Now Cyber Zehad

जमीनी जेहाद और लव जेहाद के बाद एक नये तरह का जेहाद सिक्योरिटी एजेंसियों की नींद उड़ाये हुए है। ये जेहाद साइबर व‌र्ल्ड में चल रहा है। ना सिर्फ जेहाद के नाम पर अनाप-शनाप और फर्जी पिक्चर्स और कंटेंट के साथ लोगों को उकसाया जा रहा है बल्कि साथ ही साथ ऐसे लोगों की तलाश हो रही है जो जमीनी जेहाद में साथी बन सकें। पढि़ये ये चौंकाने वाली रिपोर्ट

अब इंटरनेट पर तलाशे जा रहे जेहादी

- अमन के दुश्मन अशांति फैलाने के लिए अपना रहे अलग तरीका

- साइबर व‌र्ल्ड के जरिए जेहादियों की फौज तैयार करने की कोशिश

- आतंकियों के नये तरीके को नाकामयाब करने को पुलिस ने कसी कमर

VARANASI : इंसानी दुनिया में अमन-चैन छीनने की फिराक में लगे फिरकापरस्त अब अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए एक नयी दुनिया में घुसपैठ कर चुके हैं। साइबर व‌र्ल्ड में साइबर जेहाद छेड़ दिया है। साइबर जेहाद के रूप में ये धार्मिक भावनाओं को उकसाने वाले और नफरत का बीज बोने वाली तस्वीरों, वीडियो, टेक्स्ट मैटर का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे पोस्ट को एक्टिवली शेयर करने वालों और कमेंट करने वालों पर इनकी नजर है। ऐसे लोगों को ये अप्रोच कर साइबर जेहाद की फौज में शामिल कर रहे हैं।

आईबी के पास पुख्ता जानकारी

वास्तव में साइबर जेहाद के नये तरीके से देश के दुश्मन हमारी की सरजमीं पर ऐसे नौजवानों की फौज खड़ी करना चाहते हैं जो सिस्टम से नाराज हैं। जिन्हें और उकसाया जाये तो वो खून खराबा भी कर सकें। या फिर स्लीपिंग मॉड्यूल के तौर पर हार्ड कोर टेरेरिस्ट को हेल्प पहुंचा सकें। इसकी पुख्ता जानकारी इंटेलिजेंस के पास है। इंडियन मुजाहिदीन के आईटी एक्सपर्ट एजाज शेख से सिक्योरिटी एजेंसीज की पूछताछ में भी संगठन के खतरनाक इरादों का पता चला है। त्योहार के इस मौसम पर जब इंसानी भावनाएं अपने चरम पर होती हैं तब वह कुछ ऐसा कहर बरपा देना चाहते हैं जिसे देख दरिंदा भी घबरा उठा। ऐसे खतरनाक मंसूबों को हर हाल में रोकने के लिए पुलिस ने कमर कस लिया है। डिपार्टमेंट के साइबर एक्सपर्ट की नजरें हर हरकत पर पैनी नजर जमाए हैं।

बेहद खतरनाक हैं इरादे

इंसानियत के दुश्मन तमाम आतंकवादी संगठन देश में अशांति फैलाना चाहते हैं। उन्हें इंसानी प्यार और मुल्क की सलामती बिल्कुल भी पसंद नहीं है। इंडियन मुजाहिदीन पूर्वाचल की सरजमीं पर गहरे तक पैठ बना चुका है। यह संगठन अन्य आतंकी संगठनों की मदद से कई बार आतंक फैला चुका है। एक बार फिर बनारस समेत कई शहरों पर आतंक का साया मंडरा रहा है। आतंक को अंजाम देने के लिये इन्हें और लोगों की तलाश है जिसके लिये साइबर जेहाद को जोर-शोर से इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में पढ़े-लिखे जेहादी बनाये जा सकें।

आतंकियों लिए त्योहार का वक्त बेहद मुफीद रहता है। उसकी कोशिश बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने की रहती है। साथ ही ये लोगों की भवानाएं भड़ाका कर दंगा-फसाद भी करना चाहते हैं। ये चाहते हैं कि किसी भी हाल में ज्यादा से ज्यादा इंसानी खून बहे। ताकि उनकी दहशत पूरी दुनिया में कायम हो सके। इंडियन मुजाहिदीन के पकड़े गए आईटी एक्सपर्ट आतंकी के पास ऐसे ढेरों मैटेरियल मिले हैं जिन्हें साइबर व‌र्ल्ड में यूज किया जाना था। पूछताछ में उसने बताया कि इस काम को रियाज और मोहसीन चौधरी जैसे कई आतंकियों की टीम अंजाम देतीं।

ऐसे चल रहें चालें

-बेहद टाइट हो चुकी सिक्योरिटी के चलते वह रियल व‌र्ल्ड में कुछ भी कर पाने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं

-इंसानियत के दुश्मनों में साइबर में व‌र्ल्ड में जबरदस्त घुसपैठ बना ली है

-इस दुनिया की बेहतर समक्ष रखने वाले प्रशिक्षित आतंकी वीभत्स वीडियो अपलोड करा रहे हैं

