वार्ड - 58 (पूर्व में वार्ड नंबर 62)

वार्ड का नाम - तिवारीपुर

पार्षद - ममता पटेल

कितनी बार से - पहली बार

जनसंख्या - 17645

मतदाता - 12207

-----------------

GORAKHPUR: किसी कॉलोनी को वहां अच्छा या बुरा, वहां की सुविधाओं को देखकर ही कहा जाता है। यदि कॉलोनी में पार्क है, रोड, नाली अच्छी है, सफाई है, पेयजल की व्यवस्था है, बिजली दुरुस्त है तो कॉलोनी अच्छी मानी जाती है लेकिन तिवारीपुर की पब्लिक इन सुविधाओं में किसी से भी संतुष्ट नहीं है। रविवार को दैनिक जागरण- आई नेक्स्ट ने इस कॉलोनी में एंट्री की तो पब्लिक की नाराजगी समझ में आ गई। पार्क की बाउंड्री गायब है, बिजली पिछले तीन माह से दिन में गायब है, लोगों के घरों में गंदे पानी की सप्लाई हो रही है, नाली जाम है, रोड टूटी हैप्रॉब्लम इतनी है कि सुविधा के सवाल पर भी यहां लोग असुविधाएं गिनाने लग जाते हैं।

बिजली

मोहल्ले में विकास की कहानी बिजली के तार बयां करते हैं। आज भी तिवारीपुर एरिया में ओवरलोड लाइन, ओवरलोड ट्रांसफॉर्मर की समस्या बनी हुई है। तिवारीपुर के साई मंदिर से आगे जाने पर दो ट्रांसफॉर्मर दिखते हैं, दोनों पर आज तक पैनल गार्ड नहीं लगा है। जिसके कारण कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। तिवारीपुर आवास विकास कॉलोनी में तार और पोल को देखकर लोगों के अंदर डर फैल जाता है। घर से मात्र एक से दो फीट पर तो कई घरों के दीवार से टच करते हुए तार गुजरी है। लोग अपनी सेफ्टी के लिए तारों में पाइप लगाए हैं।

सफाई

मोहल्ले में सफाईकर्मियों की भारी कमी है। जिसके कारण सफाई कार्य बहुत अधिक प्रभावित हो गया है। वार्ड में जगह-जगह गंदगी फैली हुई है। सफाई कर्मियों के न आने का परिणाम यह होता है कि मजबूरन लोग मोहल्ले में खाली प्लाटों को कूड़ा घर बना दिया है। नगर निगम के अगर सफाई कर्मी कहीं दिख जाते हैं तो वह भी केवल सड़कों को ही साफ करते हैं। किनारे या प्लाटों में फैली गंदगी की तरफ देखते ही नहीं है। मोहल्ले की नालियां कबाड़ से पटी हुई हैं। अगर कभी शिकायत होती है तो सफाई तो हो जाती है, लेकिन उसके बाद फिर से सफाई कर्मी गायब हो जाते हैं। अगर कॉलोनियों में सही से और समय से सफाई हो तो स्थिति सुधर सकती है।

पानी

वार्ड में पानी की कोई समस्या नहीं है, लेकिन नगर निगम के पिानी को लोग पीना तो दूर, घर के कपड़े तक धोने में भी यूज नहीं कर पाते हैं। तिवारीपुर थाना के पीछे वाले एरिया में पिछले तीन दिन से पानी सप्लाई ही बंद है तो सांई मंदिर और सूरजकुंड रेलवे क्रासिंग के पास तीन माह से गंदा पानी आ रहा है। वार्ड में लगे अधिकतर इंडियामार्का हैंडपंप या तो खराब हो गए हैं या पानी देना ही बंद कर दिए हैं। पब्लिक परेशान होकर जलकल अधिकारियों को कंप्लेन कर रही है, लेकिन इनका दर्द को सुनने वाला कोई नहीं है।

आवारा जानवर

वार्ड की हर गली में दिन हो या रात आवारा जानवरों का आतंक कायम है। दिन में गायों और सांड़ों का आतंक रहता है तो कुत्तों के डर के कारण रात को 11 बजे के बाद लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है। यही नहीं दिन में घरों के सामने जानवर खड़े हो जाते हैं। बड़े लोग तो बचकर निकल जाते हैं लेकिन छोटे-छोटे बच्चों को दौड़ा देते हैं। पिछले साल तिवारीपुर थाने के पास और सूरजकुंड क्रासिंग के पास दो लोगों को सांड़ ने घायल कर दिया था।

पार्क

तिवारीपुर आवास विकास कॉलोनी के बीच में पार्क कूड़ादान में तब्दील हो गया है। बाउंड्री टूट गई है, लेकिन नगर निगम की लापरवाही का परिणाम है कि पार्क के उद्घाटन के लिए लगा शिलापट्ट की गायब हो गया है। लोग कंप्लेन करते हैं तो आश्वासन मिलता है पैसा आने के बाद मरम्मत कर दी जाएगी लेकिन नगर निगम मरम्मत की कौन कहे पार्क की सफाई व्यवस्था तक सही नहीं किया है।

---------

कॉलिंग

जलकल से मिलने वाला पानी बहुत ही गंदा है। कई बार ऐसा होता है कि पानी आता ही नहीं है और जब आता है तो पानी में बालू या नाली के कीड़े भरे रहते हैं। इस पानी का तो हम लोग उपयोग ही बंद कर दिए हैं।

क्षमा दूबे, हाउसवाइफ

बिजली की तो बहुत अधिक प्राब्लम है। पिछले दो माह से दिन में तो हम लोगों को बिजली मिल ही नहीं रही है। तार बदलने के नाम पर बिजली काट रहे हैं, लेकिन मोहल्ले के तार आज भी लटके हुए हैं।

सविता मिश्रा, हाउसवाइफ

वार्ड की सफाई का आलम यह है कि सफाई कर्मी मुख्य रास्ते की तो सफाई कर देते हैं, लेकिन गलियों में आते ही नहीं है। पब्लिक ने मजबूरी में मोहल्ले के बीच खाली प्लाटों को ही कूड़ादान बना दिया है। अगर सफाई कर्मी डेली आते तो आज यह स्थिति नहीं होती।

इशाक अहमद उर्फ गोलू, दुकानदार

दिन हो या रात यहां आवारा जानवरों की समस्या बनी रहती है। दिन में गाय और सांडों का सड़कों पर कब्जा रहता है और रात को कुत्तों का कब्जा हो जाता है। इन आवारा जानवरों के डर से कई बार तो लोग अपना रास्ता ही बदल देते हैं।

- विकास श्रीवास्तव, दुकानदार