RANCHI : ऐ मेरे लाल, उठ तो जरा। स्कूल जाना है। दोस्तों के साथ घूमना है। ट्यूज्डे को स्टॉफ बैंक कॉलोनी, पिस्का मोड़ में सौवित की मां इंदू देवी अपने इकलौते बेटे की मौत को सहन नहीं कर पा रही थी। घर का इकलौता चिराग अब इस दुनिया में रहा, वह बेसुध हो रही थीं। मां बार-बार अपने बेटे को पुकार रही थी। उन्हें विश्वास ही नहीं हो पा रहा था कि सौवित अब इस दुनिया में नहीं है। इस दौरान वहां हर किसी की आंखे नम थी। मुहल्ले में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ था।

हरमू मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार

सौवित और विजय की डेड बॉडी का ट्यूज्डे की दोपहर पौने दो बजे रिम्स में पोस्टमार्टम हुआ। सौवित के फैमिली मेंबर्स की दशा को देखते हुए शव वाहन को घर से कुछ पहले ही रोक लिया गया। पर, इंदू वर्मा को इसका आभास हो चुका था। वह अपने बेटे की बॉडी से लिपट गईं। रो-रोकर उनका बुरा हाल था। जब डेड बॉडी को अंतिम संस्कार के लिए उठाने का वक्त आया तो मां उसे ले जाने नहीं दे रही थीं। इसके बाद हरमू स्थित मुक्तिधाम में चचेरे भाई हिमांशु वर्मा ने सौवित को मुखाग्नि दी, जबकि विजयकांत पांडेय की मुखाग्नि पिता त्रिभुवन पांडेय ने दिया।

पोस्टमार्टम में लेट

सौवित और विजय की डेड बॉडी का पोस्टमार्टम मंडे की शाम तक हो जाए, इसके लिए मुहल्ले के लोगों ने अरगोड़ा पुलिस से आग्रह किया था, पर पुलिस की सुस्ती की वजह से मंडे को पोस्टमार्टम नहीं हो सका। ट्यूज्डे को भी पोस्टमार्टम को लेकर कोताही बरती जा रही थी। ऐसे में फैमिली मेंबर्स ने एसएसपी प्रभात कुमार को फोन पर इसकी जानकारी दी। इसके बाद ही दोपहर में पोस्टमार्टम कर दोनों की डेड बॉडी फैमिली मेंबर्स को सौंपी गई।

स्कूल बस ने ले ली थी जान

अरगोड़ा थाना एरिया के हरमू पुल के पास डीएवी पुंदाग की बस ने दो बाइक सवार को रौंद दिया था। मंडे की दोपहर हुए इस हादसे में बाइक सवार सौवित और विजय की स्पॉट पर ही मौत हो गई थी। दोनों दोस्त पिस्का मोड़ स्थित स्टाफ बैंक कॉलोनी के रहनेवाले थे। सौवित मारवाड़ी कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रहा था तो विजय डोरंडा कॉलेज में इंटरमीडिएट का स्टूडेंट था।