-ऐसे फोटो अपडोल कर रहे हैं जो किसी भी इंसान को विचलित कर दे

-ऐसे कमेंट्स लिखे जा रहे हैं जो धार्मिक भावनाओं को भड़काते हैं

-तमाम आडियो लाए जा रहे हैं जिसमें किसी व्यक्ति को अनाप-शनाप बातें कहते सुना जाता है

-पोस्ट किए जाने वाले वीडियो कहीं और के होते हैं जबकि उन्हें अपने देश का कोई हिस्सा बताते हैं

-फोटो में सच्चाई कम और छेड़छाड़ अधिक होती है

-आडियो खुद तैयार करते हैं जबकि उसे कट्टरवादी व्यक्ति या संगठन के नाम से जारी करते हैं

नौजवान हैं निशाने पर

-आतंकियों के निशाने पर नौजवान हैं। वह उनकी भावनाओं को भड़का रहे हैं।

-आतंकी संगठन ऐसे यंगस्टर्स की तलाश में हैं जो बिल्कुल मासूम हों

-यंगस्टर्स तक अपनी बातें और इरादे पहुंचाने का सबसे बेहतर तरीका साइबर व‌र्ल्ड है

-इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों में सबसे अधिक संख्या यंगस्टर्स की है

-ईमेल, फेसबुक, ट्विटर, वाट्सअप समेत ढेरों सोशल नेटवर्किग साइट्स के जरिए दुनिया से जुड़े हुए हैं

-सिर्फ बनारस की बात करें तो दस लाख लोग इंटरनेट यूज कर रहे हैं

-इनमें छह लाख यंगस्टर्स हैं। इनमें से तीन लाख के पास स्मार्ट फोन है जिसके जरिए हर वक्त उनका जुड़ा साइबर व‌र्ल्ड से रहता है

-आंतकी संगठन पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट को निशाना बना रहे हैं। इनकी संख्या बनारस में भ्0 हजार से अधिक है

-साड़ी के कारोबार से जुड़े करीब एक लाख यंगस्टर्स पर उनकी नजर है। पढ़े-लिखे बेरोजगार युवक आसानी से फंदे में आ सकते हैं

हर वक्त वारदात की फिराक में

आतंकियों ने अभी तक आधा दर्जन बार बनारस में खून-खराबा किया है। आतंकी संगठन हर वक्त यहां आतंक फैलाने की फिराक में हैं। इसके लिए वह बनारस और आसपास अपने नेटवर्क मजबूत करते जा रहे हैं। आईएसआई, इंडियन मुजाहिदीन, जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े कई कुख्यात नामों का यहां से जुड़ाव रहा है। यासीन भटकल, एजाज शेख, तहसीन मोनू, आसिफ अली, आमिर अहमद, अब्दुल करीम टुंडा, अख्तर हुसैन, अबुरज्जाक मसूद जैसे आतंकी का कनेक्शन पश्चिमी के साथ पूर्वी यूपी में खासकर बनारस और आसपास मिला है। इस वक्त बनारस और संवेदनशील हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने की वजह से यहां की छोटी-छोटी खबर इंटरनेशनल न्यूज बन रही है। आतंकी भी यही चाहते हैं। नजदीक है दुर्गा पूजा, दीपावली समेत ढेरों त्योहार आ रहे हैं। इस वक्त पूरा शहर पूरा शहर मस्ती में डूबा होगा। ऐसे में कोई वारदात होती है तो दुनिया की निगाह तुरंत बनारस की ओर होगी।

चौकन्नी है नजर

बनारस की पुलिस और इंटेलिजेंस की सतर्कता की वजह से टेरेरिस्ट को यहां आतंक फैलाने का मौका एक अरसे से नहीं मिला है। पुलिस उनके साइबर वार को भी पस्त करने की पूरी तैयारी कर चुकी है। साइबर व‌र्ल्ड की खास जानकारी रखने वाले पुलिस के जवान साइबर सेल में जम चुके हैं। वह सोशल नेटवर्किग साइट्स पर होने वाली हर हरकत पर नजर जमाए हैं। हर उस शख्स को चेक किया जा रहा है जो लगातार भड़काऊ मैटेरियल पोस्ट कर रहे हैं। ऐसे लोगों टै्रक किया जा रहा है जो फेक आईडी के जरिए इंसानियत में नफरत फैलाने का सामान सामने ला रहे हैं। बकायदा ऐसे लोगों की लिस्ट तैयारी की जा रही है। उनके कनेक्शन की जांच की जा रही है। जैसे ही कोई संदिग्ध नजर आया वह पुलिस के शिकंजे में होगा।

साइबर व‌र्ल्ड पर होने वाली हर हरकत पर पुलिस की नजर है। साइबर एक्सपर्ट पुलिस के जवान मुस्तैद हैं और चीजों पर उनकी बारीक निगाह है। शहर के अमन-चैन को नुकसान पहुंचाने वाली किसी को भी कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।

-जोगेन्द्र कुमार, एसएसपी