-आठ सदस्यीय टीम ने किया निरीक्षण, चार दिनों तक चला निरीक्षण

PATNA : सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ कश्मीर के वीसी प्रो मेहराजुद्दीन की अध्यक्षता में आठ सदस्यीए नैक (नेशनल असेस्मेंट एंड एक्त्रेडिटेशन कौंसिल) टीम ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार (सीयूएसबी) का मूल्यांकन पूरा हो गया।

नैक टीम ने अपने चार दिवसीय दौरे में ख्म् से ख्9 अप्रैल के दौरान विवि के पटना एवं गया में किराए के मकान में चल रहे कैंपस का निरिक्षण किया। टीम के सदस्यों ने पंचानपुर (गया) में यूनिवर्सिटी के स्थायी कैंपस में बन रहे भवनों का भी निरिक्षण किया। टीम इस मामले में विभिन्न पक्षों से अलग-अलग मुद्दों पर फीड बैक लिया।

टीम के दौरे के अंतिम दिन पटना कैंपस में प्रस्थान (एग्जिट) मीटिंग का आयोजन किया गया। सीयूएसबी के वीसी प्रो हरीश चन्द्र सिंह राठौर ने नैक एग्जिट मीटिंग में नैक टीम के अध्यक्ष प्रो मेहराजुद्दीन और अनकी टीम प्रति आभार प्रकट किया। नैक टीम के अध्यक्ष प्रोफेसर मेहराजुद्दीन ने अपने सम्बोधन में सीयूएसबी के नवनिर्मित यूनिवर्सिटी होने के बावजूद एक अच्छे और प्रगतिशील संस्थान के रूप में उल्लेखनीय काम किया है.इस अवसार पर रलिस्ट्रार डॉ गायत्री विश्वनाथ पाटिल, फाइनेंस ऑफिसर गिरीश रंजन, परीक्षा नियंत्रक प्रणब कुमार सरकार, प्रो अरुण कुमार सिन्हा, प्रो तेज बहादुर सिंह मुख्य रूप से उपस्थित थे।

शीध्र होगी ग्रेडिंग की घोषणा

मीटिंग के पश्चात वीसी प्रोफेसर राठौर ने कहा की हालांकि सीयूएसबी एक नवनिर्मित संस्थान है लेकिन हमारे पास नेक के मापदंडों के अनुसार अच्छी रैंकिंग प्राप्त करने के लिए उचित संसाधन एवं सुविधाएँ मौजूद हैं। उन्होंने कहा की हमारे पास उत्कृष्ठ शैक्षिक वातावरण होने के साथ-साथ शोध के लिए उचित संसाधन उपलब्ध हैं, जिसने हमें इस छेत्र में एक बेहतरीन संस्थान के रूप में पहचान दिलाया है। चॉइस बेस्ड क्त्रेडिट सिस्टम पर आधारित सेमेस्टर सिस्टम, समय पर परीक्षाओं का आयोजन, अच्छे जॉब प्लेसमेंट आदि प्रमुख विशेषताएँ हैं। अत: हमें यह आशा है कि नेशनल असेस्मेंट एंड एक्त्रेडिटेशन कौंसिल में अच्छी रैंकिंग प्राप्त होगी, जिसकी घोषणा नैक मुख्यालय द्वारा शीघ्र ही की जाएगी।

आठ सदस्यीय टीम में ये लोग थे शामिल

पीआरओ मो मुदस्सीर आलम ने बताया की नैक टीम में अध्यक्ष प्रोफेसर मेहराजुद्दीन के साथ सदस्य समनवयक प्रो के के बजाज, सदस्य प्रो एस बी सिंह, डॉ सुरेश चाँद, डॉ एम विमला, प्रोफेसर नसीब सिंह गिल, प्रो आर के एस ढाकरे, एवं प्रो जी पी ठाकुर शामिल रहे।