655 स्कूलों के काटे कनेक्शन, बिलबिला रहे बच्चे

बोले, सैकड़ों स्कूलों में बिजली कनेक्शन ही नहीं दिया, जिन्हें दिया उनका बकाया के नाम पर काट दिया

Meerut : पावर कारपोरेशन ने बिजली बिल जमा न होने पर मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र के 655 सरकारी विद्यालयों के बिजली कनेक्शन काट दिए हैं। अफसरों की लापरवाही का खामियाजा मासूम बच्चे भुगत रहे हैं। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने लोकसभा में इस समस्या को उठाकर उसके समाधान की मांग की है। जिससे दोनों विभागों में हड़कंप मच गया है।

बच्चों का क्या दोष

मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने शुक्रवार को संसद के शून्यकाल के दौरान सरकारी स्कूलों में भीषण गर्मी में बिल बकाया के चलते बिजली कनेक्शन काट दिए जाने की शिकायत की। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर सरकार बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए फ्री किताबें, ड्रेस व दोपहर का फ्री खाना उपलब्ध करा रही है। तमाम योजनाएं चला रही है वहीं स्कूलों में बच्चे गर्मी में बिलबिला रहे हैं। जिन स्कूलों में बिजली कनेक्शन हैं उनमें से 655 स्कूलों की बिजली पावर कारपोरेशन अफसरों ने बिल जमा न होने के कारण काट दिए हैं। बिल का भुगतान न होने में छात्र छात्राओं का क्या दोष है? उन्होंने सभी विद्यालयों में बिजली के कनेक्शन सुनिश्चित कराने तथा काटे गए कनेक्शनों को जल्द से जल्द जुड़वाने की मांग की। साथ ही कहा कि बिजली बिल जमा न होने पाने के कारणों की भी जांच की जाए तथा उन कारणों का समाधान किया जाए। वहीं लोकसभा में मामला उठने से पावर कारपोरेशन तथा शिक्षा विभाग के अफसरों में हड़कंप मच गया है।

इन्होंने कहा

बिजली बिल बकाया होगा तो कनेक्शन काटने का अधिकार विभाग को है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की यह लापरवाही है जिसे बच्चे भुगत रहे हैं। इस बार बकाया वसूली की सख्ती के दौरान पीएसी, अस्पताल, सरकारी ऑफिस सभी स्थानों पर बिजली कनेक्शन काटे गए।

राधेश्याम यादव, मुख्य अभियंता मेरठ क्षेत्र, पावर कारपोरेशन

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वर्तमान में कुल 204 स्कूलों के बिजली कनेक्शन कटे हुए हैं। मार्च में 13 लाख रुपये की ग्रांट बिल भुगतान के लिए आयी थी। इससे पूर्व दो साल तक कोई ग्रांट नहीं मिली थी। मार्च में आयी धनराशि विद्युत विभाग में जमा करा दी गयी थी। अब करीब सवा करोड़ रुपये का बिल भुगतान बकाया है। मार्च में आयी धनराशि को जमा करने के बाद स्कूलों के कटे कनेक्शन जोड़ने के लिए विद्युत विभाग के अधिकारियों को लिखा गया है।

-भारत भूषण त्यागी, खंड शिक्षा अधिकारी मेरठ