- शादी के समय लड़की वालों ने दिए थे 12 लाख रुपए दहेज

- पति, ससुर सहित सात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर

 

PATNA / SIWAN : समाज की अनेक कुरीतियों में आजकल दहेज की प्रथा अत्यधिक दुखदायी बनी हुई है। देश में औसतन हर एक घंटे में एक महिला दहेज संबंधी कारणों से मौत की शिकार हो रही है। न जाने अबतक कितनी बेटियों को दहेज लोभी दानवों ने बलि ले ली है। जिंदा जला दी गईं हैं। पर बेटियों के लिए ना समाज कुछ कर पाता है ना कानून। दहेज प्रथा पर रोक लगाने के लिए वैसे तो हमारे देश में सख्त कानून हैं, लेकिन गाहे-बगाहे कुछ मामले तो अदालत तक पहुंच भी नहीं पाते और कुछ पहुंच भी जाते हैं तो लंबी प्रक्त्रिया और जांच के पेंच में ऐसे फंस जाते हैं।

 

पीडि़ता ने दर्ज कराई एफआईआर

एक ऐसा ही मामला आया है सीवान के मांझागढ़ थाने स्थित मकनपुरा गांव की। आप अबतक दहेज के लिए प्रताड़ना, घर से निकलने तथा हत्या की खबरे अक्सर सुनते होंगे पर दहेज नहीं मिलने पर ससुराल वालों ने अपनी बहू का गर्भाशय ही निकाल दिया ऐसा पहली बार सुन रहें होंगे। जी हां ये बिल्कुल सच्ची घटना है। शादी के समय क्ख् लाख रुपए दहेज के रूप में दिए जाने के बाद भी दहेज लोभियों ने ऐसी दुस्साहस की। इन मामले में पीडि़ता गोपालगंज जिले के मांझागढ़ थाने अपने पति, ससुर सहित सात को के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। मकनपुरा गांव के दिनेश सिंह की पुत्री नेहा देवी मामला दर्ज कराया है।

 

जबरन निकलवाया गर्भाशय

नेहा की शादी वर्ष ख्0क्भ् में क्क् मार्च को भगवानपुर हाट थाने के सरहरी गांव स्थित रामजी सिंह के पुत्र कुमार पियूष के साथ हुई थी। नेहा ने बताया है कि शादी के वक्त क्ख् लाख रुपए नकद राशि दहेज के रूप में दिए गए थे। शादी के बाद टीवी, कूलर, सोफा सेट, पलंग, वा¨शग मशीन की मांग की जाने लगी। मांग पूरा नहीं होने पर प्रताडि़त करने का सिलसिला शुरू हो गया। इससे भी मन नहीं भरा तो गत ख्7 अप्रैल को ससुरालवालों द्वारा बल पूर्वक गर्भाशय निकलवाकर घर से निकाल दिया।

 

इनकी गिरफ्तारी के लिए हो रही छापेमारी

नेहा ने पति कुमार पियूष, ससुर रामजी सिंह, सास सुगांती देवी, देवर नीतेश सिंह, ननद ¨पकी कुमारी, प्रिया कुमारी, प्रीति कुमारी के खिलाफ को नामजद किया है। थानाध्यक्ष मुकेश कुमार ने बताया कि मामला बहुत गंभीर है। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी गई है लेकिन अभी सभी फरार हैं।

 

 

क्या कहता है दहेज से जुड़ा कानून

दहेज प्रताड़ना से जुड़े मामले देखने के लिए दहेज निषेध कानून क्9म्क्, के अलावा आईपीसी की धारा फ्0ब्बी और धारा ब्98ए के तहत कानूनी प्रावधान किए गए हैं। दहेज निषेध कानून, क्9म्क् की धारा फ् के अनुसार, दहेज लेने या देने का अपराध करने वाले को कम से कम पांच साल की जेल साथ कम से कम क्भ् हजार रुपये या उतनी राशि जितनी कीमत का गिफ्ट दिया गया हो, इनमें से जो भी ज्यादा हो, के जुर्माने की सजा दी जा सकती है।

 

दहेज मांगने पर ये है सजा

आईपीसी की धारा ब्98-ए दहेज के लिए उत्पीड़न से जुड़ी है। इसमें महिला के पति और उसके रिश्तेदारों की ओर से दहेज की मांग पर सजा का प्रावधान है। ऐसे मामलों में फ् साल की कैद और जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा आईपीसी की धारा ब्0म् के तहत अगर महिला का पति या उसके ससुराल के लोग उसके मायके से मिला पैसा या सामान उसे सौंपने से मना करते हैं तो इस मामले में भी तीन साल की कैद और जुर्माना हो सकता है।

 

दहेज हत्या पर उम्रकैद की सजा

आईपीसी की धारा फ्0ब्बी में यह प्रावधान है कि दहेज के लिए हत्या का मामला साबित होने पर कम से कम सात साल की सजा से लेकर उम्रकैद तक दी जा सकती है। कानून के मुताबिक, यदि शादी के सात साल के भीतर असामान्य परिस्थितियों में लड़की की मौत होती है और मौत से पहले दहेज प्रताड़ना का आरोप साबित हो जाता है तो महिला के पति और रिश्तेदारों को ये सजा हो सकती है।