-यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की टीम 21 मई को रिव्यू करने कैंपस आ रही है

-इंस्टीट्यूट में सिर्फ 60 टीचर्स परमानेंट , 66 टीचर्स की पोस्ट खाली

pradeep.tripathi@inext.co.in

KANPUR:

एचबीटीआई में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन(यूजीसी) की टीम एकेडमिक ऑटोनॉमी का रिव्यू करने ख्भ् मई को आ रही है। बुरी खबर ये है कि अगर टीम ने इंस्टीट्यूट को नियमों की कसौटी पर कसा तो फिर इंस्टीट्यूट की एकेडमिक ऑटोनॉमी हाथ से निकलना तय है।

.तो फिर यूनिवर्सिटी बनाने की कवायद किस लिए

एक तरफ संस्थान को यूनिवर्सिटी बनाने की कवायद तेजी से चल रही है, वहीं दूसरी और फैकल्टी की क्राइसिस से संस्थान जूझ रहा है। तीन साल बाद संस्थान में यूजीसी की टीम रिव्यू करने कैंपस विजिट पर आ रही है। इंस्टीट्यूट में इस वक्त सिर्फ म्0 टीचर्स ही परमानेंट हैं। जबकि सेंक्शन पोस्ट क्फ्क् हैं। एचबीटीआई के डीन ऑफ एकेडमिक अफेयर प्रो। पी के कमानी ने बताया कि संस्थान को इयर ख्008-9 के सेशन में एकेडमिक ऑटोनॉमी म् साल के लिए मिली थी। अब इयर ख्0क्ब्-क्भ् के सेशन में यूजीसी की एक्सपर्ट टीम कमेटी फॉर एक्सटेंशन ऑफ ऑटोनॉमी की समीक्षा करने ख्क् मई को कैंपस विजिट करेगी। कमेटी में करीब 7 मेंबर्स होंगे जो एकेडमिक ऑटोनॉमी को अपनी कसौटी पर कसेंगे।

गेस्ट फैकल्टी के सहारे शिक्षा

एचबीटीआई के क्ब् डिपार्टमेंट में करीब ख्भ्00 स्टूडेंट्स शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। जिसमें कि यूजी लेवल पर ख्ख्भ्0 और पीजी लेवल पर करीब ख्भ्0 स्टूडेंट्स संस्थान में हैं। करीब 9 डिपार्टमेंट से डिग्री स्टूडेंट्स को डिग्री प्रदान की जा रही है। करीब म्म् गेस्ट फैकल्टी के सहारे संस्थान में छात्रों को शिक्षा दी जा रही है। इयर ख्00म् से इंस्टीट्यूट में किसी भी टीचर का रिक्रूटमेंट नहीं हुआ है। करियर एडवांसमेंस स्कीम(कैस) में किसी भी टीचर को पिछले दस साल से प्रमोशन नहीं दिया गया है। दो टीचर तो बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो गए। हकीकत तो यह है कि जिन स्टूडेंट्स को टीचर्स ने पढ़ाया, वह प्रोफेसर बन गए और गुरू जी प्रमोशन की राह देखते रह गए। करियर एडवांसमेंस स्कीम के लिए बीओजी की 7ब्वीं मीटिंग में ग्रीन सिग्नल मिल चुका है। डायरेक्शन दिया गया कि साल में दो बार कैस से टीचर्स को प्रमोशन दिए जाएं, लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया।

केमेस्ट्री में कोई टीचर नहीं

गवर्नमेंट मे एचबीटीआई के लिए क्फ्क् टीचर्स की पोस्ट स्वीकृत की हैं। जिसमें इस वक्त म्म् पोस्ट वेकेंट हैं। म्भ् परमानेंट टीचर्स हैं, जिसमें भ् दूसरी यूनिवर्सिटी और संस्थान में टीचर्स हैं। संजीव कुमार आन क्यू आई पी में हैं। अहम बात यह है कि आज के टाइम केमेस्ट्री डिपार्टमेंट में एक भी टीचर नहीं है। प्रो। एसके उपाध्याय सत्रांत लाभ पर चल रहे हैं। डॉ। सीएल गहलौत अहमदाबाद की सेंट्रल यूनिवर्सिटी में हैं, वह ऑन लियन हैं। डायरेक्टर ने उन्हें लेटर जारी कर 8 मार्च तक ज्वाइन करने का आदेश दिया था। प्रो। ओंकार सिंह पं। मदनमोहन मालवीय टेक्निकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर हैं। प्रो। विनय पाठक कोटा ओपन यूनिवर्सिटी के वीसी हैं। प्रो। रघुराज सिंह केएनआईटी सुल्तानपुर के डायरेक्टर हैं। यह सभी प्रोफेसर ऑन लियन पर हैं।

इंस्टीट्यूट में वेकेंट फैकल्टी का ब्यौरा

विभाग- प्रोफेसर- एसोसिएट प्रो.- असिस्टेंट प्रो।

मैकेनि। क् ख् क्

आयल। ख् फ् -

फिजिक्स - - क्

प्ला.टेक्नो। क् - ख्

ट्रेनिंग। क् - -

मैथ क् - -

इलेक्ट्रा। क् क् -

इलेक्ट्रि। क् ख्

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केमिकल ख् ब् भ्

लेदर क् - ख्

बायोटे। ख् फ् ख्

केमेस्ट्री ख् क् क्

सिविल क् भ्

ह्यूमिनि। - - -

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की टीम ख्क् व ख्ख् मई को कैंपस में एकेडमिक ऑटोनॉमी का रिव्यू करने आ रही है। फैकल्टी की कमी है, लेकिन अगर कहीं पर संकट आएगा तो फिर टीम को रिटेन में फैकल्टी रिक्रूटमेंट के लिए दिया जाएगा।

-प्रो। एके नागपाल, एचबीटीआई डायरेक्टर