LUCKNOW :

यूपी में अपराधियों के खिलाफ पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई से जहां प्रदेश में आपराधिक वारदातों में कमी आई है वहीं, इसका साइड इफेक्ट दिल्ली में दिखने लगा है। दरअसल, यूपी पुलिस से दहशतजदा बदमाशों ने दिल्ली को अपना ठिकाना बना लिया है और संगीन वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। वारदात के बाद बदमाशों को दिल्ली व यूपी पुलिस ने दबोचा तो इसका खुलासा हुआ। जिसके बाद दिल्ली पुलिस की ओर से अलर्ट जारी किया गया है। इतना ही नहीं यूपी पुलिस से समन्वय बनाने के लिये मीटिंगों के भी दौर शुरू हो गए हैं।

 

बदमाशों की शिनाख्त से खुलासा

तीन दिन पहले दिल्ली में चार बदमाशों ने एक महिला पर फायरिंग कर उसकी चेन व मोबाइल लूट लिया और फरार हो गए। मंगलवार को बुलंदशहर में पुलिस नें मुठभेड़ के बाद शातिर लुटेरे फुरकान व उसके साथी को दबोचा तो इस घटना का खुलासा हुआ। इसी तरह उत्तर पूर्वी दिल्ली में डबल मर्डर में यूपी के कासगंज एरिया के कुख्यात अपराधी कासगंज निवासी राशिद वसीम और लोनी, गाजियाबाद निवासी राशिद गोलू का नाम सामने आया। जून महीने में अमरोहा और बिजनौर के अपराधियों ने एक ज्वैलरी शोरूम पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर लाखों रुपये के हीरे व सोने की ज्वैलरी लूट ली। जांच में पता चला कि बिजनौर निवासी दिलशाद, आबिद, रिजवान और शब्बू व अमरोहा निवासी सौरभ वर्मा ने इस वारदात को अंजाम दिया है। जिसके बाद दिल्ली व यूपी पुलिस की संयुक्त टीम ने इन बदमाशों की अरेस्टिंग की। यह तीन मामले तो वह हैं जिनका खुलासा हो गया, दिल्ली में हाल ही में दर्जनों ऐसी वारदातें घटित हुई जिनका खुलासा होना बाकी है। आशंका है कि यह वारदातें भी यूपी के बदमाशों ने अंजाम दी हैं।

 

यूं ही नहीं पनपा खौफ

दिल्ली के लिये सिरदर्द बन चुके अपराधियों के दिल में यूपी पुलिस का खौफ यूं ही नहीं पनपा है। दरअसल, योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाया। बीते आठ महीनों में पुलिस व बदमाशों के बीच 528 एनकाउंटर हुए। जिसमें 23 अपराधियों को ढेर कर दिया गया जबकि, 1315 अपराधी अरेस्ट किये गए। ऐसा नहीं कि इन एनकाउंटर्स में सिर्फ बदमाश ही ढेर या घायल हुए। इनमें 122 पुलिसकर्मी भी घायल हो चुके हैं। जबकि, चित्रकूट में डकैत बबुली कोल के साथ मुठभेड़ में दारोगा जेपी सिंह शहीद हो गए।

 

समन्वय के लिये बैठकें जारी

बीते आठ महीनों में दिल्ली के पूर्वी इलाके में आपराधिक वारदातों की बाढ़ आ गई है। गौरतलब है कि दिल्ली का यह इलाका यूपी की सीमा से जुड़ा हुआ है। साफ है यूपी पुलिस से दहशतजदा अपराधी अब दिल्ली में संगीन वारदातों को अंजाम देने के बाद वापस यूपी में लौट आते हैं। चूंकि, उनका दिल्ली पुलिस के पास कोई रिकॉर्ड नहीं होता, इसलिए उनके पकड़े जाने की संभावना भी कम होती है और यूपी में वारदात न करने की वजह से वे यूपी पुलिस की नजरों से बचे रहते हैं। इसी को देखते हुए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच, स्पेशल सेल व पूर्वी जिला पुलिस ने यूपी के पश्चिमी जिलों की पुलिस से समन्वय स्थापित किया है। इसी के साथ दोनों राज्यों की पुलिस आपस में संपर्क बनाएं हुए हैं और समय-समय पर बैठक कर इंटेलिजेंस व घटनाओं की जांच प्रगति को साझा कर रहे हैं।

 

 

- बीते आठ महीनों में यूपी पुलिस की कार्रवाई

528 एनकाउंटर्स

23 अपराधी ढेर

1315 अपराधी अरेस्ट

122 पुलिसकर्मी घायल

1 सब इंस्पेक्टर शहीद

Crime News inextlive from Crime News Desk