GORAKHPUR: विभिन्न वार्डो में जनसुविधाओं का हाल जानने के क्रम में सोमवार को दैनिक जागरण - आई नेक्स्ट टीम शहर के सबसे पुराने मोहल्लों में पहुंची। जगह, वार्ड नं 67 शेषपुर एरिया (पहले वार्ड 70 था)। सड़क, बिजली पानी आदि बुनियादी सुविधाओं का हाल पिछले वार्डो की तरह ही यहां भी बदहाल ही मिला। हरवंश गली की तरफ से वार्ड में पहुंचते ही धीरेंद्र चौरसिया मिल गए। बताने लगे कि एरिया में शुद्ध पेयजल की इतनी कमी है कि लोग बालू युक्त सप्लाई का पानी ही पीने को मजबूर हैं। वहीं, गंदी नालियां, जाम और आवारा पशुओं ने भी यहां रहना मुश्किल कर रखा है।

हक और हकीकत

पानी

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शेषपुर एरिया में पड़ने वाले मोहल्लों की सबसे बड़ी समस्या है शुद्ध पानी की कमी। यहां के लोगों ने बताया कि वार्ड के 90 प्रतिशत हैंडपंप खराब पड़े हुए हैं। वहीं, ट्यूबवेल्स की स्थिति भी खराब है। इसके चलते 300 से अधिक घरों में गंदा पानी ही सप्लाई हो रहा है। इसकी कंप्लेन भी की जाती है तो रोड खोदकर पाइपलाइन को किसी दूसरी पाइपलाइन में जोड़ दिया जाता है। लेकिन समस्या जस की तस बनी रहती है। यही हाल खूनीपुर चौराहे पर भी है। यहां तो पानी में कीड़े तक निकलने की शिकायत आती रहती है।

जाम

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बेहद व्यस्त मार्केट वाले इस एरिया की तंग गलियों में पब्लिक को आए दिन ही जाम के झाम से जूझना पड़ता है। इसका प्रमुख कारण है एरिया में कहीं भी पार्किग की व्यवस्था ना होना। इसके अलावा सड़कों पर अतिक्रमण और रोड पर ही खड़ी गाडि़यां भी जाम की वजह बन जाती हैं। एरिया के लोगों ने कई बार जिम्मेदारों से यहां पार्किग की व्यवस्था कराने को कहा लेकिन कभी इसके लिए कोई कवायद नहीं की गई।

सफाई

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इस वार्ड के मोहल्लों में सफाई व्यवस्था का हाल भी कुछ अच्छा नहीं है। यहां की गलियों में नालियां कचरे से पटी पड़ी हैं। लोगों ने बताया कि छह माह से इन नालियों की सफाई ही नहीं हुई है। स्थिति ये है कि सुबह जब घरों का गंदा पानी बहुत अधिक मात्रा में निकलता है तो नालियां ओवरफ्लो होने लगती हैं। गीता प्रेस के सामने हरवंश गली में तो कई जगह कचरे से पटी नालियां सड़क के बराबर हो गई हैं। वहीं, गलियों में कचरा फैला रहता है। लोगों का कहना है कि पब्लिक कूड़ा घर से निकालकर रोड के किनारे रख तो देती है, लेकिन सफाई कर्मियों के ना आने के कारण यह कचरा सड़क पर ही फैल जाता है। वहीं मार्केट वाले एरिया में दुकानों से निकला मलबा भी सड़क पर फैला रहता है।

बिजली

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शहर की सबसे घनी आबादी वाला एरिया है शेषपुर। यहां सबसे चौड़ी गली 10 फीट से अधिक नहीं है। इस गली में झूलते तार और पोलों में बंधे केबल दुर्घटना को दावत दे रहे हैं। इन तारों के जाल के कारण बारिश के मौसम में अक्सर शॉर्ट सर्किट हो जाता है और घरों में हाई वोल्टेज करंट दौड़ने लगता है। दो साल पहले इन्हीं तारों के कारण एक घर में हाई वोल्टेज करंट से ड्रॉइंग रूम में आग लग गई थी। जिसमें एक लाख रुपए का सामान जलकर खाक हो गया था।

