'फालतू' को दोबारा स्टेज पर लाए स्टूडेंट्स

कुछ कहे बिना सिर्फ इशारों से ही अपनी बातें कह देने की आर्ट सभी के पास नहीं होती। 2011 में रिलीज हुई मूवी 'फालतू' की जान कहे जाने वाले स्टेज परफॉर्मेंस ने जहां बिना कुछ बोले ही काफी कुछ कह दिया था, ठीक वैसी ही परफॉर्मेंस यूनिवर्सिटी के स्टेज पर देखने को मिली। स्टूडेंट्स द्वारा पेश की गई माइम में स्टूडेंट्स ने वुमेन इम्पॉवरमेंट के मुद्दे पर बिन कहे ही काफी कुछ कह दिया और दुनिया को यह बता दिया कि 'गल्र्स अब अबला नहीं है'।

दिखा बंदूक थामने वाले हाथों का दूसरा चेहरा

यूनिवर्सिटी के इस कल्चरल प्रोग्राम में एनसीसी में बंदूक संग खेलने वाली गल्र्स ने अपने लोगों को अपने दूसरे चेहरे से रूबरू कराया। 'चल जा रे नटखट' सांग पर अनुश्री वर्मा ने मेल और फीमेल दोनों ही का रोल प्ले करते हुए खूब वाहवाही बटोरी, वहीं 'पिया के संग ओढऩी' सांग पर शिवानी , वर्षा, रोमिशा, मोहिनी, लता और मोनिका ने ग्रुप परफॉर्मेंस दी। इसके साथ ही अरुण ने कैलाश खेर के सांग को अपनी आवाज दी। वहीं सलोनी मिश्रा ने 'इन दिनों दिल मेरा मुझ से यूं कह रहा' पर अपनी आवाज का जादू बिखेरा।

हंस-हंस के लोटपोट हुए लोग

यूनिवर्सिटी में ऑर्गेनाइज कल्चरल प्रोग्राम में सिर्फ डांस और आवाज का जादू ही नहीं बल्कि हंसी का भी एक्स्ट्रा डोज मौजूद था। इससे वहां मौजूद लोग हंस-हंस कर लोटपोट हो गए। प्रोग्राम के दौरान 'डायरेक्टर' के दर्द को लेकर बनाए गए शॉर्ट प्ले में लोग हंसते-हंसते लोटपोट हो गए। वहीं वीसी प्रो। पीसी त्रिवेदी और डीएसडब्लू प्रो। रजनीकांत पांडेय के साथ कई मिनिस्टर्स की मिमिक्री कर शुभेंदु ने भी व्यूवर्स को खूब हंसाया। वहीं स्टूडेंट्स द्वारा पेश किए गए 'गड्ढा' प्ले ने भी लोगों को इतना हंसाया कि उनके पेट में दर्द पैदा हो गया।

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