- मां और भाई-बहन को 14 दिनों तक बनाए रखा बंधक

- कंट्रोल रूम की इंफॉर्मेशन पर गाजीपुर पुलिस ने पहुंचकर कराया रिहा, लेकिन नहीं दर्ज की एफआईआर

- पीडि़ता के पिता ने डीजीपी व महिला आयोग से की शिकायत

LUCKNOW: बिहार निवासी डॉक्टर दंपति इलाहाबाद में आयोजित कुंभ मेले के दौरान लखनऊ के गाजीपुर एरिया में स्थित आश्रम के कैंप में सदज्ञान की बातें सुनकर प्रभावित हो गए। मार्च की शुरुआत में उन्होंने वाइफ और बच्चों को आश्रम में संचालित होने वाले विशेष आध्यात्मिक सेशन में शामिल होने के लिये यहां लाकर छोड़ दिया। पर, सेशन के दौरान आश्रम के टीचर ने ही डॉक्टर की बेटी के संग दुष्कर्म कर डाला। शोर सुनकर पहुंची उसकी मां और बच्चों को आश्रम में ही बंधक बना लिया गया। वाइफ और बच्चों को लेने पहुंचे डॉक्टर को उनसे मिलने से रोक दिया गया। आखिरकार डॉक्टर ने पुलिस की मदद से बंधक बनी लेडी और उनके बच्चों को रिहा कराया, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की। पीडि़ता के पिता ने डीजीपी और महिला आयोग में इसकी शिकायत की है।

कुंभ मेले मे आये थे

बिहार के मुंगेर निवासी डॉक्टर राजीव बीती फरवरी में अपनी वाइफ रीता (सभी नाम बदले हुए) और दो बेटों व एक बेटी के साथ इलाहाबाद में आयोजित कुंभ मेले में आए थे। इस दौरान वह वहां लगे लखनऊ के एक आश्रम के कैंप में जा पहुंचे। वहां दी जा रही जानकारी और आश्रम के कार्यक्रमों से डॉक्टर दंपति बेहद प्रभावित हुए। इसी दौरान आश्रम के स्वयंसेवकों ने उन्हें बताया कि उनके आश्रम में क् मार्च से फ्0 अप्रैल के बीच अध्यात्म की जानकारी देने के लिये विशेष सेशन आयोजित किया जाता है। उस वक्त तो डॉक्टर दंपति वहां से लौट गए, लेकिन क् मार्च को वह लखनऊ स्थित आश्रम आ पहुंचे। जहां डॉक्टर ने वाइफ और बच्चों को सेशन में शामिल होने के लिये छोड़ दिया और वह वापस लौट गए।

टीचर ने किया दुष्कर्म

डॉ। राजीव के मुताबिक, एक महीने तक तो सेशन में सबकुछ ठीक चला, लेकिन ख् अप्रैल की रात आश्रम के टीचर ने डॉ। राजीव की क्क् वर्षीया बेटी अविका (बदला नाम) को अपने पास बुलाया और उसके संग दुष्कर्म करने लगा। टीचर की इस हरकत से सन्न अविका ने शोर मचाना शुरू कर दिया। शोर सुनकर रीता भी वहां आ पहुंची और बेटी को वहशी टीचर के चंगुल से छुड़ाया। बात आश्रम से बाहर न जा सके इसलिए आश्रम के स्वयंसेवकों ने रीता का सेलफोन छीन लिया। रीता ने बच्चों के साथ आश्रम से बाहर निकलने की कोशिश की लेकिन उन लोगों को बंधक बना लिया गया। डॉ। राजीव के मुताबिक, वह वाइफ को लगातार फोन करते रहे, लेकिन उनसे कॉन्टेक्ट नहीं हो पाया। क्क् अप्रैल को आश्रम के नंबर पर कॉल कर वाइफ रीता से बात कराने को कहा। पर, बात नहीं कराई गई।

पुलिस की मदद से कराया रिहा

डॉ। राजीव ने बताया कि वह क्म् अप्रैल को आश्रम पहुंचे। पर, उन्हें भीतर नहीं जाने दिया गया। काफी कोशिशों के बाद भी जब वह वाइफ व बच्चों से नहीं मिल सके तो उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम पर फोन कर इसकी इंफॉर्मेशन दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने आश्रम में बंधक रीता और उनके बच्चों को रिहा कराया। डॉ। राजीव के मुताबिक, वे लोग गाजीपुर थाने पहुंचे और दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज करानी चाही लेकिन पुलिस ने उन्हें मेडिकल रिपोर्ट में इसकी पुष्टि न होने की बात कहकर वापस कर दिया। आखिरकार डॉ। राजीव ने डीजीपी और महिला आयोग में इसकी शिकायत की। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, महिला आयोग ने एसएसपी से पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है।

डॉक्टर की शिकायत पर उनके फैमिली मेंबर्स को आश्रम से लाया गया था। अगर तहरीर मिली तो उसी के हिसाब से एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

- नोवेन्द्र सिंह सिरोही

एसओ, गाजीपुर

यह मामला अभी मेरे संज्ञान में आया है। एसओ गाजीपुर से इस मामले की रिपोर्ट तलब की गई है।

- प्रवीण कुमार

एसएसपी, लखनऊ