- नोट बेचकर हर सीजन में 11 लाख रुपए से अधिक का होता है बिजनेस

>BAREILLY:

भारतीय रिजर्व बैंक के नोट के दुरुपयोग न करने के नियम के बावजूद शहर में नोट बेचकर नोट कमाने का धंधा खूब फल-फूल रहा है। आरबीआई के नियमों को दरकिनार कर खुलेआम बाजार में फ्रेश नोट की गड्डियों से नोट निकाल कर माला बनाकर बेची जा रही है। जिसके चलते मियाद पूरी होने से पहले ही नोट खराब हो जा रही है। नतीजतन मार्केट में नोट चलाने दिक्कत आती है। जबकि जिम्मेदार इसे रोकने की जहमत नहीं उठा रहे हैं।

लाखों रुपए का कारोबार

भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम आरबीआई एक्ट 1934 व बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 के मुताबिक नोट का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता है, लेकिन शहर के कुतुबखाना और बड़ा बाजार जैसे प्रमुख मार्केट में इसका दुरुपयोग खुलेआम हो रहा है। नोट को स्टेपलर कर उसकी माला बनाकर इसका कारोबार खूब फल-फूल रहा है। हर सीजन में दुकानों से लाखों रुपए का कारोबार करती हैं। माला बनाने में सबसे अधिक इस्तेमाल दस और बीस रुपए के नोट का होता है। एक दुकानदार ने बताया कि 500 रुपए तक के बने नोट की माला 550 और 1,000 रुपए तक की बनी माला 1,100 में बिकती है। शहर में गांव के भी लोग नोट की माला खरीदने और नए नोट लेने के लिए आते हैं। एक अनुमान के मुताबिक, एक सीजन में 11 लाख रुपए से अधिक का बिजनेस हाेता है।

एक माला 50 से अधिक पंच

शहर में 30 से भी अधिक दुकानें इस बिजनेस से जुड़ी हुई हैं। जो वैवाहिक कार्यक्रम का सामान मउर, पगड़ी के साथ ही नत्थी किए नोट की माला भी बेंच रहे हैं। दुकानदार माला को नया लुक देने के लिए स्टेपलर का इस्तेमाल भी धड़ल्ले से कर रहे हैं। एक छोटी माला तैयार करने में 50 से अधिक बार स्टेपलर किया जाता है। जबकि, बड़ी माला तैयार करने में 100 से अधिक बार स्टेपलर करना पड़ता है।

फॉर योर इंफॉर्मेशन

- 30 से अधिक दुकानें शहर में।

- 80 से अधिक मालाएं सीजन में एक दुकानदार बेंचता है।

- एक हजार रुपए की बनी माला 11 सौ में बिकती है।

- बड़ाबाजार, कुतुबाखाना है मुख्य मार्केट।

नोट के साथ यह न करें

- स्टेपल और धागे से नत्थी न करें।

- पेन या पेंसिल से कोटेशन न लिखे।

- नोट को कई बार नहीं मोड़ना चाहिए।

- नोट को रंगों से न रंगे।