-यूनिवर्सिटी प्रशासन ने शुक्रवार की दोपहर 12 बजे तक हॉस्टल खाली करने का जारी किया था फरमान

-सुबह सात बजे से ही हॉस्टल छोड़ने लगे थे स्टूडेंट्स

-अगले आदेश तक क्लासेज सस्पेंड

RANCHI: चेहरे पर मायूसी, नम आंखें, हाथ में बैग और मन में एक बेचैनी लिए स्टूडेंट्स ने शुक्रवार को सीयूजे हॉस्टल खाली कर दिया। कब वापस आएंगे किसी को नहीं पता। जी हां, गुरुवार को यूनिवर्सिटी की ओर से हॉस्टल खाली करनेफरमान के बाद कोई स्टूडेंट रात में सो नहीं पाया। रात भर अपना सामान पैक करते रहे और सुबह होते ही अपने घर को विदा हो गए।

हॉस्टल खाली करने का था फरमान

सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड के हजारों स्टूडेंट्स ने शुक्रवार को कैंपस में साइन डाई लगने के बाद हॉस्टल खाली कर दिया। बारिश के बावजूद स्टूडेंट ऑटो और प्राइवेट गाड़ी कर स्टेशन रवाना हुए। वहीं कुछ स्टूडेंट हॉस्टल में सामान पैक कर रहे थे। सुबह सात बजे से ही स्टूडेंट हॉस्टल छोड़कर जाने लगे थे। दोपहर 12 बजे तक 80 परसेंट स्टूडेंट्स ने हॉस्टल खाली कर दिया। गौरतलब हो कि प्रशासन की ओर से कैंपस में गुरुवार की रात से ही फोर्स तैनात कर दिया गया था, ताकि मामला बढ़ने पर उसे नियंत्रित किया जा सके।

कई स्टूडेंट्स नोटिस मानने को तैयार नहीं

एक ओर जहां स्टूडेंट्स हॉस्टल छोड़कर जा रहे थे। वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक भवन के पास 10-20 स्टूडेंट्स दोपहर 12 बजे तक जमे हुए थे। उनका कहना था कि ये कैसा साइन डाई है कि हमारे फैकल्टी अपने क्लासरूम में जा रहे हैं और सभी डिपार्टमेंट भी ओपेन हैं। इसके अलावा जो नोटिस दिया गया है उसमें न तो वीसी का साइन है और न ही यूनिवर्सिटी का मुहर है। हमें जब तक सही नोटिस नहीं मिलेगा, तब तक हम यहां से नहीं जाएंगे।

चेहरे पर थी मायूसी

हॉस्टल छोड़ते समय कई स्टूडेंट्स के चेहरे पर मायूसी थी। हॉस्टल के सभी सामान को ऑटो में चढ़ाते समय स्टूडेंट की आंखे नम हो गई। अपने दोस्तों को विदा कर कई स्टूडेंट अपने-अपने घर चले गए। यूनिवर्सिटी के फरमान से कोई भी स्टूडेंट खुश नहीं था। लेकिन प्रशासन के आने के बाद किसी भी स्टूडेंट ने इसका विरोध नहीं किया और सामान समेट कर घर चले गए। एक दूसरे से मिले और उसके बाद दोबारा मिलने की बात कहीं।

स्टेशन पर स्टूडेंट्स की भीड़ (फोटो के साथ)

सीयूजे के कई स्टूडेंट्स ट्रेन से अपने घर जाने के लिए रांची रेलवे स्टेशन पहुंचे, तो काउंटर पर टिकट लेने के लिए भीड़ जमा हो गई। बिहार, दिल्ली, यूपी और साउथ ईस्ट जाने के लिए स्टूडेंट्स टिकट कटा रहे थे। स्टेशन पर सामान के साथ स्टूडेंट्स ट्रेन का इंतजार कर रहे थे।

12 घंटे के फरमान से स्टूडेंट को हुई परेशानी

सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड के हजारों स्टूडेंट्स को 12 घंटे के फरमान से भारी परेशानी हुई। कुछ स्टूडेंट्स बिहार और झारखंड के रहने वाले थे, जिन्हें कम परेशानी हुई। लेकिन, जो छात्र राजस्थान, यूपी और साउथ ईस्ट के थे, उन्हें सबसे अधिक परेशानी हुई। स्टूडेंट्स का कहना है कि 12 घंटे में कहां से हमे टिकट मिलेगा और हम कैसे घर जा पाएंगे। कम से कम उसके लिए तो समय दिया जाना चाहिए था। लेकिन अब उनके लिए परेशानी बढ़ गई है जिससे उनको समझ में नहीं आ रहा है कि वो घर कैसे जाएं।

बोले प्रभारी वीसी- 15 दिन में सलट जाएगा मामला (बॉक्स)

प्रभारी वीसी डॉ। एएन मिश्रा का कहना है कि मामले को पंद्रह दिन के अंदर ही निपटा लिया जाएगा। इधर, सेंट्रल यूनिवर्सिटी में साइन डाई लगने के बावजूद लाइब्रेरी और बाकी क्लासरूम खुले हुए हैं। इसके बारे में चीफ कम्यूनिकेशन ऑफिसर राहुल चतुर्वेदी ने बताया कि समस्याओं का निराकरण करने के लिए ही विभाग को खोला गया है। वहीं, प्रशासन की ओर से पुलिस अधिकारी कैंपस में खड़े थे, जो किसी भी स्टूडेंट को अंदर नहीं जाने दे रहे थे।

अगले आदेश तक क्लास सस्पेंड (बॉक्स)

सेंट्रल यूनिवर्सिटी के चीफ कम्यूनिकेशन ऑफिसर राहुल चतुर्वेदी का कहना है कि अगले आदेश तक सभी क्लासेज सस्पेंड रहेंगी। केवल एडमिनिस्ट्रेटिव एक्टीविटी जारी रहेगी। ये कब तक रहेगा मैं भी नहीं कह सकता हूं। लेकिन एक बात है जब तक स्थिति सुधर नहीं जाती साइन डाई लागू रहेगा।