-रानीपुर में अपने ही घर में कैद मिला सिक्योरिटी गार्ड, मोहल्ले वालों ने कराया मुक्त

-परिवार और रिश्तेदारों पर सम्पत्ति के लिए साजिशन प्रताड़ना को आरोप, पुलिस ने पल्ला झाड़ा

VARANASI

बंद मकान से मदद के लिए चीखती आवाज ने शनिवार को भेलूपुर थाना एरिया के रानीपुर के लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। आवाज इतनी दर्दनाक थी कि जिसके भी कानों में पड़ी वो खुद को उस ओर जाने से रोक नहीं सका। थोड़ी ही देर में मकान के ईद-गिर्द भीड़ जमा हो गयी। खिड़की-झरोखों से देखने पर एक कमरे के कोने में डर से सिमटी इंसानी आकृति नजर आयी। लोगों ने किसी तरह घर का दरवाजा खोला। अंदर दाखिल हुए और अंदर जो नजारा देखा, वो उन्हें झकझोर गया। सामने एक इंसान था जिसके हाथ-पैरों को कुत्ते की जंजीर से जकड़ा गया था। मैले-कुचैले कपड़ों से बमुश्किल बदन ढका था।

मकान मालिक का ये हाल!

घर में कुत्ते की जंजीर से बंधा ये इंसान कोई और नहीं बल्कि मकान का मालिक संतोष पांडेय था जो एक अरसे से रानीपुर में रह रहा था। अपनी इस हालात के पीछे का किस्सा जब उसने बयां किया तो सुने के सभी हैरान रह गए। संतोष पांडेय ने आरोप लगाया कि उसके अपनों ने ही सम्पत्ति के लिए उसका ये हाल किया है। उसे दो महीनों से बेडि़यों जकड़कर रखा गया है और जानवरों जैसे बर्ताव किया जाता है।

कभी हाथों में होती थी बंदूक

जिन हाथों को जानवर बांधने वाली जंजीर से बांधा गया था उसमें कभी बंदूक हुआ करती थी। वह सिक्योरिटी गार्ड था। अपनी लाइसेंसी बंदूक के साथ लोगों की सुरक्षा को मुस्तैद रहता था। पत्नी, एक बेटी और एक बेटा के साथ रानीपुर स्थित पुश्तैनी मकान में रहता था। उसने आजाद करने वाले लोगों को बताया कि उसके बुरे दिन की शुरुआत दो साल पहले शुरू हुई। पत्नी ने आग लगाकर जान दे दी। इसके बाद दो सालियां और सास उसके घर आकर रहने लगीं। बच्चों को उसके खिलाफ बरगलाने लगीं। उनकी नजर उसकी सम्पत्ति पर थी। दो महीने पहले साजिश के तहत उन्होंने मानसिक रूप से बीमार बताकर जंजीर से जकड़ दिया। उसे न ठीक ढंग से खाने के लिए दिया जाता न नहाने-धोने दिया जाता। बाप के खिलाफ अत्याचार में क्म् साल का बेटा भी शामिल रहा। क्ख् साल की बेटी सबकुछ देखते हुए विरोध नहीं कर सकी।

मोहल्ले वालों बचायी जान

संतोष का कहना था कि सालियों और बेटा उसे किसी से मिलने नहीं देते थे। किसी मोहल्ले वाले को उसके पास नहीं आने देते थे। वह मदद के लिए चीखता-चिल्लाता था लेकिन आवाज कमरे से बाहर नहीं निकलती थी। ख्0 दिन पहले किसी तरह से आसपास के लोगों को उसके बारे में पता चला तो घर पहुंचे और सालियों और बेटे से मुक्त करने के लिए कहा। उस वक्त तो उसकी जंजीर खोल दी गयी लेकिन मोहल्ले वालों के जाते ही फिर उसे जंजीर से जकड़ दिया गया।

पुलिस ने भी काटी कन्नी

शनिवार को घर पर उसके अलावा कोई नहीं था। उसने मदद की गुहार लगायी तो आसपास के लोग जमा हो गए। संतोष को मुक्त कराने के बाद नहलाया, खाना खिलाया। इस मामले में भेलूपुर पुलिस का अमानवीय चेहरा भी सामने आया। सूचना मिलने के पांच घंटे बाद मौके पर पहुंची। पुलिस का कहना है कि फिलहाल कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। जिसपर कार्रवाई की जा सके। वहीं संपत्ति के विवाद की बात मोहल्ले वालों की ओर फैलायी गयी है ऐसा कोई विवाद नहीं है। इस मामले में परिवार वाला कोई बोलने को तैयार नहीं है।