सामने आ खड़ी हुई इस समस्या को लेकर एसएसपी राजेश पांडेय ने जरूर गंभीर रूख अपनाया है और उन्होंने पूर्व में चलाई गई योजना को एक बार फिर शुरू करने का निर्णय ि1लया है।

चार साल पहले तैयार हुआ था ब्योरा

चार साल पहले बुजुर्गो के साथ हो रही आपराधिक घटनाओं को देखते हुए तत्कालीन एसएसपी अखिल कुमार ने सिटी के सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया था कि, उनके एरिया में रहने वाले सीनियर सिटीजंस का ब्योरा तैयार करें। इसके साथ ही बीट कॉन्सटेबल्स को इन बुजुर्गो के कॉन्टैक्ट में रहने को कहा गया था। पुलिस की इस सक्रियता का सुखद परिणाम भी सामने आया और उस वक्त सीनियर सिटीजंस के साथ वारदातों में भारी कमी देखी गई। इस कवायद के इतने अच्छे रिस्पॉन्स के बावजूद एसएसपी कुमार के ट्रांसफर होते ही इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब तो हालत यह है कि एसओ या एसएचओ को यह भी नहीं मालूम कि उनके एरिया बाशिंदों में कितने सीनियर सिटीजंस हैं।

फिर से शुरू होगी योजना

आई नेक्स्ट से बातचीत करते हुए एसएसपी राजेश पांडेय ने बताया कि सीनियर सिटीजंस के साथ हुई तमाम वारदातों में यह बात सामने आई है कि उनके करीबी ही जान के दुश्मन निकले हैं। एसएसपी पांडेय कहते हैं कि किस करीबी के दिल में रंजिश पनप चुकी है, इसे पता लगाना नामुमकिन है। रिश्तेदार या करीबी वारदात में कामयाब भी इसीलिये हो जाते हैं, क्योंकि शिकार तक उनकी पहुंच बेहद आसान होती है। हालांकि, पूर्व में अकेले रहने वाले सीनियर सिटीजंस के लिये चलाई गई योजना के बेहतर रिस्पॉन्स को देखते हुए हम इसे फिर से शुरू करेंगे। जिसमें सभी एरिया में अकेले रहने वाले सीनियर सिटीजंस का ब्योरा तैयार कराया जाएगा। बीट दारोगा व बीट कॉन्सटेबल्स समय-समय पर उन बुजुर्गो से मिलकर उनकी समस्या जानेंगे और उसका निराकरण कराएंगे।

कब-कब निशाना बने सीनियर सिटीजंस

5 अक्टूबर 2014- हुसैनगंज के क्ले स्क्वायर में अकूत संपत्ति की मालकिन पुष्पलता छाबड़ा की हत्या

2 अक्टूबर 2014-हजरतगंज में बुजुर्ग प्रीतम सिंह (80) और उनकी वाइफ सुरिंदर कौर (75) को बंधक बनाकर लाखों की लूट

11 अगस्त 2013- आशियाना में बुजुर्ग दंपति को बंधक बनाकर लूटपाट

29 जुलाई 2013-बाजारखाला के मालवीय नगर में रिटायर्ड जेलर को घायल कर वाइफ की हत्या

5 जुलाई 2013- हसनगंज में रिटायर्ड सीएमएस की वाइफ मिथिलेश (85) को बंधक बनाकर लूटपाट

28 जून 2013-निरालानगर में महिला राज टिक्कू (77) से चाकू के बल पर लूट की कोशिश

14 अप्रैल 2013- गोमतीनगर में रिटायर्ड बैंककर्मी राकेश मेहरा व उनकी वाइफ प्रेमलता की धारदार हथियार से हत्या

9 फरवरी 2013- माल में बुजुर्ग लक्ष्मण की जमीनी विवाद में हत्या

5 फरवरी 2013-वजीरगंज में बुजुर्ग अंगूरी देवी की हत्या, घर में मौजूद नातिन की भी रेप के बाद हत्या।