आवारा पशु

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इस वार्ड में भी आवारा जानवरों की खासी दहशत है। पिछले दो साल में इस एरिया में आवारा जानवरों के हमले के कारण दो लोगों की मौत और आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। बीते जनवरी माह में एक सफाई कर्मी को आवारा जानवर ने घायल कर दिया था। लोगों ने बताया कि सफाई ना होने के कारण गलियों में आवारा जानवर घूमते रहते हैं। अक्सर इनके चलते कोई ना कोई घायल हो जाता है।

पार्षद- संजीव कुमार सिंह

कितनी बार से हैं- दो बार से पार्षद

एजुकेशन - पोस्ट ग्रेजुएशन

जनसंख्या- 20 हजार

वोटर - 10773

फीमेल -5020

मेल- 5753

मोहल्ले

दीवान दयाराम, खूनीपुर, साहबगंज आंशिक, उर्दू बाजार, रेती, घंटाघर

पब्लिक डिमांड

- सफाई के लिए एक निश्चित समय का निर्धारण किया जाए

- वार्ड में कम से कम दो नए ट्यूबवेल लगाए जाएं

- वार्ड को दो हिस्सों में बांट कर सफाई की जाए

- मोहल्ले के तारों को अंडरग्राउंड किया जाए, जिससे फॉल्ट की समस्या ना हो

- नालियों की सफाई के लिए विशेष अभियान चलाया जाए

- मोहल्लों में मलबा निस्तारण के लिए विशेष अभियान चले

वार्ड बोलता है

शेषपुर एरिया में सबसे बड़ी समस्या सफाई की है। यहां स्थिति यह है कि सफाईकर्मी डेली आते ही नहीं हैं। अगर सफाई कर्मी आते भी हैं तो मेन मार्केट में ही सफाई करते उनका समय बीत जाता है और मोहल्लों की हालत जस की तस ही रह जाती है।

- सुनीता देवी, हाउसवाइफ

इस वार्ड को देखकर कोई कह नहीं सकता कि यह सीएम के शहर का हिस्सा है। नालियां कचरे से पटी हुई हैं। लोग घरों का कूड़ा रख देते हैं, लेकिन उसे उठाने के लिए कोई आता ही नहीं है।

- अहमद ख्वाइश, स्टूडेंट

वार्ड में 90 प्रतिशत हैंडपंप बंद पड़े हुए हैं। वहीं 300 से अधिक ऐसे घर हैं, जिनके यहां पिछले एक साल से गंदा पानी सप्लाई हो रहा है। कंप्लेन होती है तो जिम्मेदार मात्र पाइपलाइन बदलकर चले जाते हैं, लेकिन गंदे पानी का सामाधान नहीं होता।

- सुशील अग्रहरी, व्यापारी

नगर निगम के जिम्मेदार एरिया से मलबा उठवाने में काफी लापरवाही बरतते हैं। जिम्मेदारों से शिकायत करने पर एक दूसरे के पास दौड़ाते हैं लेकिन मलबा नहीं हटता है।

- संजू मिश्रा, संरक्षिका रामजानकी मंदिर

जवाब दो पार्षद जी

रिपोर्टर - वार्ड की कितनी समस्याएं दूर हुई हैं?

पार्षद - जलजमाव अब अब बहुत कम हो गया है, वार्ड की हर गली इंटरलॉकिंग है, स्ट्रीट लाइट के 100 प्रतिशत प्वाइंट जल रहे हैं।

रिपोर्टर - वार्ड में आज भी 300 से अधिक ऐसे घर हैं जहां गंदा पानी सप्लाई होता है?

पार्षद- वार्ड में पानी की समस्या है, जलकल अधिकारियों ने इस पूरे मामले में खेल किया है। पिछले दो साल में जितने भी ट्यूबवेल लगे हैं उनसे बालू युक्त पानी की समस्या बनी हुई है। वहीं हरवंश गली में तो गर्मी में पानी पहुंचता ही नहीं है। वहां पानी पहुंचाना प्राथमिकता में है।

रिपोर्टर - वार्ड की सड़कें मलबा और गंदगी से पटी हुई हैं?

पार्षद - वार्ड में मलबा की समस्या सबसे अधिक है। क्योकि मेरे वार्ड में 80 प्रतिशत व्यावसायिक हैं और सफाई कर्मी आबादी के मानक पर तैनात किए गए हैं। कई बार नगर निगम सदन में इस मुद्दे को उठाया कि यहां मोबाइल मजिस्ट्रेट वाली सफाई कर्मियों की टीम गठित की जाए। जिससे कोई मलबा रोड पर गिराए तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो सके।