- बरेली की घटना के बाद इलाहाबाद पुलिस हुई एलर्ट

- ग्रुप बनाकर उल्टे सीधे पिक्चर शेयर किए तो खैर नहीं

<- बरेली की घटना के बाद इलाहाबाद पुलिस हुई एलर्ट

- ग्रुप बनाकर उल्टे सीधे पिक्चर शेयर किए तो खैर नहीं

piyush.kumar@inext.co.in

ALLAHABAD: piyush.kumar@inext.co.in

ALLAHABAD: कहीं कोई घटना होती है तो सोसल साइट्स पर उसका तुरंत रिएक्शन देखने को मिलता है। कुछ लोग अपने कमेंट करते हैं तो कुछ लोग सिस्टम के प्रति अपनी भड़ास निकालते हैं। यकीनन हर कोई ऐसा करने के लिए स्वतंत्र है। लेकिन ऐसा करने के दौरान अगर आप ऐसी कोई पिक्चर अपलोड करते हैं, कमेंट लिखते हैं जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे तो आपकी खैर नहीं। बरेली में हुई घटना के बाद से इलाहाबाद पुलिस ने सोसल साइट्स पर निगहबानी शुरू कर दी है। ऐसे मामलों में तत्काल रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

बरेली में हुआ है हंगामा

कुछ दिन पहले ही बरेली डिस्ट्रिक्ट के बारादरी एरिया में पुलिस से झड़प हुई थी। इस घटना के बाद से वहां पर किसी ने फेसबुक पर एक प्रोफाइल बना लिया। इस प्रोफाइल में कई लोग जुड़ते चले गए। फिर वहां पुलिसिया झड़प की पिक्चर अपलोड की गई और उल्टे सीधे कमेंट पास किए गए। जिससे मामला भड़क उठा। फिर क्या था। जब वहां के लोगों को इसकी जानकारी हुई तो पुलिस से कंप्लेन की गई। अब पुलिस ग्रुप के एडमिन की तलाश में जुट गई है। आईपी एड्रेस की मदद से जांच की जा रही है कि ऐसा करने वाला शख्स कौन है।

भावनाओं को काबू में रखें

सोशल साइट्स पर आज कोई भी बड़ी घटना से संबंधित पिक्चर तेजी से सर्कुलेट हो रही है। ऐसे में हर कोई पिक्चर देखकर अपना कमेंट पास कर देता है। कमेंट नहीं किया तो कम से कम उसको लाइक ही कर देता है। एक बार लाइक करने से उस व्यक्ति के प्रोफाइल में जुड़े सभी फ्रेंड को वह पिक्चर पहुंच जाती है। कुछ ही पल में पिक्चर वायरल बन जाती है। ऐसे में अगर कोई भड़काऊ पिक्चर आपके प्रोफाइल में अपलोड करता है तो उसे देखकर अनदेखा कर दें। नहीं तो आप भी साइबर अपराधी बन जाएंगे।

नहीं चल पाएगी स्मार्टनेस

पुलिस ने बताया कि कुछ लोग जानबूझ कर ग्रुप बनाकर ऐसी पिक्चर अपलोड करते हैं जिससे धार्मिक भावनाएं भड़कें। ऐसा करने वाले खुद को स्मार्ट समझते हैं। फेक आईडी से प्रोफाइल बनाते हैं। आईपी एड्रेस छिपा लेते हैं और ताकि डिटेल में बाहर का आईपी एड्रेस शो करे। लेकिन वे नहीं जानते हैं कि कोई कितना भी स्मार्ट क्यों न बन जाए, पुलिस उसे ट्रेस कर लेगी। फिर ऐसा करने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई होगी।

-फेसबुक या सोसल साइट्स के थ्रू होने वाले क्राइम की मानिटरिंग के लिए साइबर सेल बनाया गया है। यह सेल मानिटरिंग करती हैं। अगर कोई करता है तो उसके खिलाफ एनएसए की कार्रवाई भी की जाएगी।

अरुण कुमार

एसपी क्राइम