- फायर ब्रिगेड के पास 18 अत्याधुनिक एंबुलेंस, स्टाफ बिना फांक रही धूल

- वीआईपी ड्यूटी तक में नहीं होती इस्तेमाल, रखे-रखे खराब हो रहे लाइफ सेविंग इक्विपमेंट्स

आपके पास लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का कोई गैजेट हो मगर एक्सप‌र्ट्स न हों तो उस तकनीकी का क्या काम। बनारस के फायर ब्रिगेड की हालत भी कमोबेश ऐसी ही है। लाइफ सेविंग का जिम्मा संभालने वाले विभाग का काम सिर्फ आग बुझाने तक ही रह गया है। फायर ब्रिगेड के पास करोड़ों रुपये की एंबुलेंस पड़ी हैं मगर मेडिकल स्टाफ न होने के कारण लगभग डेढ़ साल से इनका कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा है।

विभाग के पास 18 एंबुलेंस

फायर ब्रिगेड के पास सिर्फ आग बुझाना नहीं बल्कि आपदा, नदी या सड़क पर किसी प्रकार के हादसे और वीआईपी मूवमेंट के समय किसी दुर्घटना से सुरक्षा का अहम जिम्मा होता है। 2015 से फायर ब्रिगेड को संसाधनों से लैस करने की कवायद शुरू हुई। इस क्रम में पिछले डेढ़ साल में मानकों के अनुसार इन्हें कुल 18 एंबुलेंस दी गई। इनमें सामान्य एंबुलेंस से लेकर मोबाइल आईसीयू तक शामिल हैं। विभाग को लगा कि दिन बहुरने वाले हैं मगर हुआ कुछ और। चेतगंज स्थित फायर स्टेशन में खड़ी कई एंबुलेंस की कीमत एक करोड़ रुपये तक हैं। इनमें लाइफ सपोर्ट सिस्टम और मिनी ऑपरेशन थिएटर की सुविधा भी मौजूद है। मगर विभाग को एक भी मेडिकल स्टाफ नहीं दिया गया। बिना मेडिकल स्टाफ के यह एंबुलेंस सामान्य गाडि़यां बनकर रह जाती हैं।

यह हैं बेड़े में

- 2 हाइटेक एंबुलेंस, लाइफ सपोर्ट सिस्टम के साथ

- 2 एंबुलेंस जिसमें छोटे ऑपरेशन की भी सुविधा

- 8 सामान्य एंबुलेंस जिनमें ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था है

- 6 बड़ी एंबुलेंस जिनमें दो से ज्यादा मरीज रखे जा सकते हैं

बयान

हमारे पास कई अत्याधुनिक एंबुलेंस हैं मगर मेडिकल स्टाफ नहीं होने से इनका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा। शासन से इस संबंध में पत्राचार किया जा रहा है, संभव है कि जल्द ही विभाग को कुछ डॉक्टर मिलें।

राकेश राय, मुख्य अग्निशमन अधिकारी वाराणसी