PATNA : पटना में गोल्ड की तस्करी करने वाले स्मगलर तैयार हो रहे हैं। नेपाल से लेकर दिल्ली तक उनका बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। पटना को इसके लिए सेंटर बनाया गया है। कस्टम के आंकड़ों पर गौर करें तो हर साल लगभग दो करोड़ का सोना सीज किया जा रहा है। कस्टम की सख्ती के बाद थोड़ा अंकुश लगा है। गोल्ड के साथ साथ अन्य कई मादक पदार्थो की तस्करी भी बढ़ी है। कस्टम के अधिकारियों का प्लान है कि वर्ष 2018-19 में सिक्योरिटी का पहरा और सख्त किया जाएगा जिससे तस्करों के नेटवर्क का मंसूबा पूरी तरह से ध्वस्त होगा।

-चौंकाने वाला है 1 साल का आंकड़ा

एक साल में कस्टम विभाग ने 36.50 करोड़ की तस्करी का माल पकड़ा है। सूत्रों का कहना है कि इसमें बड़े पैमाने पर गोल्ड भी था। कस्टम विभाग के मुख्य आयुक्त केसी गुप्ता ने बताया कि हाल के वर्षों में बिहार से तस्करी की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है। अधिक संख्या में तस्करी का सामान पकड़ा गया है। इसमें कई ऐसे सामान हैं जिसकी तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। कस्टम विभाग इसपर गंभीर है और अभियान चला रहा है।

सोने की चमक फीकी कर रहे गोल्ड तस्कर

सूत्रों की मानें तो गोल्ड के तस्कर पटना से पूरे देश में तस्करी का नेटवर्क चला रहे हैं। गोल्ड की चमक फीकी करने के लिए वह टैक्स की बड़े पैमाने पर चोरी कर रहे हैं। कस्टम विभाग की सख्ती से हर साल नेटवर्क को बड़ी चोट दी जा रही है लेकिन इसके बाद भी उनका मंसूबा पूरी तरह से पस्त नहीं हो रहा है। जानकारों का कहना है कि गोल्ड तस्करी पर अंकुश के लिए सरकार ने कई व्यवस्था बनाई है। इस नए प्लान पर काम भी किया जा रहा है।

-पटना में सक्रिय सोना-सिगरेट के तस्कर

कस्टम के अफसरों की मानें तो विदेशी सिगरेट, रेडीमेड गारमेंट, नारकोटिक्स, गरम मसाले सहित अधिक संख्या में तस्करी कर लाए जा रहे हैं। अधिकारियों की मानें तो तस्करी मुख्यत: गुवाहाटी से पटना व अन्य स्टेशनों से दिल्ली जाने वाली ट्रेनों से की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में कस्टम के पटना आयुक्तालय द्वारा कुल 36.50 करोड़ का तस्करी का सामान जब्त किया गया है, जिसमें 8.64 करोड़ का माल पटना कस्टम की टीम ने पकड़ा है।

-कस्टम विभाग ने सूचना तंत्र को किया एक्टिव

कस्टम विभाग सूचना तंत्र को एक्टिव करने में लगा है। बेहतर सूचना प्रणाली बनाने के लिए जोर दिया जा रहा है। अधिकारियों की मानें तो तस्करी का कारोबार बढ़ा है और इस कारण से ही टीम को पूरी तरह से सूचना तंत्र को एक्टिव करने के लिए लगाया गया है। सूचना तंत्र पूरी तरह से एक्टिव होकर काम करेगा तो बड़ा से बड़ा नेटवर्क उजागर होगा।