GORAKHPUR: कभी जेल जाने से परहेज न करने वाले बदमाश अब बेल कराने से कतराने लगे हैं। पुलिस के सख्त तेवर देखकर बदमाशों ने जमानत की अर्जी से परहेज कर लिया है। जमानत पर छूटने के बाद किसी अनहोनी की आशंका में कारागार के भीतर शातिरों को सुख-सुकून महसूस हो रहा है। जेल अधिकारियों का कहना है कि जमानत के लिए जोरदार पैरवी करने वाले बंदी छूटने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहे। इससे बंदियों की तादाद बढ़ती जा रही है.

 

पेशी पर जाने से कतरा रहे बंदी

जेल में बंद शातिरों ने पेशी पर रोक लगाने की डिमांड कर दी है। कई बदमाशों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी कराने की मांग रखी है। बाहर निकलने पर किसी तरह की अनहोनी का खतरा भांपकर बदमाशों ने जेल अधिकारियों से इसकी गुहार लगाई है। जेल प्रशासन से जुड़े लोगों का कहना है कि शातिर बंदियों को बाहर निकलने पर पुलिस से खतरे का अंदेशा है। यूपी में रोजाना चल रही कार्रवाई से परेशान होकर बंदी हर हाल में सलाखों के भीतर रहना चाहते हैं।

 

दूसरी जगहों पर कर रहे सरेंडर

गोरखपुर पुलिस की कार्रवाई से आजिज आकर माफिया विनोद उपाध्याय ने संतकबीर नगर जिले में सरेंडर कर दिया था। उसने कई बार गोरखपुर में सरेंडर करने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस की घेराबंदी देखकर भाग गया। हत्या के एक पुराने मामले में अपना वारंट रद कराकर वह जेल चला गया। उसे इस बात का डर सता रहा था कि गोरखपुर में समर्पण करने पर पुलिस उससे जेल में पूछताछ कर सकती है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कार्रवाई से तंग आकर बदमाश यह कदम उठा रहे हैं।

 

इनके मामले आए सामने

-जेल से छूटे माफिया प्रदीप सिंह को नए मामलों में पुलिस ने अरेस्ट करके दोबारा सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

-गोरखपुर पुलिस के डर से माफिया विनोद उपाध्याय ने संतकबीर जिले की कोर्ट में सरेंडर कर किया। वह गोरखपुर जेल में नहीं आना चाहता है।

-बदायूं जेल में बंद चंदन सिंह ने गोरखपुर में चल रहे मुकदमों में पेशी कराने से मना कर दिया है। उसने बदायूं से आनलाइन पेशी कराने की डिमांड की थी।

- गोरखपुर जेल में बंद संजय यादव पहले ही जेल प्रशासन से आनलाइन पेशी कराने की मांग कर चुका था। उसे हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था।

-पुलिस कार्रवाई के चलते ब्लाक प्रमुख सुधीर सिंह ने चुप्पी साध ली है। जेल से जुड़े लोगों का कहना है जमानत के लिए कोई तेजी नहीं दिखा रहा है।

-शातिर संजय शर्मा सहित कई शातिरों ने चुप्पी साध ली है। लूट और रंगदारी में जेल गए बदमाश ों को बाहर खतरा महसूस होने लगा है।

-जमानत पर छूटने के बाद पवन सिंह अंडरग्राउंड हो गया है। पुलिस कार्रवाई से अजीत शाही के जिला छोड़ने की सूचना है।

 

 

 

पुलिस कर रही कार्रवाई

-जेल से छूटे बदमाशों की पुलिस कड़ी निगरानी कर रही है।

-हार्डकोर क्रिमिनल, उनके मददगारों पर शिकंजा कसने के लिए टीम बनी है।

-पुलिस पर हमला करने वाले बदमाशों को उनकी भाषा में जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं।

-हर थानेदार कम से कम पांच बदमाशों की लिस्ट लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई में लगा है।

-हर मामले की मानीटरिंग एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज खुद कर रहे हैं।

-गुंडा, गैंगेस्टर और माफिया की कार्रवाई होने से दोबारा जेल जाना पड़ जा रहा है।

 

सितंबर में गोरखपुर पुलिस की कार्रवाई

कार्रवाई संख्या गिरफ्तारी

गैंगेस्टर 02 08 व्यक्ति

गुंडा एक्ट 40 00

वांछित 430 386

वाहन चोरी 00 21

पुरस्कार घोषित 19 01

 

वर्जन

अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस कार्रवाई कर रही है। आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके गिरफ्तारी की जा रही है। गैंगेस्टर और गुंडा एक्ट की कार्रवाई प्रचलित है। बदमाशों की हिस्ट्रीशीट खोलने का निर्देश दिया गया है। विभिन्न मुकदमों में फरार चल रहे बदमाशों की तलाश के लिए पुलिस टीम को लगाया गया है। समाज को भयमुक्त माहौल देने की प्राथमिकता पर काम किया जा रहा है।

सत्यार्थ अनिरुद्ध पकंज, एसएसपी

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