- वीडियोग्राफी के जरिए होगा सभी स्कूल्स का निरीक्षण

- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हर महीने होगी विभागीय समीक्षा

- स्कूल्स में खूल कूद को लेकर भी होंगे नए प्रयास

DEHRADUN : अब स्टेट बोर्ड के स्कूल्स अपना 'झूठ' नहीं छुपा सकेंगे। इतना ही विभागीय सेटिंग का खेल भी अब काम नहीं करेगा। अब विभाग स्कूल्स का नियमित मासिक और औचक निरीक्षण करेगी। किसी भी प्रकार की कोताही पर तुरंत कार्रवाई के भी निर्देश हैं। साथ ही निरीक्षण को पूरा प्रॉसेस तीसरी आंख में कैद होगा। विभाग द्वारा निरीक्षण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान डायरेक्टर जनरल स्कूल एजुकेशन डी सेंथिल पांडियन ने यह निर्देश जारी किए। साथ ही सेशन ख्0क्भ्-क्म् के लिए स्कूल्स को कैसे बेहतर किया इसे लेकर भी दिशा निर्देश दिए।

अधिकारियों को लिया आड़े हाथों

शिक्षा निदेशालय में आयोजित हुई समीक्षा बैठक में डायरेक्टर जनरल डी सेंथिल पांडियन ने विभाग अधिकारियों को स्कूल्स और विभागीय व्यवस्थाएं बेहतर करने को लेकर निर्देश दिए। इस दौरान विभाग के ढुलमुल रवैये पर अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने किसी भी प्रकार की कोताही बरतने पर सख्त कार्रवाई की बात भी कही। उन्होंने निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाए जाने पर भी कार्रवाई न करने वाले बीआरसी/सीआरसी और ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर के खिलाफ भी विभागीय कार्यवाही की संस्तुति किए जाने की बात कही। इस दौरान ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट लक्सर मंगेश घिल्डियाल द्वारा अशिक्षा एवं निवारण मॉडल प्रस्तुत किया गया। सर्वे में क्लास क् से 8 तक के स्टूडेंट्स की हिंदी लिखने व पढ़ने के कौशल में कमी के कारण बाकी विषयों पर भी कमजोर पकड़ की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। सर्वे की सराहना करते हुए सर्वे को विभागीय स्तर पर सभी जिलों में लागू किए जाने का निर्णय लिया गया।

स्टूडेंट्स को मिले बेहतर सुविधाएं

स्टेट की स्कूल एजुकेशन के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। इसी को देखते हुए स्कूल्स में नेक्स्ट सेशन में बेहतर सुविधाएं प्रदान किए जाने और विभागीय कार्यवाही को पारदर्शी बनाए जाने के साथ ही स्कूल्स में शिक्षकों की मनमानी, स्कूल्स की व्यवस्थाएं, स्टूडेंट्स को बेहतर इलाज और पीने का पानी मुहैया कराया जाना, वार्षिक कार्ययोजना में खेल कूद गतिविधियां, कौशल और अभिवृत्ति विकास गतिविधियों को समाहित करने के साथ ही स्कॉलरशिप का समुचित लाभ कैसे दिया जाए इसे लेकर अहम फैसले और दिशा निर्देश दिए गए।

बैठक में अहम फैसले व निर्देश

- भ् फरवरी तक स्कूल्स का स्थलीय निरीक्षण करते हुए संसाधनों की कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत की जाए।

- वार्षिक कार्ययोजना बनाने से पूर्व ब्लॉक स्तर पर बैठक आहूत की जाए।

- कार्ययोजना में शारीरिक व खेल-कूद गतिविधि, कौशल एवं विकास गतिविधियां शामिल की जाएं।

- स्कूल्स का नियमित मासिक व औचक निरीक्षण और निरीक्षण के समय वीडियोग्राफी की जाए।

- स्टूडेंट्स को स्वास्थ्य लाभ व कुपोषित बच्चों को उच्च चिकित्सकीय केंद्रों में इलाज मुहैया कराया जाए।

- बच्चों के व्यक्तिगत स्वच्छता एवं किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के जरिए स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी जाए।

- हर महीने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विभागीय समीक्षा की जाएगी।

- कोर्ट द्वारा पारित आदेशों का अनुपालन की स्थिति की समीक्षा की जाए।

- स्टूडेंट्स को उपलब्ध करायी जा रही स्कॉलरशिप दिए जाने को लेकर मासिक समीक्षा की जाए।

- शिक्षकों के अध्यापन कुशलता का मूल्यांकन करना व डायट के जरिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाए।

- स्कूल्स में पीने के पानी की गुणवत्ता का परीक्षण कराया जाए।

- निरीक्षण के दौरान गैरहाजिर शिक्षकों पर कार्रवाई की जाए।

- कार्रवाई में लापरवाही पर बीआरसी/सीआरसी व खंड शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई।