मौका मिला तो सियासी पारी खेलना चाहेंगी

क्राइम के प्रति मुखर हों महिलाएं : शर्मिष्ठा

- विदेशों में भी है शास्त्रीय नृत्य-संगीत की धूम

Meerut । शास्त्रीय नृत्य व गीत-संगीत अपने देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब ख्याति बटोर रहा है। ऐसा नहीं है कि सरकार इसके प्रति गंभीर नहीं है। कई योजनाएं हैं, जिसके कारण कलाकार विदेशों में भी प्रस्तुति देने जाते हैं। राष्ट्रपति की पुत्री व प्रख्यात कत्थक नृत्यांगना शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ये बातें पत्रकार वार्ता के दौरान कहीं।

आवाज उठाएं महिलाएं

बीते दिनों फेसबुक पर अश्लील मैसेज भेजने वाले के खिलाफ एफआइआर कराने और महिलाओं संग अपराध पर उन्होंने कहा कि महिलाओं को मुखर होना होगा। व्यक्तिगत तौर पर ही नहीं कोई सोशल मीडिया पर भी उनसे बदतमीजी करे तो उसके खिलाफ आवाज उठाएं।

सियासत पर खामोशी

राजनीतिक सवालों पर उन्होंने चुप्पी साधे रखी। उन्होंने कहा कि यहां वे बतौर कलाकार आई हैं। यूपी की पॉलीटिक्स के मामले पर उन्होंने कहा कि उप्र की राजनीति में पार्टी ने आने का मौका दिया तो वे जरूर राजनीतिक पारी खेलना चाहेंगी।

फिल्मों में प्रस्तुति नहीं

श्रीकृष्ण लीलाओं के मंचन पर कहा कि उन्हें शुरु से ही श्रीकृष्ण में आसक्ति है। फिल्मों या बॉलीवुड में प्रस्तुति से उन्होंने साफ इंकार किया। उन्होंने साफ कहा कि व्यवसायिक गतिविधियों से नहीं बल्कि धार्मिक या सामाजिक आयोजनों में प्रस्तुति से आत्मसंतुष्टि मिलती है।

मेरठ में भी हैं मेरे दोस्त

मेरठ में पहली बार आगमन के सवाल पर कहा कि यहां के लोग क्रांतिकारी विचारधारा के हैं। लेकिन उनके दिल में असीम प्रेम है। उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली रहती हूं, लेकिन कई दोस्त मेरठ में रहे हैं। ऐसे में मेरठ मेरे लिए नया नहीं है।

ये रहे मौजूद

इस दौरान रमेश चंद गुप्ता, अरविंद मारवाड़ी, रामकुमार शर्मा, भगवान दास मारवाड़ी, विष्णु दत्त पाराशर, नमन गुप्ता, विपिन गर्ग आदि मौजूद रहे।