-एसएससी ने परीक्षार्थियों किया आगाह, कहा नम्बर अलग होने से नहीं मिलेगा कोई फायदा

-जीरो मा‌र्क्स देकर बाहर कर दिए जाते हैं अभ्यर्थी, कई एग्जाम्स में हो चुका है ऐसा

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ALLAHABAD: स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी) ने अभ्यर्थियों के अनुरोध को खारिज कर दिया है। अभ्यर्थियों ने आयोग से गुहार लगाई थी कि ओएमआर आंसर शीट पर दिए गए बुकलेट नम्बर के मिसमैच हो जाने भर से उनकी उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन न किए जाने का निर्णय वापस लिया जाए। अभ्यर्थियों की इस गुहार को ठुकराते हुए एसएससी ने साफ कर दिया है कि वह ऐसा कुछ भी करने का इरादा नहीं रखता।

ऑनलाइन होता है कैंडिडेट्स का ब्यौरा

बता दें कि एसएससी अपने एग्जाम्स में ओएमआर आंसर शीट पर रोल नम्बर, नाम, सिग्नेचर, टिकट संख्या, हस्ताक्षर जैसी गलतियां करने वाले अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट का मूल्यांकन नहीं करता है। गलत जानकारी भरने वाले ऐसे अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन न करने के अलावा उन्हें जीरो मा‌र्क्स देकर बाहर कर दिया जाता है। प्रत्येक एग्जाम के रिजल्ट के बाद आयोग जीरो मा‌र्क्स पाने वाले अभ्यर्थियों का ब्यौरा ऑनलाइन भी करता है।

कॉपी ही नहीं जांची जाती

मालूम हो कि पिछले कई एग्जाम्स ऐसे रहे हैं। जिनमें हजारों की संख्या में इस तरह की गलतियां करने वाले अभ्यर्थियों की आंसर शीट इवैलुएट नहीं की गई और एसएससी ने इस तरह के सभी अभ्यर्थियों को जीरो मा‌र्क्स देकर बाहर कर दिया। इनमें वे अभ्यर्थी भी शामिल हैं। जिन्होंने ओएमआर आंसर शीट पर बुकलेट नम्बर गलत भर दी थी। एसएससी के सोर्सेस का कहना है कि व्यापक पैमाने पर ऐसे अभ्यर्थियों ने आयोग से अपील की थी कि केवल बुकलेट संख्या गलत हो जाने के आधार पर उन्हें बाहर न किया जाए और उनकी कांपियों का मूल्यांकन किया जाए।

एग्जामिनेशन प्रॉसेस के लिए है जरूरी

भारी पैमाने पर अभ्यर्थियों की ओर से अपील मिलने के बाद अब एसएससी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाएगा। एसएससी की ओर से जारी की गई सूचना में स्पष्ट कहा गया है कि ओएमआर आंसर शीट और बुकलेट नम्बर आपस में मिसमैच न हों। क्योंकि इनका उपयोग आगे एग्जामिनेशन प्रॉसेस में महत्वपूर्ण होता है। जानकारों का कहना है कि नम्बर मिसमैच होने से यह ट्रेस करना मुश्किल हो जाता है कि अभ्यर्थी ने किस सिरीज की क्वेशचन बुकलेट हल की है। एग्जाम के समय परीक्षार्थियों को अलग अलग सिरीज की बुकलेट दी जाती है।