फॉच्र्युन रिफाइंड सोयाबीन ऑयल की प्रस्तुति दैनिक जागरण आई नेक्स्ट बाइकाथन सीजन-9 के रजिस्ट्रेशन में बस एक दिन शेष

ALLAHABAD: बाइकॉथन सीजन 9 के आयोजन के लिए अगर अभी तक आपने अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया तो आज ही अपना रजिस्ट्रेशन कराए। क्योकि अगर अभी चूके तो फिर आपको मौका नहीं मिलेगा। 29 अक्टूबर यानी संडे को शानदार बनाने का इससे बेस्ट मौका आपको नहीं मिलेगा। जहां आपको मस्ती के साथ खुद को फिट रखने का मौका भी मिलेगा।

सिटी स्पीक्स-1

दिल से साइकिल की याद जाती ही नहीं

साइकिल मेरे दिल के सबसे करीब है। बाइकॉथन सीजन-9 आया है तो फिर से साइकिल की तमाम यादें किसी फिल्म के सीन सरीखी आंखों के सामने घूमने लगी हैं। बचपन के दिनों में मुझे साइकिल से स्टंट करने का बहुत शौक था। यह शौक इस हद तक रहा कि मैं अक्सर घर से साइकिल उठाकर लेकर चला जाता था। जीभर के साइकिल चलाता, स्टंट करता, गिरता-पड़ता, धूल में लिपटा घर पहुंचता तो डांट भी पड़ती। लेकिन आज कहूं तो साइकिल की वो यादें ही सबसे ज्यादा मजेदार है।

-योगेश गोयल

महामंत्री, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल

सिटी स्पीक्स-2

व्यस्त समय में भी साइक्लिंग के लिए निकालें समय

साइकिल चलाना अपने आप में पूरी बॉडी की एक्सरसाइज है। इसलिए हर किसी को साइक्लिंग करनी चाहिए। इसके लिए अपने व्यस्त समय में साइकिलिंग के लिए जरूर समय निकालें। स्वास्थ्य लाभ के लिए हर किसी को प्रतिदिन नियमित रूप से कम से कम आधे घंटे का समय निकालना चाहिए। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की ये प्रस्तुति समाज को पर्यावरण संरक्षण के साथ ही खुद की फिटनेस पर भी फोकस करने का मैसेज देती है। इसलिए सभी को इस महा आयोजन में पार्टिसिपेट करना चाहिए।

-ओपी बलोदी, रीजनल हेड, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया

सिटी स्पीक्स-3

साइक्लिंग हमेशा से रहा मेरा पैशन

साइक्लिंग वैसे तो सभी करते हैं। लेकिन साइक्लिंग को लेकर मेरा हमेशा से पैशन रहा है। स्कूल से घर लौटने के बाद होमवर्क और दूसरे काम पूरा करने के बाद मैं अपनी साइकिल के साथ निकल पड़ती थी। हालांकि आज के समय में बच्चों में साइक्लिंग को लेकर ज्यादा क्रेज नहीं दिखता है। इसके लिए जरूरी है कि पैरेंट्स बच्चों को प्रोत्साहित करें। जिससे बच्चे खुद की फिटनेस और हेल्थ के लिए अवेयर हो सके। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट को बधाई देती हूं कि उन्होंने ऐसे आयोजन कराया।

सोनू सिंह, निदेशक डीपीएस

सिटी स्पीक्स-4

जमकर चलाएं साइकिल, सेहत बनाएं

आज की जनरेशन साइक्लिंग से कोसों दूर हो चुकी है। स्कूल-कॉलेज में एडमिशन लेते ही बच्चे पैरेंट्स से बाइक या स्कूटी की मांग करने लगते हैं। जबकि, पूर्व में कॉलेज लाइफ तक साइकिल का यूज होता था। इससे फिटनेस बरकरार रहती थी। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट द्वारा बाइकॉथन के जरिए बेहतर इनीशिएटिव लिया जा रहा है। इसके जरिए यंग जनरेशन से लेकर हर एजग्रुप के लोगों को फिटनेस और स्वच्छ वातावरण का संदेश दिया जा रहा है।

-आरएन विश्वकर्मा, डीआईओएस

सिटी स्पीक्स-5

साइक्लिंग का अपना अलग ही मजा है

बचपन के दिनों में साइकिल का एक अलग ही क्रेज था। मुझे याद है कि जिन बच्चों के पास साइकिल होती उनका अलग की टशन होता था। हमारे मोहल्ले में एक लड़का था, जिसके पास नई साइकिल थी। इसके दम पर वह सबपर खूब रौब गांठता था। वह दूसरे लड़कों से कुछ न कुछ लेकर उन्हें अपनी साइकिल चलाने के लिए भी देता था।

-आकाश गुप्ता, टर्निग प्वॉइंट इंस्टीट्यूट