रिसर्च में सायनाइड और तांबे के कंपाउंड का किया गया यूज

बोस्टन, प्रेट्र: दुनिया के सबसे जहरीले केमिकल कंपाउंड यानि सायनाइड की धरती पर जीवन की उत्पत्ति में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। अमेरिका में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च के बाद यह दावा किया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि है कि सायनाइड और कॉपर (तांबे) के मिश्रण को अल्ट्रावॉयलेट रोशनी के संपर्क में लाने पर शुगर बनने की प्रक्रिया होती है। इस शुगर से RNA न्यूक्लिओटाइड का निर्माण हो सकता है। रिसर्च टीम का कहना है कि धरती पर किसी भी जीव का विकास RNA यानी रिबोन्यूक्लिक एसिड से ही हुआ था। इसी आधार पर वैज्ञानिक मान रहे हैं कि धरती पर जीवों की उत्पत्ति में सायनाइड से महत्वपूर्ण रोल प्ले किया था।

सबसे खतरनाक जहर सायनाइड ने धरती पर जीवन की उत्‍पत्ति में निभाया बड़ा रोल


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पुराने एक्सपेरीमेंट को नए तरीके से आजमाया, तो सामने आया ये रिजल्ट

सबसे पहले 2012 में ब्रिटेन के रिसर्चर्स ने सायनाइड और कॉपर से ग्लाइकॉलडीहाइड और ग्लिसरिलडिहाइड जैसी नॉर्मल शुगर बनाने की बात कही थी। उस समय वैज्ञानिकों ने दोनों के सघन मिश्रण के साथ 254-नैनोमीटर वेवलेंथ (तरंग की लंबाई) का प्रकाश उत्पन्न करने वाले लैंप का प्रयोग किया था। उस रिसर्च में सामने आया कि धरती के शुरुआती दिनों में आज के मुकाबले छोटे वेवलेंथ का प्रकाश टकराया था। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता टॉड और डिमिडार ने इस बार अलग तरीके का प्रयोग किया और इस कंपाउंड की कम मात्रा को जेनॉन लैंप से निकलने वाले कम तीव्र प्रकाश के संपर्क में लाकर प्रयोग को दोहराया। प्रिज्म के उपयोग से अलग वेवलेंथ वाले प्रकाश को बार-बार मिश्रण के संपर्क में लाया गया। कई घंटों तक चले इस प्रयोग में वैज्ञानिकों ने मिश्रण से शुगर बनने की पुष्टि कर दी है। इस रिजल्ट के बाद अब वैज्ञानिक यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या अन्य ग्रहों के माहौल में भी इस टेस्ट से कुछ नए परिणाम आ सकते हैं क्या।

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